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समय से उपचार व बेहतर देखभाल से कम की जा सकेगी शिशु मृत्यु दर

– ‘नवजात शिशु देखभाल सप्ताह’ में हुआ आयोजन 
— जिला स्तरीय कार्यशाला में बताए गए शिशु को स्वस्थ रखने के उपाय
कबीर बस्ती न्यूज:
बस्ती। नवजात शिशु देखभाल सप्ताह’ का आयोजन स्वास्थ्य विभाग की ओर से किया गया है। 21 नवम्बर तक प्रस्तावित इस कार्यक्रम के दौरान नवजात शिशु की बेहतर देखभाल कर मृत्यु दर कम करने के लिए स्वास्थ्य कर्मी लोगों को जागरूक कर रहे हैं। इसी क्रम में एनएमटीसी में जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में बीपीएम, बीसीपीएम, स्टॉफ नर्स और नर्स मेंटर के साथ ही जिला स्तरीय अधिकारियों ने प्रतिभाग किया।
एसीएमओ आरसीएच डॉ. एके गुप्ता ने बताया कि नवजात शिशु को देखभाल एवं उपचार प्रदान कर नवजात शिशु मृत्यु दर को कम किया जा सकता है। नवजात शिशु मृत्यु व अर्ली न्यूनेटल मृत्यु को कम करने के लिए फैसिलिटी बेस्ड एवं कम्युनिटी बेस्ड विभिन्न कार्यक्रम संचालित किये जाते हैं।
यूनिसेफ के मंडलीय पर्यवेक्षक सुरेंद्र शुक्ला ने बताया कि एसआरएस सर्वेक्षण 2020 के अनुसार प्रदेश की  नवजात शिशु मृत्यु दर 28 प्रति/1000 जीवित जन्म है, जबकि राष्ट्रीय दर 20 प्रति/1000 जीवित जन्म है। एक माह पूर्ण करने से पहले ही हर माह 1.68 लाख बच्चों की मौत हो जा रही है। संस्थागत प्रसव को बढ़ावा तथा प्रसव कक्ष में नवजात शिशु की देखभाल, समय से पूर्व जन्में, कम वजन के नवजात के लिए सिक न्यूबार्न केयर यूनिट एवं एनबीएसयू की सुविधा, तथा सामुदायिक स्तर पर होम बेस्ड न्यूबार्न केयर (एचबीएनसी) कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। इसके तहत निरंतर शिशु मृत्यु दर को कम करने का प्रयास किया जा रहा है।
जिला प्रबंधक एनएचएम राकेश पांडेय ने कहा कि इस वर्ष आयोजित हो रहे सप्ताह के कार्यक्रम की थीम ‘प्रत्येक नवजात शिशु को गुणवत्तापरक स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता’ है।
जिला मातृ स्वास्थ्य सलाहकार राजकुमार ने कहा कि स्तनपान को बढ़ावा, कंगारू मदर केयर, बीमार नवजात की समय से पहचान व संदर्भन को बढ़ावा दिए जाने पर जोर दिया जा रहा है।
इस मौके पर एसीएमओ डॉ. जय सिंह, डिप्टी सीएमओ डॉ. विमल द्विवेदी और जिला क्वालिटी सेल के डॉ. अजय कुमार प्रमुख तौर पर मौजूद रहे।
इन बातों के लिए किया जा रहा है जागरूक-
– प्रसव अस्पताल में ही कराएं, प्रसव पश्चात 48 घंटे तक जच्चा-बच्चा की उचित देखभाल के लिए अस्पताल में ही रुकें।
– नवजात को तुरंत नहलाएं नहीं, नर्म कपड़े से शरीर को साफ कर दें।
– जन्म के एक घंटे बाद मां का गाढ़ा पीला दूध पिलाना शुरू करें, छह माह तक केवल स्तनपान कराएं। कुपोषण व संक्रमण से बचाव के लिए इस दौरान शहद, घुट्टी, पानी हरगिज न दें।
– जन्म के बाद नवजात का वजन लें व विटामिन के का इंजेक्शन लगवाएं।
– नियमित व सम्पूर्ण टीकाकरण कराएं।
– नवजात की नाभि को सूखी व स्वच्छ रखें।
– जच्चा-बच्चा की स्वच्छता पर विशेष ध्यान दें।
– कम वजन व समय से पूर्व जन्में बच्चे पर विशेष ध्यान दें।
– शिशु का तापमान स्थिर रखने के लिए कंगारू मदर केयर विधि अपनाएं।
– शिशु जितनी बार चाहे, दिन रात स्तनपान कराएं।
आशा के साथ गर्भवती को किया जाएगा जागरूक
जिला स्तरीय कार्यशाला में प्रतिभाग करने वाले सीएचसी मरवटिया के बीसीपीएम अखिलेश ने बताया कि मातृ व शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए जो जानकारी कार्यशाला में दी गई है, उसे कलस्टर मीटिंग के दौरान एएनएम व आशा कार्यकर्ता के साथ साझा किया जा रहा है। नवम्बर में प्रसव की संख्या बढ़ जाती है। गर्भवती तक शिशु देखभाल की टिप्स पहुंचाई जा रही है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए गर्भवती व प्रसूता को प्रेरित कर मृत्यु दर को कम किया जा सकेगा।