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आबकारी विभाग मे प्रतिमाह आईडी लॉक कर हो रही 6 लाख 48 हजार की वसूली

आईडी लॉक करने व वसूली का जिम्मा सीएलटू आईजीएल पर

किसके जेब मे जा रहा है अवैध वसूली का प्रतिमाह 6 लाख 48 हजार रूपया,आर्थिक शोषण के शिकार हो रहे हैं अनुज्ञापी

वसूली का आरोप निराधर, बडे बकायेदारों की होती है आईडी लॉकए यह कार्य सीएलटू का – नवीन कुमार सिंह

कबीर बस्ती न्यूज,बस्ती।उ0प्र0।

आबकारी विभाग का भ्रष्टाचार को लेकर कोई न कोई कारनामा आये दिन प्रकाश मे आता रहता है जिससे विभाग चर्चा मे बना रहता है। कुछ दिन पूर्व ओवररेटिंग को लेकर विभाग की किरकिरी हुई। विभाग के जिम्मेदार अधिकारी भी मामले को पानी के तीह पी गये। अब अनुज्ञापियों की आईडी लॉक कर प्रतिमाह प्रति अनुज्ञापी दो हजार रूपये की अवैध वसूली का कार्य युद्वस्तर पर जारी है। हां तरीका थोडा बदल दिया गया है। अब यह अवैध वसूली विभागीय कर्मियों के बजाय आईजीएल कम्पनी के कर्मचारी इस सराहनीय कार्य को अन्जाम दे रहे हैं। यहां आईजीएल का मतलब इण्डिया ग्लाइकल्स लिमिटेड से है जो एक प्राईवेट कम्पनी है और उसका दायित्व जिले के लाइसेन्सधारियों को विभाग द्वारा निर्धारित ब्राण्ड के मदिरा को थोक रेट मे उपलब्ध कराना है।
जिले के दर्जनों अनुज्ञापियों ने नाम न प्रकाशित करने के शर्त पर बताया कि उनकी आईडी जिससे स्टाक का प्रतिमाह उठान होता है वह लॉक कर दी जाती है। जब आईडी लॉक रहती है तो स्टॉक का उठान नही हो पाता है। ऐसी स्थिति मे सीएलटू यनि आईजीएल दरबार मे हाजिर होकर दो हजार रूपये का चढावा चढाना मजबूरी बन जाती है। तब आईडी खोली जाती है फिर स्टॉक का उठान होता है। विभाग के इस भ्रष्टाचारी रवैये से जिले के 324 अनुज्ञापी हैरान एवं परेशान हैं। बिना दो हजार रूपये का बख्सीश दिए स्टॉक का उठान सम्भव नही है। सीएलटू अथवा आईजीएल द्वारा प्रतिमाह 324 अनुज्ञापियों से अनाधिकृत रूप से किये जा रहे वसूली एक बडा रकम 6 लाख 48 हजार रूपया आखिर किस महानुभाव के जेब मे जा रहा है ? इस सवाल पर विभागीय अधिकारी भी चुप्पी साधे हुए हैं। जिले से लेकर मण्डल स्तर तक के अधिकारी भी इस गोरखधंधे मे लगे है फिर भी अन्जान बने हुए हैं।
जिला आबकारी अधिकारी नवीन कुमार सिंह ने पूछने पर बताया कि अवैध वसूली का आरोप पूर्णतया निराधर है। इस प्रकार की कोई शिकायत अभी तक किसी अनुज्ञापी ने नही किया है। यदि किसी के द्वारा शिकायत की जाती है तो जांच कराकर कार्यवाही की जायेगी। उन्होने बताया कि कुछ अनुज्ञापियों का बकाया के कारण आईडी लॉक कर दिया जाता है। लेकिन इससे विभाग का कोई लेना-देना नही है। यह कार्य सीएलटू यानि आईजीएल का है। लेकिन हर माह आईडी बार-बार लॉक क्यों हो जाता है के सवाल पर जबाब नही दे पाये। जिले के कितने अनुज्ञापी बकायेदार हैं के सवाल पर उन्होने कहा कि यह जानकारी सीएलटू ही दे सकता है।
जबकि सीएलटू के कर्मियों का यह कहना है कि विभागीय अधिकारियों के निर्देश पर ही वह कार्य करते हैं। आईडी सरकार की है हम लोग अपनी मर्जी से कुछ नही कर सकते। यहां तो सीएलटू के कर्मियों के बयान पर भरोसा किया जाय तो विभाग अवैध वसूली को लेकर कटधरे मे खडा नजर आ रहा है।