दहेज हत्या के मामले मे सास व पति को 10-10 वर्ष कारावास
कबीर बस्ती न्यूजः
बस्ती: जिला एवं सत्र न्यायाधीश कुलदीप सक्सेना की अदालत ने विवाहिता की दहेज के लिए हत्या के मामले में सास व पति को 10-10 वर्ष कारावास की सजा सुनाई है। दोनों पर छह-छह हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है। इसे अदा न करने पर दो माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी।
जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी परिपूर्णानंद पांडेय व कमलेश चौधरी ने अदालत को बताया कि इटवा थाना क्षेत्र के रुदौलिया बुजुर्ग, जनपद सिद्धार्थनगर निवासी मथुरा सिंह ने नगर थाने में तहरीर दी थी। बताया था कि उन्होंने अपनी बेटी रेनू की शादी वर्ष 2013 में नगर थाना क्षेत्र के रजली गांव निवासी महेंद्र सिंह उर्फ मंटू सिंह के साथ की थी। कुछ दिन तो सब कुछ ठीक रहा। कुछ दिनों बाद ससुर, जेठ-जेठानी व पति ने विवाहिता पर मायके से अंगूठी लाने के लिए कहा। इसकी जानकारी रेनू ने अपनी मां को दी। जून 2016 में वह बेटी को जब अपने घर ले गए तो उसने प्रताड़ना की पूरी कहानी बताई। जुलाई में ससुर राजेश्वरी सिंह उसको विदा कराने आए तो बातचीत की। बेटी के ससुर दहेज की मांग पर अड़े रहे। इसे देने में अपनी असमर्थता भी राजेश्वरी सिंह से बता दी। बेटी को समझाकर उसे ससुराल के लिए विदा कर दिया।
इस बीच बेटी रेनू घर पर ससुराल में हो रहे प्रताड़ना को बताती रही। तीन सितंबर 2016 की सुबह गांव के लोगों ने सूचना दी कि रेनू की आग से झुलसकर मौत हो गई है। जब वह बेटी की ससुराल पहुंचे तो देखा के रेनू का शव घर पर है। रेनू का पूरा सिर जला हुआ था। ससुराल के लोग बिना मायके में सूचना दिए उसके अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे थे।
इस मामले में पति महेंद्र, ससुर राजेश्वरी सिंह, सास ऊषा सिंह, जेठ बबलू व जेठानी पर मृतका के पिता की तहरीर पर मुकदमा दर्ज हुआ। पुलिस ने विवेचना के दौरान जेठ व जेठानी का नाम केस से निकाल दिया। पति, सास व ससुर के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र प्रस्तुत किया। मुकदमा के विचारण के दौरान ससुर राजेश्वरी सिंह की मृत्यु हो गई। पत्रावली के अवलोकन, गवाहों के बयान व पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर न्यायालय ने महेंद्र सिंह उर्फ मंटू व ऊषा सिंह को सजा सुनाई।