हनुमान ने जलाया रावण की लंका, विभीषण हुये शरणागत
कबीर बस्ती न्यूज,बस्ती।उ0प्र0।
सनातन धर्म संस्था और श्री रामलीला महोत्सव आयोजन समिति की ओर से अटल बिहारी वाजपेई प्रेक्षागृह में चल रहे श्रीराम लीला के आठवें दिन अशोक वाटिका, लंकादहन, विभीषण शरणागति सहित विभिन्न लीलालों का मंचन हुआ। भगवान श्री राम जी के आरती से शुरू हुई लीला में लंका दहन के दृश्य में जहां दर्शकों का उत्साह देखते बन रहा था वहीं अशोक वाटिका के प्रसंग ने भावुक कर दिया।
रामलीला मंचन में व्यास कृष्ण मोहन पाण्डेय, विश्राम पाण्डेय ने कथा सूत्र पर प्रकाश डालते हुये बताया कि प्रभु श्रीराम व लक्ष्मण के कहने पर वानरों के राजा सुग्रीव जी वानर सेना को अलग अलग दिशाओं में भेजते हैं, दक्षिण दिशा में महाबली हनुमानजी को बलवान बन्दरो की सेना के साथ माता सीता की खोज में भेजा जाता है। जामवंत जी द्वारा हनुमानजी के बल का परिचय कराने के बाद हनुमानजी वायु मार्ग से लंका की ओर बढ़ते हैं रास्ते, सर्पों की माता सुरसा की परीक्षा में को पूर्ण करते हुऐ इसी बीच हनुमान जी लंका में प्रवेश करते हैं, जहां लंकिनी से मुलाकात होती है, रास्ता रोकने पर उसे मुष्टिका से मारकर घायल कर देते हैं।
लंकिनी ब्रह्मा के वरदान को याद करके हनुमान को आर्शीवाद देती है। अशोक वाटिका में हनुमान जी की माता सीता से भेंट होती है, फिर आज्ञा लेकर अशोक वाटिका में वृक्षों को तहस-नहस कर फलों को खाते हैं। राक्षसों की पुकार पर रावण अपने पुत्र अक्षय कुमार भेजता है, हनुमान जी द्वारा जिसका वध कर दिया जाता है, फिर मेघनाथ आता है और हनुमान जी को बंधक बनाकर रावण के दरबार में ले जाता है, रावण क्रोधित होकर हनुमान की पूंछ में आग लगा देता है, जिसके बाद हनुमान लंका जलाकर राख कर देते हैं। जब विभीषण ने रावण को समझाया कि राम से बैर त्याग कर सीता माता को वापस राम के पास भेज देना चाहिये।
रावण ने क्रोध में आकर विभीषण को लात मार कर लंका से भगा दिया तब विभीषण राम जी की शरण में आकर अभय हो गया। लीला में दीप संत प्रणव पुरी जी महामृत्युंजय पीठाधीश्वर उज्जैन, साहित्यकार अष्टभुजा शुक्ल, विद्यालय प्रबन्धक राजेश मिश्र, कैलाश प्रकाश मिश्र द्वारा किया गया। लीला का विषय संस्था के सदस्य सुभाष शुक्ल ने रखा। आयोजन में पधारे बस्ती जनपद के सांसद हरीश द्विवेदी, ब्लाक प्रमुख कुदरहा अनिल दूबे प्रमोद पांडेय, धनन्जय श्रीवास्तव, वैद्य जी को अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से सुभाष शुक्ल, ओमकार मिश्र, डॉ एस के तिवारी, सर्वेश श्रीवास्तव, बृजेश सिंह मुन्ना, अनुराग शुक्ल, अनिल मिश्र, राहुल त्रिवेदी, भोलानाथ चौधरी, अमन, अंकित, शशांक, अभय आदि शामिल रहे।