पुण्य तिथि पर याद किये गये पं. दीन दयाल उपाध्याय
पं. दीनदयाल ने देश के लिये जीवन समर्पित कर दिया- आशीष कुमार
कबीर बस्ती न्यूजः
बस्ती । एकात्म मानववाद के प्रणेता पं. दीन दयाल उपाध्याय को उनके पुण्य तिथि पर दीन दयाल उपाध्याय सेवा प्रतिष्ठान के जिलाध्यक्ष आशीष कुमार श्रीवास्तव के संयोजन में गणेशपुर के शंकर नगर चौराहे पर शुक्रवार को याद किया गया।
आशीष कुमार ने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय राजनेता मात्र नहीं थे, वह उच्च कोटि के चिंतक, विचारक और लेखक भी थे। इस रूप में उन्होंने श्रेष्ठ शक्तिशाली और संतुलित रूप में विकसित राष्ट्र की कल्पना की थी। उन्होंने निजी हित व सुख सुविधाओं का त्याग कर दिया था। व्यक्तिगत जीवन में उनकी कोई महत्वाकांक्षा भी नहीं थी। उन्होंने अपना जीवन समाज और राष्ट्र को समर्पित कर दिया था। यही बात उन्हें महान बनाती है।
कहा कि राजनीति में लगातार सक्रियता के बाद भी वह अध्ययन व लेखन के लिये समय निकालते थे। इसके लिये वह अपने विश्राम से समय कटौती करते थे। इसी में लोगों से मिलने जुलने और अनवरत यात्राओं का क्रम भी चलता था। आमजन के बीच रहना उन्हें अच्छा लगता था। शायद यही कारण था कि वह देश के आम व्यक्ति की समस्याओं को भलीभांति समझ चुके थे। यह विषय उनके चिंतन व अध्ययन में समाहित था। इनका वह कारगर समाधान भी प्रस्तुत करते थे। ऐसे महान विचारक से प्रेरणा लेनी की जरूरत है। भाजपा उन्ही के पद चिन्हों पर आगे बढते हुये समाज के अंतिम व्यक्ति के उत्थान के लिये संकल्पित है।
पं. दीन दयाल उपाध्याय को नमन् करने वालों में मुख्य रूप से अनादि शुक्ल, राजनाथ श्रीवास्तव राजन, उमेश तिवारी, रियाजुल हसन , परशुराम यादव भीमसेन यादव, विजय मौर्या आदि शामिल रहे।
आशीष कुमार ने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय राजनेता मात्र नहीं थे, वह उच्च कोटि के चिंतक, विचारक और लेखक भी थे। इस रूप में उन्होंने श्रेष्ठ शक्तिशाली और संतुलित रूप में विकसित राष्ट्र की कल्पना की थी। उन्होंने निजी हित व सुख सुविधाओं का त्याग कर दिया था। व्यक्तिगत जीवन में उनकी कोई महत्वाकांक्षा भी नहीं थी। उन्होंने अपना जीवन समाज और राष्ट्र को समर्पित कर दिया था। यही बात उन्हें महान बनाती है।
कहा कि राजनीति में लगातार सक्रियता के बाद भी वह अध्ययन व लेखन के लिये समय निकालते थे। इसके लिये वह अपने विश्राम से समय कटौती करते थे। इसी में लोगों से मिलने जुलने और अनवरत यात्राओं का क्रम भी चलता था। आमजन के बीच रहना उन्हें अच्छा लगता था। शायद यही कारण था कि वह देश के आम व्यक्ति की समस्याओं को भलीभांति समझ चुके थे। यह विषय उनके चिंतन व अध्ययन में समाहित था। इनका वह कारगर समाधान भी प्रस्तुत करते थे। ऐसे महान विचारक से प्रेरणा लेनी की जरूरत है। भाजपा उन्ही के पद चिन्हों पर आगे बढते हुये समाज के अंतिम व्यक्ति के उत्थान के लिये संकल्पित है।
पं. दीन दयाल उपाध्याय को नमन् करने वालों में मुख्य रूप से अनादि शुक्ल, राजनाथ श्रीवास्तव राजन, उमेश तिवारी, रियाजुल हसन , परशुराम यादव भीमसेन यादव, विजय मौर्या आदि शामिल रहे।