….आइए जानते हैं कैसे शुरू हुई थी प्रियंका-रॉबर्ट का प्रेम कहानी और पंजाब कनेक्शन
कबीर बस्ती न्यूजः
घर की बहू के सामने उसके मायके वालों पर ताना मारना तमाम भारतीय घरों में आम बात है। लेकिन अपने मायके की बुराई सुनकर बहू ताली बजाए, ऐसा कम ही होता है। यही वजह है कि पंजाब के सीएम चन्नी ने जब कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को पंजाब की बहू बताकर यूपी-बिहार और दिल्ली के तथा कथित लोगों पर ताना मारा, तो प्रियंका गांधी ने भी खूब ताली बजाई।
हालांकि कई लोग यह समझ ही नहीं पा रहे थे कि अगर रॉबर्ड वाड्रा यूपी के मुरादाबाद से हैं तो फिर प्रियंका गांधी पंजाब की बहू कैसे हो गईं? आइए जानते हैं कैसे शुरू हुई थी इनकी प्रेम कहानी और प्रियंका-रॉबर्ट का पंजाब कनेक्शन…
13 साल की उम्र में हुई थी मुलाकात:
एक पत्रिका को 9 मई 2009 को दिये गए अपने इंटरव्यू में प्रियंका गांधी वाड्रा ने बताया था कि “मैं जब पहली बार रॉबर्ट से मिली उस वक्त मेरी उम्र महज 13 साल थी। हम स्कूल में साथ पढ़ते थे। मेरे फैमिली बैकग्राउंड को जानते हुए भी रॉबर्ट ने मुझे स्पेशल तरीके से ट्रीट नहीं किया, ये बात मुझे प्रभावित कर गई।
रॉबर्ट की बहन मिशेल ने कराई थी मुलाकात: स्कूल के दिनों में ही रॉबर्ट की बहन मिशेल ने पहली बार प्रियंका से अपने भाई की मुलाकात कराई थी। दोनों की मुलाकात हुई, उसके बाद बातों और मुलाकातों का सिलसिला चल पड़ा। उसी दौरान प्रियंका की दादी इंदिरा गांधी की हत्या के बाद दोनों की इस दोस्ती में एक लंबा पॉज़ भी आया था।
लेकिन कुछ समय बाद जब प्यार का प्ले बटन दोबारा रिज्यूम हुआ तो प्रियंका फास्ट फारवर्ड मोड पर रॉबर्ट से मिलने मुरादाबाद जा पहुंचीं और अब तक जो दोस्ती राज के पर्दों में छिपी थी, वो दुनिया के सामने 18 फरवरी 1997 को दोनों की शादी के तौर पर आई। 25 साल की इस शादी में दोनों के दो बेटे हैं।
रॉबर्ट का पंजाब कनेक्शन: दरअसल रॉबर्ट वाड्रा के पिता राजिन्दर वाड्रा का परिवार आजादी के पहले के अविभाजित पंजाब यानी कि सियालकोट में रहता था। बंटवारे के बाद लाखों विस्थापितों की तरह ये फैमिली भी पहले सरहद पार कर पंजाब आई और फिर यूपी के मुरादाबाद में आकर बस गई और पीतल का काम शुरू किया।
शादी की सिल्वर जुबली: प्रियंका और रॉबर्ट को एक दूसरे में जो बात सबसे ज्यादा अच्छी लगती है, वो है दोनों का एक दूसरे के लिए सम्मान। वर्ष 2009 को मीडिया में दिए एक इंटरव्यू में प्रियंका गांधी बताती हैं कि रॉबर्ट की जो बात मुझे सबसे ज्यादा पसंद है, वो है उसका डाउन टू अर्थ व्यवहार। अब तक मैं जितने लोगों से मिली हूं, वो उनमें सबसे ज्यादा साफ दिल वाले इंसान हैं। वो जैसे दिखते हैं वैसे हैं भी, मैं सोचती हूं कि जिस तरीके से वो हमारी जिंदगी को संभालते हैं, वो लाजवाब है। शादी के इतने सालों बाद एक पत्नी अपने पति से इससे ज्यादा और क्या उम्मीद कर सकती हैं।