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दो वर्ष तक के बच्चों और गर्भवती के साथ-साथ टीकाकरण से छूटे बच्चों को करेंगे प्रतिरक्षित

सात से पंद्रह मार्च तक चलेगा मिशन इंद्रधनुष 4.0

मतगणना और रविवार को छोड़कर प्रतिदिन चलेगा अभियान

प्रेरणा श्री सभागार में प्रशिक्षित किये गये अधीक्षक, प्रभारी व स्वास्थ्यकर्मी

कबीर बस्ती न्यूजः

गोरखपुर: मिशन इंद्रधनुष 4.0 का पहला चरण जिले में सात से पंद्रह मार्च तक चलेगा । यह अभियान सिर्फ मतगणना और रविवार के दिन नहीं चलेगा । इसके तहत टीकाकरण से छूटे हुए दो वर्ष तक के बच्चों और गर्भवती के साथ-साथ अन्य आयु वर्ग छूटे हुए लाभार्थियों को भी टीका लगाने के दिशा-निर्देश दिये गये हैं । इस संबंध में विश्व स्वास्थ्य संगठन के सहयोग से जिले के विभिन्न स्वास्थ्य इकाइयों के अधीक्षक, प्रभारी चिकित्सा अधिकारी और स्वास्थ्यकर्मी मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के प्रेरणा श्री सभागार में सोमवार को प्रशिक्षित किये गये ।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के सर्विलांस मेडिकल ऑफिसर डॉ. संदीप पाटील, यूनिसेफ के डीएमसी डॉ. हसन फहीम, नीलम यादव और यूएनडीपी संस्था के प्रतिनिधि पवन कुमार सिंह ने अलग-अलग पक्षों के बारे में प्रशिक्षण दिया । अध्यक्षता करते हुए जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. एएन प्रसाद ने कहा कि 26 फरवरी तक आशा व एएनएम के माध्यम से हेड काउंट सर्वे करवा लिया जाए और छूटे हुए लाभार्थियों का विवरण ई-कवच एप में फीड कर दिया जाए। वैसे तो मिशन इंद्रधनुष अभियान का जोर टीकाकरण से छूटे हुए दो साल तक के बच्चों और गर्भवती पर ही है, लेकिन अभियान के दौरान अन्य आयुवर्ग के लाभार्थियों को भी प्रतिरक्षित किया जाना है । लोगों के बीच यह संदेश दिया जाए कि सरकार की तरफ से नियमित टीका निःशुल्क है और यह सुरक्षित होने के साथ-साथ असरदार भी है । टीका लगने के बाद आने वाला बुखार स्वाभाविक है और टीके का कोई प्रतिकूल असर नहीं पड़ता है ।

डॉ. प्रसाद ने बताया कि इस बार शहरी क्षेत्र में मिशन इंद्रधनुष 4.0 के तहत नयी गतिविधियां भी जोड़ी गयी हैं जिनके तहत डिमांड आधारित टीकाकरण, टीकाकरण सत्रों पर ही किया जाना है । नियमित टीके के लिए लाभार्थी को सत्र तक ही आना है और घर पर टीकाकरण की सुविधा देने का कोई प्रावधान नहीं है । सत्र स्थल पर कोविड नियमों का पालन करते हुए टीकाकरण किया जाएगा । प्रशिक्षण में जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी केएन बरनवाल और उप जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी सुनीता पटेल ने भी प्रतिभाग किया ।

प्रतिरक्षित न होने का कारण भी बताना होगा

अभियान के रिपोर्टिंग के लिए तैयार फार्मेट में एएनएम को यह भी बताना होगा कि किन कारणों से हेड काउंट सर्वे में शामिल बच्चा या गर्भवती टीकाकरण नहीं करवा सके । अगर मिशन इंद्रधनुष के पहले ही किसी दिवस पर लाभार्थी ने टीकाकरण करवा लिया है तो इसकी सूचना का भी प्रावधान किया गया है । उन लाभार्थियों की भी जानकारी इकट्ठा की जाएगी जिनको पहली बार टीका लगाया गया हो ।

यहां पर होगा अभियान का जोर

• रिक्त उपकेंद्र
• ऐसे क्षेत्र जहां अंतिम दो या दो से अधिक नियमित टीकाकरण सत्र नहीं हुए हैं
• पोलियो हाई रिस्क क्षेत्र
• ऐसे क्षेत्र जहां अंतिम दो वर्षों में टीकाकरण कवरेज कम है, मीजिल्स आऊटब्रेक या डिप्थीरिया अथवा नियोनेटल टिटनेस के केस पाये गये हों
• ऐसे छोटे गांव एवं पुरुवे जहां पर अलग से नियमित टीकाकरण सत्र आयोजित नहीं होते हैं
• अन्य किसी कारण से टीकाकरण से लाभार्थी छूट गये हों