क्षय उन्मूलन के लिए नौ मार्च को शुरु होगा ए.सी.एफ अभियान, सर्वे करने वाली टीम को मिलेगी 600 रुपए प्रोत्साहन राशि
चार लाख की आबादी के बीच खोजे जाएंगे क्षय रोगी
कबीर बस्ती न्यूजः
संतकबीरनगर: मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ इन्द्रविजय विश्वकर्मा ने बताया कि आगामी वर्ष 2025 तक देश को क्षय रोग ( टी.बी. ) से पूरी तरह मुक्त करने का लक्ष्य है । इस लक्ष्य को पूरा करने में योगदान के लिए जिले के भीतर स्वास्थ्य विभाग टी.बी. के मरीजों की खोज के लिए नौ से 22 मार्च तक ( ए.सी.एफ. ) एक्टिव केस फाइंडिंग कार्यक्रम चलाएगा। इसके तहत जिले की 20 प्रतिशत से अधिक आबादी को ध्यान में रखते हुए क्षय रोगियों की खोज की जाएगी।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि एक्टिव केस फाइंडिंग के माध्यम से जिले में क्षय रोग से संक्रमित व्यक्तियों की पहचान की जाएगी । उन्हें क्षय रोग के उपचार प्रणाली के साथ जोड़कर निःशुल्क जांच व उपचार भी दिया जायेगा ।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. एस. डी. ओझा ने बताया कि जिले में लगभग बीस लाख की आबादी है । इसमें बीस प्रतिशत यानी लगभग चार लाख लोगों में टी.बी. के लक्षण के आधार पर जांच करायी जाएगी । लक्षण होने पर सर्वे टीम उसी समय व्यक्ति के बलगम का नमूना लेकर जांच के लिए भेजेंगी । रोग की पुष्टि होने पर दो दिन के भीतर व्यक्ति का उपचार शुरू हो जायेगा । यह पूरा अभियान पोलियो अभियान की तरह चलाया जायेगा । इस गतिविधि में यदि व्यक्ति में रोग की पुष्टि होती है तो सर्वे टीम को 600 रुपये की प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी । सफल क्रियान्वयन के लिए पूरे कार्यक्रम की नियमित समीक्षा,पर्यवेक्षण एवं अनुश्रवण भी किया जायेगा ।
शरीर के किसी भी अंग में हो सकता है क्षय रोग
जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि क्षय रोग माइक्रोबैक्टीरिया, ट्यूबरक्लोसिस नामक जीवाणु के संक्रमण के कारण होताहै। यह रोग मुख्यतः फेफड़े में होता है, लेकिन शरीर के अन्य अंगो जैसे दिमाग, हड्डी , ग्रन्थियों व आंत में भी हो सकता है। यह रोग टीबी के रोगी द्वारा खांसने या छींकने, रोगी द्वारा इधर उधर खुली जगह पर बलगम थूकने पर व रोगी के कपड़े, तौलिए, चादर आदि का प्रयोग करने से हो सकताहै।
यह हैं क्षय रोग के लक्षण
जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि यदि किसी व्यक्ति को दो सप्ताह से अधिक समय तक खांसी रहे , बुखार रहता हो तथा शाम को बढ़ जाता हो, सीने में दर्द हो, खांसी के साथ खून आए, भूख न लगे, वजन घटता हो यह टीबी के लक्षण हैं। यदि किसी भी व्यक्ति के अन्दर क्षय रोग के यह लक्षण दिखाइ दें तो उनकी जांच कराएं। जनपद में टीबी की जांच के लिए ट्रूनाट व एक सीबीनाट मशीन है।
मरीजों के इलाज के लिए यह हैं सुविधाएं
राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के जिला कार्यक्रम समन्वयक अमित आनन्द ने बताया कि जिले की आबादी कुल 20 लाख है। नौ ब्लाकों में कुल आठ टीबी यूनिट है। साथ ही बेलहर कला व मगहर में दो टीबी यूनिट बन रही है। 17 माइक्रोस्कोपिक सेंटर है। दो लेड माइक्रोस्कोप है, एक सीबीनाट व चार ट्रूनाट मशीन है। एक डीडीआरटीबी सेंटर है जिसमें चार बेड हैं। क्षय रोगियों को सारी सुविधाएं मुफ्त मिलती हैं। वर्तमान में 2492 मरीजों का इलाज चल रहा है, जिनमें 162 जटिल क्षय रोगी हैं।