आईजीआरएस पर प्राप्त शिकायतों को निस्तारण न करने पर डीएम हुईं खफा, लापरवाह अधिकारियों के वेतन रोकने के निर्देश
कबीर बस्ती न्यूजः
बस्ती: आईजीआरएस पोर्टल को पिछले कई दिनों से लागिंन न करने तथा प्राप्त शिकायतों को निस्तारण के लिए समय से संबंधित अधिकारी को न भेजने को गम्भीरता से लेते हुए जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने अधिशासी अभियन्ता आरईडी, अधिशासी अधिकारी नगरपंचायत रूधौली, सीडीपीओ सल्टौआ एवं हर्रैया, जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास तथा मुख्य पशुचिकित्साधिकारी, बीडीओ कुदरहॉ का अग्रिम आदेशों तक वेतन रोकने का आदेश दिया है। समीक्षा में उन्होने पाया कि निस्तारित शिकायतों में लगभग 50 प्रतिशत शिकायतों का फीडबैक शिकायतकर्ता द्वारा शासन के अधिकारियों को असंतोषजनक दिया गया है।
उन्होने मुख्यमंत्री हेल्पलाईन के प्रकरणों को भी समय से निस्तारित न करने पर नाराजगी व्यक्त किया। उन्होने अधिकारियों को निर्देश दिया कि रैण्डम आधार पर निस्तारण रिपोर्ट पोर्टल पर फीड करने से पहले एक बार शिकायतकर्ता से फोन पर वार्ता करके निस्तारण की स्थिति जान लें। उन्होने उप जिलाधिकारी को निर्देश दिया कि जनहित गारंटी अधिनियम से आच्छादित ई डिस्टिक सेवाओं आय, जाति, निवास, मा. मुख्यमंत्री खेत खलिहान, अग्निकांड, मा. मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना, लाउडस्पीकर, दिव्यांग प्रमाण पत्र के लंबित प्रकरणों से अद्यतन होते हुए ससमय निस्तारण सुनिश्चित करें।
उन्होने कहा कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी बस्ती कार्यालय में दिव्यांग प्रमाण पत्र के 853 प्रकरण पिछले 01 साल से आफ्टर एसएलए चल रहे हैं। इस हेतु पूर्व में भी निस्तारण हेतु मुख्यालय से कई बार निर्देशित किया गया है। ये सेवाएं जनहित गारंटी अधिनियम से आच्छादित है, तत्काल संज्ञान लेते हुए निस्तारण करायें।
जिलाधिकारी ने सभी अधिशासी अधिकारी नगर पंचायत/नगर पालिका को निर्देश दिया है कि सभी वार्ड में सफाई अभियान संचालित करें, अतिक्रमण हटवाये तथा टैक्सी, टैम्पों, बस स्टैण्ड के लिए स्थान चिन्हित करें। उन्होने निर्देश दिया कि माड्ल टैक्सी, टैम्पों, बस स्टैण्ड, जिसमें शेड, पेयजल, प्रकाश, सूचनात्मक बोर्ड आदि लगा हों की सूची एवं फोटो उपलब्ध कराये।
उन्होने उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि चारों तहसील में लम्बित 05 हजार से अधिक निर्विवाद, खारिज दाखिल के मामलों का निस्तारण सुनिश्चित करें। उन्होने कहा कि धारा-41 एवं 24 के लम्बित वादों एवं 05 वर्ष से अधिक प्रचलित मुकदमों का प्राथमिकता पर निस्तारण सुनिश्चित करें। उन्होने कहा कि उनके कोर्ट से संबंधित मुकदमों में धारा-24 के 427 मामले विभिन्न तहसीलों में लम्बित है, जिसमें वहॉ से रिपोर्ट आनी है। इसी प्रकार धारा-30 के मुकदमों के 251 मामलो में आख्या अप्राप्त है। उन्होने निर्देश दिया कि एक सप्ताह के भीतर सभी मुकदमों में गुणवत्तापूर्ण आख्या उपलब्ध कराये, अन्यथा न्यायालय द्वारा उनके विरूद्ध आदेश पारित किया जायेंगा। उन्होने निर्देश दिया कि आख्या निष्पक्ष होनी चाहिए तथा किसी मामले में लेखपाल प्रेजुडिस रिपोर्ट न लगायें।
बैठक का संचालन एडीएम वित्त अभय कुमार मिश्र ने किया। इसमें सीआरओ नीता यादव, ज्वाइंट मजिस्टेªट अमृत पाल कौर, उप जिलाधिकारी शैलेष दुबे, जी.के. झा., आनन्द श्रीनेत, तहसीलदार सुधांशू, सत्येन्द्र कुमार, डीडीओ अजीत श्रीवास्तव तथा विभागीय अधिकारीगण उपस्थित रहें।