जांच के नाम पर दो माह से रोका वैष्णवी फार्मा का क्रय-विक्रय, अब निबटाने की तैयारी
डीआई पर कथित रूप से कार्यवाही का दबाव बनाती हैं सीआरओ
एक माह मे दो बार किया जा रहा है प्रतिष्ठान की जांच
फर्जी शिकायतों से भरा पडा डीआई का झोला
कबीर बस्ती न्यूजः
बस्ती। जिले मे अंधेर नगरी चौपट राजा का कहावत औषधि प्रषासन विभाग पर सटीक बैठ रहा है। जहां शासनादेशों को ताख पर रखकर तथा पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर दवा के एक होलसेल के दुकान को पिछले करीब दो माह से क्रय विक्रय को बाधित कर जांच के नाम पर प्रतिष्ठान संचालक को मानसिक और आर्थिक रूप से उत्पीडित किया जा रहा है। प्रतिष्ठान संचालक चित्रसेन पाण्डेय के अनुसार औषधि प्रषासन के इस कार्यवाही से उन्हें लाखों रूपये की क्षति हो चुकी है। इस सम्बन्ध मे डीएलए के.जी. गुप्ता ने पूछने पर बताया कि औषधि निरीक्षक अरविन्द कुमार ने निरीक्षण के दौरान वैष्णवी फार्मा बडेवन पर कुछ कमियां पायीं थी। जिसके आधार पर उस प्रतिश्ठान के स्वामी को स्पश्टीकरण निर्गत करते हुए वैश्णवी फार्मा का क्रय-विक्रय रोक दिया गया था। प्रतिष्ठान के स्वामी चित्रसेन पाण्डेय द्वारा स्पश्टीकरण का जबाब दे दिया गया है। औषधि निरीक्षक को वैष्णवी फार्मा का क्रय-विक्रय बहाल करने का निर्देष दिया गया है। लेकिन दो माह से उक्त प्रतिष्ठान का बडा आर्थिक क्षति हुई है उसका कौन जिम्मेदार होगा के सवाल पर डीएलए जबाब नही दे पायैं
बताते चलें कि के वैष्णवी फार्मा के स्वामी चित्रसेन पाण्डेय और डीआरएमएस हास्पिटल के चिकित्सक डा. प्रमाद कुमार के मध्य लेन-देन को लेकर विवाद चल रहा है। चित्रसेन पाण्डेय के षिकायत पर डीआरएमएस हास्पिटल के तमाम गैर कानूनी कृत्यों की जांच भी चल रही है। इससे क्षुब्ध होकर चिकित्सक डा0 प्रमाद कुमार वैश्णवी फार्मा के विरूद्व फर्जी व मनगढन्त षिकायत करता रहता है। इस मामले मे औषधि निरीक्षक अरविन्द कुमार का गैर कानूनी झुकाव चिकित्सक डा. प्रमाद कुमार के प्रति है। जिसके कारण अरविन्द कुमार वैष्णवी फार्मा के विरूद्व जांचों का एक्सप्रेस चला रखे हैं। हलांकि औशधि निरीक्षक द्वारा उठाया जा रहा यह कदम नियम विरूद्व और अनावष्यक रूप से किसी को प्रताडित करने वाला है। जांच के नाम पर दवा प्रतिष्ठान दो माह से पूर्णतया बन्द है।
इस सम्बन्ध मे पूछने पर वैष्णवी फार्मा के प्रबन्धक चित्रसेन पाण्डेय ने बताया कि औषधि निरीक्षक द्वारा एक माह मे मेरे दुकान की दो-दो बार आकस्मिक निरीक्षण किया गया लेकिन कोई कमी नही पायी गयी। फिर भी मेरे दुकान का क्रय-विक्रय 15.10.2022 से रोका गया है। उन्होने बताया कि जब मै अपने उत्पीडन का कारण डीआई साहब से पूछता हूं तो वे बताते हैं कि मुख्य राजस्व अधिकारी नीता यादव का फोन आपके दुकान के विरूद्व कार्यवाही हेतु बराबर आता है इस लिए विवष होकर हमें कदम उठाना पडता है। उन्होने बताया कि मै अगली कानूनी कार्यवाही की तैयारी कर रहा हूं हमे न्यायालय पर पूरा भरोसा है हमें न्याय जरूर मिलेगा।