फजीहत होने पर दर्ज करना पडा एसडीएम व विधायक के गुर्गाें पर मुकदमा
– 16 मई को एसडीएम डुमरियागंज और विधायक के लोगों ने किया था कवरेज के दौरान पत्रकार की पिटाई
– डुमरियागंज पुलिस ने मामूली धाराओं मे मुकदमा दर्ज कर मामले को निपटाया
बस्ती। मण्डल के सिद्वार्थनगर के डुमरियागंज के पत्रकार अमीन फारूकी को बेवा सीएचसी पर कवरेज के दौरान सत्ताधारी नेताओं, एसडीएम डुमरियागंज और विधायक के गुर्गों द्वारा मारने पीटने का मामला तूल पकड़ता नजर आ रहा है। घटना 16 मई है। विधायक, एसडीएम और सीओ की मौजूदगी में पत्रकार पर हुये प्राणघातक हमले से फजीहत होता देख पुलिस कप्तान ने इसे पत्रकारों के दो पक्षों का विवाद बताते हुये बयान जारी किया था। जिससे पुलिस की भी छीछालेदर चारो तरफ हो रही है। हलाके डुमरियागंज पुलिस ने पीडित के तहरीर पर मामूली धाराओं मे मुकदमा तो दर्ज कर लिया है। लेकिन घटना मे शामिल तथाकथित गुण्डों को बचाने का हर सम्भव प्रयास कर रही है।
जबकि घटना को अंजाम देने वालों में विधायक का चालक, भाजपा से अभी हाल में बीडीसी का चुनाव जीत चुका एक नेता और निजी स्वार्थ में एसडीएम तथा विधायक के इर्द गिर्द मड़राने वाले गुर्गे शामिल हैं। हमला करने वालों में कोई पत्रकार नही है और न ही पत्रकारिता से कोई लेना देना है। इतना ही नही घटना के दिन ही शाम को सेशल मीडिया पर एक साजिश के तहत फर्जी पोस्ट वायरल कर दी गयी कि दोनो पक्षों में समझौता हो गया है वे घर जा चुके हैं। फिलहाल घटना के बाद पूरा प्रशासनिक अमला डैमेज कन्ट्रोल में जुटा है, दूसरी ओर पीड़ित पत्रकार ने पुलिस अधीक्षक को तहरीर देकर दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग किया है।
बातचीत में पीड़ित पत्रकार ने बताया कि लाकडाउन का पालन कराने में डुमरियांगज प्रशासन पक्षपातपूर्ण रवैया अपना रहा था। कई मामलों को उठाते हुये सम्पूर्ण रिपोर्ट दिखाई गयी। एसडीएम त्रिभुवन प्रसाद और विधायक के चेहेत नीरज दूबे का एक होटल खुला हुआ था, जिसे बाद में बंद करना पड़ा, साथ ही डुमरियांगज क्षेत्र के गांव धनोहरी में 8 लोग कोरोना से मर गये। रसूख में अंधे हो चुके प्रशासनिक अधिकारियों ने गांव में पैरासीटामाल तक नही बंटवाया। सत्ता की गांद में बैठकर वे मनमानियों को अंजाम देते रहे। हमला करने वालों में एक सत्यप्रकाश श्रीवास्तव है जो अभी जिला पंचायत का चुनाव लड़े हैं, लवकुश ओझा निवर्तमान प्रमुख के प्रतिनिधि हैं और खुद इस बार बीडीसी का चुनाव जीते हैं।
हमला करने वालों में कोई पत्रकार नही है। सभी एसडीएम त्रिभुवन प्रसाद और विधायक के गुर्गे हैं और इलाके में उनके संरक्षण में तरह तरह से दलाली करते हैं। उन्होने कहा लोकतंत्र के चैथे खंभे को प्रशासन बर्दाश्त नही कर पा रहा है। जनप्रतिनिधि भी अफसरों से मिलकर पत्रकारिता पर आये दिन हमले कर रहे हैं। ऐसे में पत्रकारों के लिये काम करना मुश्किल होता जा रहा है। तहरीर दी है, पुलिस से न्याय नही मिला तो चुप नही बैठेंगे। हमला करने वालों में उपरोक्त के अलावा दीपक श्रीवास्तव, लाकेश पाण्डेय, पवन, सत्यप्रकाश श्रीवास्तव, शंभू अग्रहरि, सुगंध अग्रहरि, लवकुश ओझा, डब्लू ड्राइवर आदि शामिल रहे। पीड़ित का कहना है कि ये घटना एसडीएम द्वारा वाट्सएप पर धमकी देने के बाद घटित हुई है।