भारत की आत्मा भारत के गांव खेत खलियान में बसती है- इंद्र साव
भाटापारा-
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं पूर्व प्रधानमंत्री
लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के अवसर पर ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष इन्द्र साव ने कहा कि किसानों, मजदूरों, मेहनतकश इंसानो के सबसे बड़ा हमदर्द महात्मा गांधी जी कहते थे भारत की आत्मा भारत के गांव, खेत-खलिहान में बसती हैं
लेकिन आज देश का किसान, खेत मजदूर कृषि विरोधी तीन काले कानूनों के खिलाफ सड़को पर आंदोलन कर रहे हैं। अपना खून पसीना दे कर देश के लिए अनाज उगाने वाले अन्नदाता किसान को मोदी सरकार खून के आंसू रुला रही है। कोरोना महामारी के दौरान कांग्रेस ने मांग की थी कि हर जरूरतमंद देशवासी को मुफ्त में अनाज मिलना चाहिए तो क्या हमारे किसान भाइयों के बगैर ये संभव था कि हम करोड़ो लोगो के लिए दो वक्त के भोजन का प्रबंध कर सकते थे?
आज देश के प्रधानमंत्री हमारे अन्नदाता किसानों पर घोर अन्याय कर रहे हैं उनके साथ नाइंसाफी कर रहे हैं। किसानों के लिए जो कानून बनाये गए हैं उनके बारे में सलाह मशविरा तक नही किया गया, बात तक नही की गई, यही नहीं उनके हितों को भी नजरअंदाज करके तीन काले कानून बना दिये गए हैं। जब संसद में भी कानून बनाते वक्त किसानों की आवाज़ नही सुनी गई तो वे अपनी बात शांतिपूर्वक रखने के लिए महात्मा गांधी के रास्ते पर चलते हुए मजबूरी में सड़कों पर आए।
लोकतंत्र विरोधी, जनविरोधी सरकार द्वारा उनकी बात सुनना तो दूर उन पर लाठियां बरसाई गयी।
किसान और खेत मज़दूर आखिर चाहते क्या हैं? बस इन तीन कानून से अपने मेहनत के उपज का सही दाम ही तो चाहते हैं, जो उनका बुनियादी अधिकार हैं।आज जब अनाज मंडियां खत्म कर दी जायेगी, जमाखोरों को अनाज जमा करने की खुली छूट दी जाएगी, किसानों की जमीन पूंजीपतियों को सौंप दी जाएगी तो करोड़ो छोटे किसानों की रक्षा को करेगा?
किसानों के साथ ही खेत मजदूरों और बकायादारों का भविष्य जुड़ा है।
अनाज मंडियों अंतर्गत काम करने वाले छोटे दुकानदारो और मजदूरों का क्या होगा?
उनके अधिकारों की रक्षा कौन करेगा? क्या मोदी सरकार ने इस बारे में सोचा है?
इन्द्र साव ने आगे कहा कि कांग्रेस पार्टी ने हर कानून जनसहमति से बनाया है। कानून बनाने से पहले लोगो के हितों को सबसे ऊपर रखा, लोकतंत्र के मायने भी यही है कि देश के हर निर्णय में देशवासियों की सहमति हो लेकिन क्या मोदी सरकार इसे मानती है? शायद मोदी सरकार को याद नहीं है कि वो किसानों के हक की भूमि के उचित मुआवजा कानून को आर्डिनेंस के माध्यम से भी बदल नहीं पायी थी।
इन तीन काले कानूनी के खिलाफ भी कांग्रेस पार्टी संघर्ष करती रहेगी। कांग्रेस के कार्यकर्ता हर स्तर पर किसान और मजदूर के पक्ष में आंदोलन कर रहे हैं। कांग्रेस का दावा है कि किसान और कांग्रेस का यह आंदोलन सफल होगा और किसान भाइयों की जीत होगी।