लता जी की गहरी दोस्त थी 8 साल की ईशानवी, वीडियो कॉल पर करतीं थी अपने छोटी से बात
अपने छोटी दोस्त को उपहार भी भिजवाती थीं लता दीदी
कबीर बस्ती न्यूजः
मुंबई: देश और दुनिया में लता जी के लाखों चाहने वालों में आठ साल की ईशानवी भी शामिल है। वह लता जी की नन्ही दोस्त भी थी, जिसे वह ‘छोटी’ कहकर बुलाती थीं। वीडियो कॉलिंग पर उससे लंबी बातें भी होती थीं।
फरमाइश पर ईशानवी उनको गाने भी सुनाती। बदले में लता जी उसके लिए गिफ्ट भिजवातीं। दोनों आमने सामने कभी मिले नहीं, लेकिन पिछले तीन सालों से ये सिलसिला चल रहा था। अब लता जी के न रहने पर ईशानवी उनको बेहद मिस कर रही हैं। उनके सवालों का पेरेंट्स के पास कोई जवाब भी नहीं है। ईशानवी डॉक्टर प्रतीत समधानी की बेटी हैं, जो 2019 से लता जी की देखरेख कर रहे थे।
म्यूजिक पर बातें करती थीं लता जी और ईशानवी
लता जी और ईशानवी के बीच बॉन्डिंग पर डॉक्टर प्रतीत समधानी बताते हैं कि उन दोनों में म्यूजिक को लेकर ज्यादा बातें होती थीं। यहां तक कि दोनों एक दूसरे को चिट्ठी भी लिखती थीं।
डॉ. समधानी ने बताया, ‘निमोनिया के चलते 2019 में जब लता जी ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती हुईं थीं, तब से उनकी देखरेख मैं और डॉक्टर शर्मा कर रहे थे। उसी दौरान मेरी पत्नी डॉ. रुचि और बेटी ईशानवी से उनका खास रिश्ता भी बना।
कोविड गाइडलाइंस के मुताबिक मैंने उनका प्रोटोकॉल तैयार किया। मैं भी ज्यादा उनके घर नहीं जाता था। वीडियो कॉलिंग पर 8 से 10 दिन में बात हो जाती थी। वे भी ज्यादा किसी से मिलती जुलती नहीं थीं।
जब भी मैं उनसे हालचाल पूछने के लिए फोन करता, तब वह कहतीं कि मेरी दोस्त छोटी से बात करवाइए। वह मेरी बेटी इशानवी को छोटी नाम से पुकारती थीं। मेरे से वो ट्रीटमेंट और दवाइयों के बारे में समझने के बाद बेटी से जरूर बात करतीं। मुझे ऐसा लगता कि इससे भी उनकी सेहत में सुधार होता था।’
लता जी ने कहा था, मैं तेरा गाना यूट्यूब पर बजाऊंगी छोटी
दीदी ने अपने बचपन के बारे में भी ईशानवी को बताया, जिसे वह बड़े चाव से सुनती थी। लता दी उससे गाना सुनाने को कहतीं तो वह कहती कि मैं आपके सामने कैसे गा सकती हूं। तब वह कहतीं कि मेरे लिए गाओ। गाना सुनने के बाद लता दीदी ने कहा कि बेटी एक दिन मैं अपने यूट्यूब चैनल पर आपका गाना जरूर बजाऊंगी।
कोई भी मौका हो, दीदी ईशानवी के लिए गिफ्ट जरूर भेजतीं। वीडियो कॉलिंग में ईशानवी को देखकर अंदाजे से उसके लिए ड्रेस भिजवातीं। बेटी जब वो अनमोल तोहफा पाती और पहनती तो हैरान होकर कहती कि ये तो बिल्कुल आया है मुझे।
तब वह ड्रेस पहनकर दीदी को दिखाती और पूछती कि कैसी लग रही हूं। दीदी ने वीडियो कॉलिंग से उसकी फोटो लेकर स्क्रीन पर साइन करके स्क्रीनशॉट भेजा था।
फोटोग्राफी का भी शौक था लता दी को
डॉक्टर समधानी ने बताया कि लता दी को फोटोग्राफी का भी शौक था। मैं जब उन्हें घर या हॉस्पिटल में देखने जाता तो वे अपने फोन से मेरी फोटो क्लिक करतीं। उन्होंने ऐसी मेरी कईं फोटो लीं। एक फोटो जो मुझे बेहद पसंद है, उसे मैंने स्क्रीन पर दिखाकर उनका आटोग्राफ भी लिया था। वह अनमोल फोटो और उनकी निशानी मेरे साथ है।
हॉस्पिटल में दीदी के लिए भजन चलता रहता था
दीदी और संगीत ताउम्र एक दूसरे से जुड़े रहे। दीदी के लिए इलाज के दौरान बैकग्राउंड में म्यूजिक चलता रहता। उसमें गायत्री मंत्र और भजन होते थे। दीदी के कारवां के गीत बजते थे।
वह बेहद धैर्यवान थीं। कभी कोई शिकायत नहीं की। हमेशा एक अनुशासित शख्सियत बनी रहीं। उनको जो सलाह दी जाती, जैसा करने को कहा जाता, वह हूबहू वैसा ही करतीं, ट्रीटमेंट लेने में कभी हिचकिचाती नहीं थीं। उनका रिएक्शन पॉजिटिव ही रहता।
दीदी को अपनी मां और पिताजी से बेहद लगाव था। उनके घर में उन दोनों की एक बहुत ही सुंदर फोटो है। जब भी मैं उनके घर जाता तो वे उस तस्वीर को जरूर दिखाती थीं। दीदी को पिताजी के संगीत पर भी बहुत गर्व था। अक्सर वे मां और पिताजी के बारे में बताती थीं।
लता दी को लेकर काफी उदास है ईशानवी
अपनी हर दिल अजीज दोस्त लता जी के जाने के बाद ईशानवी काफी दुखी है। वह भी दीदी के अंतिम दर्शनों के लिए मेरे साथ दादर शिवाजी पार्क जाना चाहती थी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। अब दीदी के गिफ्ट को देख रही है और उनसे जुड़ी बातों और यादों को अपनी मां से शेयर कर रही है। उसे भी आमने-सामने लता जी से न मिल पाने का मलाल है।