Logo
ब्रेकिंग न्यूज़
भाजपा की सरकार में उपेक्षित हैं विश्वकर्मा समाज के लोग-राम आसरे विश्वकर्मा 700 से अधिक वादकारियों ने सीएम को भेजा पत्र, त्वरित न्याय प्रदान करने के लिए प्रभावी कार्रवाई कराने ... जयन्ती पर याद किये गये पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. चौधरी अजित सिंह कुपोषण और एनीमिया से बचाव के लिए कृमि मुक्ति की दवा का सेवन अनिवार्य-सीएमओ पूजन अर्चन के साथ भगवान श्रीराममय हुआ कैली का डायलसिस यूनिट योगी सरकार के जीरो टेलरेंस नीति पर खौलता पानी डाल रही है बस्ती पुलिस सम्पूर्ण समाधान दिवस में 98 मामलें में 06 का निस्तारण जेण्डर रेसियों बढाने के लिए घर-घर सर्वे करके भरवायें मतदाता फार्म: मण्डलायुक्त डीएम एसपी से मिले अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य, संचालित योजनाओं पर चर्चा भाजपा नेता बलराम ने किया पब्लिक डायग्नोसिस सेन्टर के जांच की मांग

भारत ने मालदीव को सौंपा डोर्नियर विमान, चीनी जहाजों की घुसपैठ पर नजर रखने में मिलेगी मदद

नई दिल्लीः भारत ने मालदीव को एक डोर्नियर विमान उपलब्ध कराया है जिससे कि द्वीप देश अपने विशेष आर्थिक क्षेत्र की निगरानी में मजबूती ला सके और समुद्री आतंकवादियों पर नजर रख सके। सरकारी सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि इस विमान का परिचालन मालदीव नेशनल डिफेंस फोर्स (एमडीएनएफ) द्वारा किया जाएगा। डोर्नियर का और इसका परिचालन खर्च भारत द्वारा वहन किया जाएगा। मालदीव के तत्कालीन राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने 2016 में अपनी भारत यात्रा के दौरान अपने देश के लिए डोर्नियर समुद्री निगरानी विमान की आवश्यकता व्यक्त की थी।

सूत्रों ने बताया कि विमान के परिचालन के लिए भारतीय नौसेना मालदीव के पायलटों और निगरानी कर्मियों तथा इंजीनियरों सहित सात सैन्यकर्मियों को प्रशिक्षण दे रही है। इस संबंध में एक सूत्र ने कहा, ‘‘विमान का इस्तेमाल मादक पदार्थों की तस्करी और अवैध रूप से मछली पकड़ने जैसी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए भी किया जाएगा। भारत मादक पदार्थ तस्करों की गतिविधियों के बारे में मालदीव के साथ नियमित तौर पर सूचना साझा करता रहा है।”सूत्रों ने बताया कि विमान द्वीप देश के विशेष आर्थिक क्षेत्र पर भारत और मालदीव की जारी संयुक्त निगरानी में भी मदद करेगा।

सूत्र ने कहा, ‘‘संदिग्ध आतंकवादियों द्वारा महिबाधू और लामू में किए गए हमलों के मद्देनजर डोर्नियर विमान आतंकवाद रोधी अभियानों में भी उपयोगी होगा।” द्वीप देश में नवंबर 2018 में इब्राहीम मोहम्मद सालेह के राष्ट्रपति बनने के बाद भारत और मालदीव के संबंध फिर से पटरी पर आ गए थे। यामीन के शासनकाल के दौरान दोनों देशों के बीच संबंध बिगड़ गए थे क्योंकि उन्हें चीन का करीबी माना जाता था। चुनाव में यामीन को हराने के बाद सालेह मालदीव के राष्ट्रपति बने थे।