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कोविड, संचारी व क्षय रोग पर प्रभावी नियन्त्रण की कार्ययोजना को अमल में लाएं

– जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में कार्यक्रमों के भौतिक क्रियान्वयन पर दिया गया जोर

– आशा, एएनएम व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की क्षमता का करें उपयोग, समस्याओं का करें समाधान

कबीर बस्ती न्यूज,संतकबीरनगर

कोविड के साथ ही संचारी व क्षय रोग पर नियन्त्रण सरकार की पहली प्राथमिकता है। इसके लिए समय-समय पर कार्ययोजना बनाई जाती है। इस कार्ययोजना को भौतिक रुप से अमल में लाना स्वास्थ्य सेवा से जुड़े हर कार्यकर्ता की जिम्मेदारी है। स्वास्थ्य विभाग एएनएम, आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की क्षमताओं का उपयोग करते हुए समाज के अन्तिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य सुविधाओं को पहुंचाने का काम करें।

यह बातें जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने जिला स्वास्थ्य समिति व संचारी रोग अभियान क्रियान्वयन समिति की संयुक्त बैठक को सम्बोधित करते हुए कहीं। डीएम ने माह जुलाई में विशेष संचारी रोग नियंत्रण माह, दस्तक अभियान, संचारी रोगों व दिमागी बुखार के प्रभावी नियंत्रण कार्यक्रमो के फील्ड में क्रियान्वयन की रणनीति पर स्वास्थ्य अधिकारियों व अन्य सहयोगी विभागों के साथ मंथन किया।

डीएम ने कहा कि संचारी रोगों व दिमागी बुखार पर प्रभावी नियंत्रण त्वरित व सही उपचार से ही संभव है। संचारी रोग नियंत्रण माह अभियान एक  से 31 जुलाई तक तथा दस्तक अभियान 12 से 25 जुलाई  व आईडीए अभियान 12 से 26 जुलाई तक चलेंगे । इन अभियानों को पूरी सतर्कता से चलाएं तथा जन-जन तक पहुंचाएं। सभी गतिविधियां कार्ययोजना के हिसाब से संचालित हों ।  अभियान में आशा – आंगनबाड़ी कार्यकर्ता साथ ही भ्रमण करें । शहरी-ग्रामीण क्षेत्र में फागिंग व एंटीलार्वा के छिड़काव की गतिविधियां बढ़ाएं। आशा – एएनएम फील्ड में सक्रियता से काम करें। डीएम ने विभागीय अधिकारियों से जनसंपर्क, जन जागरण, शुद्ध पेयजल व्यवस्था, वेक्टर कंट्रोल, वातावरणीय स्वच्छता सहित विभिन्न बिंदुओं पर बिंदुवार समीक्षा कर जरूरी निर्देश दिए। अभियान के क्रियान्वयन, साफ सफाई अभियान, दस्तक अभियान में चिन्हीकरण और  दवा वितरण पर चर्चा की।

इस दौरान सीएमओ डॉ. इन्द्र विजय विश्वकर्मा ने अभियान की आवश्यकता व प्रासंगिकता पर जानकारी दी तथा सभी स्वास्थ्य अधिकारियों, स्वास्थ्य कर्मियों तथा सहयोगी संस्थाओं से इन अभियानों में सहयोग मांगा । अभियान के सफलतापूर्वक क्रियान्वयन के टिप्स देकर मॉनिटरिंग की बारीकियां भी बताई। एसीएमओ डॉ. मोहन झा ने चिकित्सा-स्वास्थ्य, नगर विकास, पंचायती राज, ग्राम्य विकास, पशुपालन, आईसीडीएस, शिक्षा, दिव्यांगजन सशक्तिकरण, कृषि व सिंचाई, सूचना, उद्यान विभाग के निर्धारित उत्तरदायित्व बताया और अपेक्षित सहयोग मांगा।

इस दौरान जिला अस्पताल के अधीक्षक डॉ. ओ. पी. चतुर्वेदी, एसीएमओ वेक्टर बार्न डिजीज डॉ. वी. पी. पाण्डेय, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. एस रहमान,  जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह, सहायक मलेरिया अधिकारी सुनील कुमार चौधरी के साथ ही साथ स्वास्थ्य विभाग के विभिन्न प्रकोष्ठ के प्रमुख और पोषण विभाग से जुड़े अधिकारीगण उपस्थित रहे।

पार्टनर संस्थाओं ने दिया प्रस्तुतिकरण

बैठक के दौरान पार्टनर एजेंसी यूनिसेफ, यूपीटीएसयू ( उत्तर प्रदेश तकनीकी सहयोग इकाई ) , डब्ल्यूएचओ व पाथ के प्रतिनिधियों ने पीपीटी के माध्यम से अभियान की कार्ययोजना प्रस्तुत की। आशा एवं एएनएम के गुणवत्तायुक्त भ्रमण, मॉनिटरिंग, कवरेज आदि के बारे में प्रस्तुतीकरण दिया।

अतिकुपोषित बच्चों को अस्पताल में कराएं भर्ती

बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने जिला कार्यक्रम अधिकारी को यह निर्देश दिया कि वह सभी आंगनबाड़ी क्षेत्र के सभी कुपोषित, अतिकुपोषित बच्चों की सूचीबद्ध कर उचित पोषाहार उपलब्ध कराएगी। आवश्यकता होने पर एनआरसी पर उपचार व पोषण पुनर्वास हेतु भिजवाएंगी। कुपोषित बच्चों को सुपोषित बनाना ही सबकी जिम्मेदारी है।