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गर्भावस्था में जटिलताएं बढ़ा सकता है बिना परामर्श दवाओं का सेवन

बहुत ही संवेदनशील  है गर्भावस्था की पहली तिमाही

बिना सलाह के दवा लेने से हो सकता है असमय गर्भपात

कबीर बस्ती न्यूज:

संतकबीरनगर।  खलीलाबाद ब्‍लॉक क्षेत्र के मोहम्‍मदपुर कठार गांव की निवासी 29 वर्षीया उषा तीन माह की गर्भवती  हैं। उन्‍हें पांच दिन पूर्व हल्‍का बुखार हुआ। इस दौरान उन्‍होने एक मेडिकल स्‍टोर से जाकर बुखार की दवा ले ली। दवा खाने के बाद उनके शरीर पर बड़े- बड़े दाने और फफोले निकल आए। इसके बाद परिजन उन्‍हें सीएचसी खलीलाबाद ले आए। वहां पर स्‍त्री व प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ ऐनम सिद्दीकी ने उनका इलाज किया तब जाकर उनकी समस्‍या दूर हुई।
डॉ ऐनम सिद्दीकी बताती हैं कि गर्भवती का शरीर काफी संवेदनशील होता है। इस दौरान दवाओं के सेवन में सावधानी बरतनी चाहिए। बेहतर यही है कि गर्भावस्था के दौरान ‘ओवर-द-काउंटर’ दवाएं यानि कि बिना डॉक्टरी पर्ची के मिलने वाली दवाएं न ली जाएं। गर्भावस्‍था में कोई भी दवा लेने से पहले डॉक्‍टर से अवश्‍य पूछ लें। वह बताती हैं कि गर्भावस्था के दौरान बदहजमी एक बड़ी समस्या हो है। शुरुआती हफ्तों में पाचन तंत्र धीमा हो जाता है। इससे एक बार में अधिक मात्रा में भोजन पचा पाना मुश्किल हो जाता है। गर्भावस्था के अंत में बढ़ता हुआ शिशु मां के पेट पर दबाव डालने लगता है, जिससे एसिडिटी हो सकती है। एसीडिटी की दवा लेने से पहले डॉक्टर से पूछ लें, ताकि वे सुरक्षित विकल्प के बारे में बता सकें। खांसी और जुखाम की समस्‍या भी आम है। ऐसे बहुत से उपचार हैं जो लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं। गर्म पानी में शहद और नींबू मिलाकर पीने का पुराना उपचार खांसी में राहत देता है। बंद नाक के लिए गर्म पानी के कटोरे से भाप लेने का प्रयास करें। इसके बाद भी समस्‍या हो तो डॉक्टर से सलाह लें। वह ऐसे में गर्भवती को नेज़ल स्प्रे दे सकती हैं, जो प्रेग्नेंसी में सुरक्षित रहती है।
खलीलाबाद ब्‍लॉक के मोहम्‍मदपुर कठार की आशा कार्यकर्ता राधिका बताती हैं कि उनके क्षेत्र में इस समय 13 गर्भवती हैं। सभी गर्भवती को यही सलाह देते हैं कि बिना डॉक्‍टर या एएनएम के सलाह के कोई भी दवा न लें।
विषम परिस्थितियों में ले सकती हैं दवाएं
डॉ ऐनम बताती हैं कि विषम परिस्‍थतियों में अस्वस्थ महसूस होने पर गर्भवती प्रमाणित और प्रशिक्षित केमिस्ट से ही कोई दवा लें। इससे पहले वह उन्हें यह अवश्य बताएं कि गर्भवती हैं। इसके बाद अगर उन्‍हें लगेगा कि गर्भवती को दवा की जरुरत है, तो वह कुछ ऐसी दवाएं दे सकते है जिनका सेवन सुरक्षित हो। कई दवाओं में स्‍टेरायड होता है जो गर्भवती के लिए जटिलताएं बढ़ा सकता है।
जुएं की कीड़ी की दवाएं कतई न लें
स्‍त्री रोग विशेषज्ञ डॉ रेनू यादव बताती हैं कि गर्भावस्‍था में बालों में जुए तथा पेट में कीड़ी मारने की दवा पूरी तरह से प्रतिबंधित होती है। अगर सर में जुए हैं तो उनको जुओं की कंघी से साफ करें, या फिर किसी से निकलवा लें। यही नहीं पेट के कीड़ों की भी दवा न लें। यह दवाएं तीव्र असर करती हैं और गर्भवती के लिए बहुत ही घातक होती हैं।
जिले में हैं 42948 गर्भवती
जिला मातृत्‍व स्‍वास्‍थ्‍य परामर्शदाता संगीता बताती हैं कि जिले में इस समय 42948  गर्भवती हैं। गर्भवती की सुरक्षा के लिए सुरक्षित मातृत्‍व अभियान चलाया जा रहा है। गर्भवती महिलाओ की गर्भावस्‍था के दौरान चार एएनसी जांच कराई जाती है। हम माह की 9 तथा 24 तारीख को महिलाओं की विशेषज्ञ चिकित्‍सकों के द्वारा जांच की जाती है तथा हाई रिस्‍क प्रेग्‍नेंसी भी चिन्हित की जाती है।