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लखनऊ: रिश्वतखोर एडीओ को मिली दो साल की सजा, 20 हजार रूपये का लगा जुर्माना

कबीर बस्ती न्यूज।

लखनऊ: रोजगार के लिए स्वीकृत ऋण का चेक देने के एवज में 15 सौ रुपये की रिश्वत मांगने के मामले में रंगेहाथ पकड़े गए एडीओ अशोक कुमार गुप्ता को भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट के विशेष न्यायाधीश गौरव कुमार ने दोषी करार दिया है। कोर्ट ने दोषी को दो साल की जेल के साथ ही 20 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। घटना के समय दोषी समाज कल्याण विभाग, रायबरेली के लालगंज में एडीओ के पद पर तैनात था।

अभियोजन पक्ष की तरफ से अधिवक्ता आशुतोष बाजपेयी ने बताया की वादी भगवानदीन कोरी ने 21 मई 2008 को भ्रष्टाचार निवारण संगठन, लखनऊ के एसपी के समक्ष शिकायत दर्ज कराई थी कि उसने छह माह पहले स्वरोजगार के लिए दस रिक्शा स्पेशल कंपोनेंट प्लान का फायदा पाने के लिए विकास खंड लालगंज में आवेदन किया था।
आरोप है कि तत्कालीन एडीओ समाज कल्याण अशोक कुमार गुप्ता ने समाज कल्याण विभाग, रायबरेली से 31 मार्च को उसे निर्गत चेक खुद ले लिया। बाद में एडीओ ने चेक देने के एवज में 15 सौ रुपये की रिश्वत मांगी। इसमें से सात सौ रुपये चुकाने के बाद इसकी शिकायत भ्रष्टाचार निवारण संगठन में की गयी। जहां की टीम ने तीन जून 2008 को आरोपी को आठ सौ रुपये की रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया था।