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तमाम घातक रोगों का कारण बनते हैं हमारे शरीर में इकट्ठा विषैले तत्व: डा. वी.के वर्मा

कबीर बस्ती न्यूजः

बस्ती: जाने अंजाने, अथवा भोजन और जीवनशैली के चलते हमारे शरीर में विषैले तत्व इकट्ठा हो जाते हैं, जो आगे चलकर तमाम घातक रोगों का कारण बनते हैं। आप देखते और सुनते होंगे, कि अचानक कोई बीमार हो गया अथवा उसकी मौत हो गई। इस मामले में एक बात साफ है दुर्घटनाओं को छोड़कर कोई अचानक नही मरता। बल्कि उसके शरीर में रोग धीरे धीरे अपनी जगह बनाता है और एक दिन अचानक व्यक्ति गंभीर हालत में आ जाता है।
बस्ती जिला अस्पताल के आयुष चिकित्साधिकारी डा. वी.के वर्मा ने बताया कि यदि हम समय समय पर अपने शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालते रहें तो असमय मौतों से खुद और दूसरों को बचा सकते हैं। शरीर को विषैले तत्वों से मुक्त कराने के लिये प्राकृतिक चिकित्सा में एनीमा का विशेष महत्व है। एनीमा का मुख्य उद्देश्य है बड़ी आंत को साफ़ करना। एनीमा करना है तो अच्छा होगा हम एक दिन पहले उपवास करे और सिर्फ फल खाए और ज्यादा से ज्यादा जल पीये। एनिमा सदियों से चली आ रही एक ऐसी प्रक्रिया है जिसका विशेष उपयोग अनेक जटिल रोगों के इलाज से पहले बड़ी आंत और पेट के अन्दर जमी हुयी गंदगी को बाहर निकालने के लिए किया जाता है।
कैसे करें एनीमा
इस प्रक्रिया में शरीर के मलद्वार अर्थात गुदा मार्ग से एक पानी की पाइप डालकर पानी को पेट बड़ी आंत तक पहुँचाया जाता है और उसके बाद शौच के जरिये इसको खाली कर दिया जाता है। इस प्रक्रिया को करने से पेट और बड़ी आंत की सबसे अच्छी तरह सफाई होती है, ऐसा करने से अनेक रोगों से बचा जा सकता है जैसे कब्ज, एसिडिटी, गैस, बवासीर इत्यादि। इसके अलावा चर्म रोग, गठिया, यूरिक एसिड इत्यादि रोगों और शरीर में मौजूद विषैले पदार्थों को बाहर निकालने के लिए इस प्रक्रिया को अपनाया जाता है।
एनीमा शरीर से दूषित पदार्थो को बहुत आसानी से बाहर कर सकता है और शरीर को रोगों से मुक्त कर सकता है. इससे पेट साफ़ होता है भूख बढती है और पाचन तंत्र सुचारू रूप से काम करने लगता है. इसे आयुर्वेद, एलोपथी, वैकल्पिक चिकित्सा, प्रकृतिक चिकित्सा सभी में स्थान दिया गया है। एनिमा के लिए पूरी किट बाजार और ऑन लाइन मौजूद है जिसे आप खरीद सकते हैं और घर पर एनीमा कर सकते हैं। किट में एनीमा बैग, एनीमा मग, एक ट्यूब, एक नोजल होता है। एनिमा काफी सावधानी के साथ दिया जाता है. एनिमा देने के लिए सबसे पहले रोगी को एक तरफ बायीं और लिटा दें. एक पैर आगे की और मोड़ दें और एक पैर सीधा रहने दें।
एनिमा पॉट के द्वारा मलाशय के अंदर पानी भरना होता है. आप पानी को नमक, या निम्बू या नीम की पत्तियां आदि डालकर पहले अच्छे से उबाल लीजिये. अभी इसको उतना गर्म रखें जितना आप से सहन हो सके. इसके बाद इस पानी को एनिमा के बर्तन में डाल कर किसी ऊँची जगह पर रख दें जिससे की पानी तेज़ गति से नीचे की तरफ आए. अभी एनिमा की पाइप को सरसों का तेल लगा कर मलद्वार के अंदर डालें. दस मिनट के अन्दर सारा पानी मलाशय के अंदर चला जाना चाहिये। पानी इतना ही गरम इस्तेमाल करें जितना की मरीज सहन कर सके. शुरू शुरू में आधा लीटर तक पानी का इस्तेमाल करें फिर धीरे धीरे इसको बढ़ा सकते हैं।
एनिमा का पानी जब पेट में पहुँचता है तो ऐसा महसूस होता है जैसे की लैट्रिन आ रही है. यदि ऐसा महसूस हो तो पेट पर धीरे-धीरे हाथ फिर लें. एनिमा लेने के एक दम बाद बाथरूम न जायें. इसके बाद दस मिनट तक घूमना फिरना चाहिये. एनिमा खाली पेट दें. खाना खाने के बाद एनिमा न दें. उपवास में एनिमा ज्यादा लाभ पहुंचता है. एनिमा लेने से पहले दो गिलास पानी पीने से और भी अधिक लाभ मिलता है. जब भी एनिमा लेना हो तो इसके एक दिन पहले उपवास कर लें और अगली सुबह एनिमा लीजिये तो बहुत फायदा होगा। एनिमा लेने के बाद भूख लगने पर भी अधिक कुछ ना खाएं. कोशिश करें के 2-3 घंटे बिना खाए रहा जाए. इसके बाद भी बिलकुल हल्का सुपाच्य भोजन लें।
एनीमा न लें
अगर कोई महिला पेट से है तो एनिमा न ले। अगर किसी का ऑपरेशन हुआ हो तो एनिमा न ले। अगर किसी का पेट दुःख रहा हो और कारण का पता न हो तो भी एनिमा न ले। हृदय रोगियों को भी एनिमा नहीं लेना चाहिए या सिर्फ डॉक्टर की सलाह पर ही लें। बहुत सारे केसेस में डॉक्टर से सलाह कर ही एनीमा लेना चाहिए. डिहाइड्रेशन से बचने के लिए खूब पानी पीना चाहिए।
एनीमा के बाद क्या खाए
जैसा की उपवास के बाद एनीमा करना बेहतर है, अतः पेट पूरा खाली हो जाता है। अगर ज्यादा खा लिया जाए तो पाचन तंत्र पर जोर पड़ता है अतः ये सलाह दी जाती है की हल्का भोजन करे और धीरे धीरे खुराक बढाए। धैर्य रखे और भूख बहुत लगने पर भी जायदा न खाए अन्यथा नुक्सान हो सकता है।
होम्योपैथी में एनीमा का विकल्प
लीवर क्लीनजिंग के लिये होम्योपैथ की कुछ औषधियां सक्षम चिकित्सक की सलाह और देखरेख में लक्षण के अनुसार ली जा सकती है। ये औषधियां हैं ब्रायोनिया, नक्सबोम, एलुमिना, चायना, लाइकोपोडियम, कार्वोवेज। इनके सेवन से कब्ज की परेशानी खत्म होगी, भोजन सरलता से पचेगा और एनीमा नही लेना पड़ेगा।