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जयन्ती पर याद किये गये प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद

स्वतंत्रता आंदोलन के निर्णायक नेता थे डॉ. राजेन्द्र प्रसादराजेश चित्रगुप्त

कबीर बस्ती न्यूज:

बस्ती । देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को उनके 138 वीं  जयन्ती पर शनिवार को चित्रांश क्लब अध्यक्ष जी. रहमान के संयोजन में  कम्पनीबाग स्थित रमा टेंक्निकल सभागार में याद किया गया।
गोष्ठी को सम्बोधित करते हुये क्लब संस्थापक राजेश चित्रगुप्त ने  राजेन्द्र बाबू को नमन् करते हुये कहा कि वे  भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के निर्णायक नेता थे।  उन्हें देश लिए किये गये अपने सर्वोच्च कार्यों के लिए भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया था। वे बचपन से ही प्रतिभाशाली छात्र थे।
चित्रांश क्लब अध्यक्ष जी. रहमान, संरक्षक दिनेश श्रीवास्तव ‘मास्टर साहब’ अजय कुमार श्रीवास्तव, डा. के.के. प्रजापति ने कहा कि  अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी होने के बाद, राजेंद्र प्रसाद जी ने पटना के टी. के. घोष अकादमी से अपने आगे की पढ़ाई की. सन 1902 में वे प्रेसीडेंसी कॉलेज, कलकत्ता में एक शिक्षक की तरह शामिल हुए।  एक बार एक परीक्षार्थी ने उनकी उत्तर पुस्तिका पर लिखा था ‘परीक्षार्थी परीक्षक से बेहतर है’, कुछ इसी तरह का व्यक्तित्व और प्रभाव था राजेंद्र प्रसाद जी का। उनके जीवन से सादगी, देश के लिये समर्पण भावना के प्रति युवा पीढी को प्रेरणा लेनी चाहिये।
वक्ताओं ने डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के जीवन वृत्त पर विस्तार से प्रकाश डालते हुये कहा कि वे एक अच्छे राजनीतिक नेता, वकील, राजनेता और सामाजिक कार्यकर्ता थे। उन्होंने भारत के स्वतंत्रता आंदोलनों में बढ़ी सक्रियता से भाग लिया। स्वतंत्रता आन्दोलन, संविधान निर्माण में उनकी उल्लेखनीय भूमिका रही। वे सादगी के मिशाल थे।
डा. राजेन्द्र प्रसाद के चित्र पर माल्यार्पण कर नमन करने वालों में मुख्य रूप से रणदीप माथुर, अभिषेक गुप्ता, अनिल कुमार पाण्डेय, राजू चौधरी, कुमारी खुशी जायसवाल, माधुरी, रोली राय, राकेश त्रिपाठी, प्रवीन विश्वकर्मा, सुमित कुमार, अजय चौधरी आदि शामिल रहे।