जयन्ती पर याद किये गये बसपा संस्थापक कांशीराम
चुनाव की तैयारियों में जुट जाय बसपा कार्यकर्ता- राजकिशोर सिंह
बस्ती – बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक कांशीराम की 87 वीं जयंती पर मालवीय रोड स्थित एक मैरेज हाल में कार्यक्रम आयोजित कर सोमवार को उन्हें याद किया गया। मुख्य अतिथि पूर्व विधायक भगवानदास ने कहा कि 15 मार्च 1934 को पंजाब के रूपनगर जिले में पैदा हुये कांशीराम ने राजनीति की ऐसी रेखा खींची, जो समय के साथ गहरी होती चली गई। उन्होंने खुलकर जाति की बात की, दलितों और पिछड़ों को साथ में एक मंच पर लाने का नया समीकरण ही नहीं बनाया बल्कि इसको यथार्थ में बदल दिया। उन्होने दलित समाज को प्रतिष्ठित करने के लिये जिस प्रकार से श्रम किया उनका योगदान सदैव याद किया जायेगा। उनके जयंती अवसर पर संकल्प लेना होगा कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव और आने वाले विधानसभा चुनाव में पूरी ताकत से जुट जाय।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये पूर्व कैबिनेट मंत्री राजकिशोर सिंह ने कहा कि मान्यवर कांशीराम ने कहा था कि जब तक हम राजनीति में सफल नहीं होंगे और हमारे हाथों में शक्ति नहीं होगी, तब तक सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन संभव नहीं है। राजनीतिक शक्ति सफलता की कुंजी है। इसे गांठ बांधकर हमें आने वाले चुनावों में पूरी ताकत से जुट जाना है। कहा कि जनपद में बसपा त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में मजबूती से उतरेगी। बसपा कार्यकर्ता बूथ स्तर पर अपनी तैयारी मजबूत रखें। लोग परिवर्तन का मन बना चुके हैं। बसपा अपने नीति, कार्यक्रम के बूते जीत दर्ज करेगी।
मान्यवर कांशीराम के जयंती अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को मुख्य रूप से लालचंद निषाद, कल्पनाथ बाबूजी, यशोदानन्द निषाद, नरेन्द्र सिंह, सुभाष गौतम, उदयभान, कृपाशंकर गौतम, के.के. गौतम आदि ने सम्बोधित करते हुये कांशीराम जी के संघर्ष और संकल्पों पर विस्तार से प्रकाश डाला। वक्ताओं ने कहा कि अब समय आ गया है कि बहन मायावती के नेतृत्व में पूरी ताकत से जुटकर चुनावों में जीत दर्ज कराया जाय। बसपा जिलाध्यक्ष जयहिन्द गौतम ने पूर्व कैविनेट मंत्री राजकिशोर सिंह को भारतीय संविधान की पुस्तक भेंटकर कांशीराम जी के बताये रास्ते पर चलने का आवाहन किया।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से पृथ्वीराज चौहान, सुभाष चौधरी, अतर सिंह गौतम, रघुनन्दन आजाद, अनिल कुमार गौतम, यशवन्त निगम, पं. सदानन्द शर्मा, शिवम चौधरी, गोवर्धन सोनकर, जय प्रकाश गौतम, रामनिरंजन राना, छटंकी प्रसाद, साहबदीन निषाद, राजेश गौतम, उमेश चन्द्र विश्वकर्मा, अतीत गौतम, मनोज कुमार गौड़, संजय धूसिया, प्रेमसागर, रितेश कुमार, भूपेन्द्र राणा, मनोज पाण्डेय, राजमती चौधरी, सुभावती देवी, मालती राव के साथ ही हजारों की संख्या में बसपा पदाधिकारी, कार्यकर्ता शामिल रहे।