लखनऊ मॉडल पर क्षय रोगियों को गोद लेंगी स्वयंसेवी संस्थाएं
– हर महीने उनको उपलब्ध करवाएंगी पोषण किट
– रखेंगी उनकी सुख सुविधाओं व सेहत का खयाल
कबीर बस्ती न्यूजः
संतकबीरनगर: वर्ष 2025 तक प्रदेश को क्षय रोग से मुक्त करने के लिए चलाए जा रहे अभियान के तहत अब जनपद में लखनऊ मॉडल के आधार पर बाल क्षय रोगियों के अतिरिक्त वयस्क महिला व पुरुष क्षय रोगियों को स्वयंसेवी संस्थाएं गोद लेंगी मरीजों को गोद लेने वाली संस्थाएं हर महीने उन्हें पोषण किट उपलब्ध कराएंगी तथा उनकी सुख सुविधाओं के साथ सेहत का ख्याल रखेंगी। साथ ही टीबी मरीजों का संबल बढ़ाते हुए बताएंगी कि संपूर्ण इलाज के बाद टीबी पूरी तरह से ठीक हो जाती है ।
उक्त जानकारी देते हुए जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. एस. डी. ओझा ने बताया कि पहले जनपद में राज्यपाल की पहल पर बाल क्षय रोगियों को गोद लिया गया था। वर्तमान में 137 बाल क्षय रोगियों को गोद लेकर उनके न्यूट्रीशन की व्यवस्था की जा रही है। शासन के नए दिशा -निर्देश के क्रम में विश्व क्षय रोग दिवस यानि 24 मार्च 2022 से प्रदेश में सभी क्षय रोगियों को गोद लेने के लिए एक माह का विशेष अभियान चलाया जाएगा। इस दौरान बाल क्षय रोगियों के साथ ही वयस्क महिला क्षय रोगी को गोद लिया जाएगा। इसके बाद वयस्क पुरुष क्षय रोगी को गोद लेने की प्रक्रिया शुरु की जाएगी। गोद लेने वाली संस्था द्वारा क्षय रोगी को अपने परिवार के सदस्य के समान डाट्स के माध्यम से दी जाने वाली औषधियों को बिना दवा बंद किये सम्पूर्ण उपचार अवधि में खाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। इस अभियान की पाक्षिक समीक्षा मुख्य विकास अधिकारी व मुख्य चिकित्साधिकारी के द्वारा तथा मासिक समीक्षा जिलाधिकारी द्वारा स्वयं की जाएगी। जिन क्षय रोगियों का उपचार समाप्त हो जाएगा, उनकी जगह नए क्षय रोगियों को गोद लेकर इस प्रक्रिया को जारी रखा जाएगा।
क्या है राज्यपाल का लखनऊ माडल
प्रदेश की राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल ने वर्ष 2019 में क्षय रोगियों को गोद लेने का कार्यक्रम चलाया था। इसके तहत क्षय रोगियों को गोद लेकर उन्हें भावनात्मक के साथ ही न्यूट्रीशनल ( पोषण ) सपोर्ट के लिए लोकोपकारी सामाजिक संस्थाओं, शैक्षणिक संस्थाओं, गणमान्य नागरिकों का अनुरोध किया गया था। उनके आह्वान पर 38 हजार क्षय रोगियों को गोद लेकर उन्हें क्षय रोग से लड़ने में सहयोग प्रदान किया गया है। कई जनपदों के द्वारा इस दिशा में उल्लेखनीय कार्य किया गया है। इसके तहत लखनऊ में 18 वर्ष से कम आयु के बच्चो तथा 18 वर्ष से अधिक आयु की महिला व पुरुष क्षय रोगियों को अलग अलग श्रेणी में बांटकर गोद दिलवाने का कार्य किया गया।
24 मार्च से चलेगा 1 माह का विशेष अभियान
राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के जिला कार्यक्रम समन्वयक अमित आनन्द बताते हैं कि लखनऊ में किए गए क्षय रोगियो को गोद लेने के अभिनव प्रयास के तहत पूरे प्रदेश में बाल क्षय रोगियों को संसथाओं के द्वारा गोद लिया गया। अब शासन ने इसे वृहद स्वरुप देने का निर्णय लिया है। इसके तहत अब बाल क्षय रोगियों के अतिरिक्त 18 साल से उपर की आयु के वयस्क महिला क्षय रोगियों, वयस्क पुरुष क्षय रोगियों के साथ ही ड्रग रेजिस्टेंट व कोमार्बिडिटी वाले क्षय रोगियों को गोद लिए जाने के लिए आगामी 24 मार्च ( विश्व क्षय रोग दिवस ) से एक माह तक क्षय रोगियों को गोद लेने का विशेष अभियान प्रारंभ किया जाएगा।
क्षय रोगियों को दिया जाने वाला अतिरिक्त पोषण
डीटीओ ने बताया कि क्षय रोगियों को 500 रुपए प्रतिमाह पोषण भत्ता के रुप में पूर्व की तरह से दिया जाता रहेगा। वहीं गोद लेने वाली संस्था के द्वारा हर क्षय रोगी को हर महीने 1 किलो मूंगफली, 1 किलो भुना चना, 1 किलो गुड़, 1 किलो सत्तू, 1 किलो तिल या गजक, 1 किलो अन्य न्यूट्रीशन सप्लीमेंट जैसे हार्लिक्स, बार्नबीटा, काम्प्लान आदि दिया जाएगा। यह उन्हें तब तक दिया जाएगा जब तक वह ठीक न हो जाएं।