भ्रष्टाचार के आग मे जल गया सुल्तानपुर में शौचालय योजना, मामला लोकायुक्त के दरबार मे
कबीर बस्ती न्यूजः
सुल्तानपुर: उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में शौचालय योजना में गोलमाल का मामला सामने आया है। योजना को कितना अमली जामा पहनाया गया, इसे देखना और समझना है तो सुल्तानपुर के सदर (जयसिंहपुर) विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत सुरौली में ग्राम प्रधान द्वारा कराए गए विकास कार्यों को देखना होगा। दर्जनों ऐसी विकास योजनाएं हैं जिसमें जमकर सरकारी धन का गबन हुआ है। काबिले गौर बात यह है कि ग्रामीणों के विरोध के बावजूद भी जिम्मेदार अधिकारियों ने खास कदम नहीं उठाए हैं।
पंचवर्षीय योजना में हुआ भ्रष्टाचार
जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत में लगभग 12 पुरवे हैं, इनमें तकरीबन 8 हजार के आसपास आबादी है। 4600 के आसपास यहां वोटर हैं। पिछले पंचवर्षीय योजना में यहां जिस प्रकार से ग्राम प्रधान बबिता वर्मा के प्रतिनिधि/पति रमाकांत वर्मा ने तत्कालीन ग्राम पंचायत सचिव राजधर पांडे व श्रीराम दुबे की मिलीभगत से सरकारी धन का बंदरबाट हुआ उसे जानकर सभी हैरान हैं। बताया जा रहा है कि गांव में तकरीबन 400 शौचालय बनाने की योजना थी। हालत यह है कि करीब 250 शौचालय की हालत बद से बदतर हो गई है। कहीं-कहीं तो सीट भी गायब हो गई है।
2018–19 के समय अवधि में शौचालय हुए जर्जर
प्रधान व ग्राम पंचायत सचिव की सहमति से 2018-19 के समय अवधि में तकरीबन 400 शौचालय बनवाए गए। जब यह शौचालय गिरने लगे तो फिर प्रधान पति ने इसे बनवाने का जिम्मा उठा लिया। वर्तमान समय पर स्थिति यह है कि या तो शौचालय मौके पर हैं ही नहीं, अगर कहीं है भी तो किसी जगह दरवाजा निकाल गया है तो किसी स्थान पर दीवार और छत जर्जर अवस्था में है।
हालांकि सरकार ने योजना का लाभ देश के उन नागरिको के लिए रखा था जो अपने घरो मे शौचालय का निर्माण करवाने मे असमर्थ हैं। योजना के तहत देश के गरीब लाभार्थीयो को शौचालय बनवाने के लिए सरकार द्वारा 12 हजार रुपये की वित्तिय सहायता उपलब्ध करवाई जा रही थी।
स्कूल में बने नहीं शौचालय पास हो गए पैसे
इससे भी अधिक चौकाने वाला पहलू यह है कि इस योजना के तहत लाभ भी प्रधान और ग्राम पंचायत सचिव ने उन्हें दिया जिनसे उन्हें मुंह मांगी रकम मिली। इस बाबत जानकारी करने पर ग्रामीणों ने बताया कि पैसे देने के बाद उन्हें शौचालय का लाभ दिया गया है। कई जगह दीवार खड़ी कराया गया फिर शौचालय की सीट तक प्रधान और बीडीसी उठा ले गए। इतना ही नहीं ग्रामीणों के साथ-साथ क्षेत्र के स्कूल में शौचालय निर्माण के नाम पर प्रधान और ग्राम पंचायत सचिव ने 2 लाख 29 हजार 890 रुपए पास करा लिए और मौके पर शौचालय बना ही नहीं। इस बात का जिक्र स्थानीय निवासी अब्दुल कुद्दुस द्वारा लोकायुक्त में की गई शिकायत में दर्ज है। वहीं, इस मामले में ननकऊ और कांति ने बताया कि शौचालय की सीट तक उखाड़ ली गईं हैं। इस मामले में जब प्रधान पति से बात की गई तो उन्होंने कहा कि विरोधी ऐसी बातें क्षेत्र में फैला आतंक मचा रहे। उन्होंने कहा कि हमें क्लीनचिट मिल चुकी है।
वही पूरे मामले में डीएम रवीश गुप्ता ने कहा कि मतगणना में व्यस्तता है इसके बाद मौके पर जाकर जांच करके जो भी दोषी होगा उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।