Logo
ब्रेकिंग न्यूज़
भाजपा की सरकार में उपेक्षित हैं विश्वकर्मा समाज के लोग-राम आसरे विश्वकर्मा 700 से अधिक वादकारियों ने सीएम को भेजा पत्र, त्वरित न्याय प्रदान करने के लिए प्रभावी कार्रवाई कराने ... जयन्ती पर याद किये गये पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. चौधरी अजित सिंह कुपोषण और एनीमिया से बचाव के लिए कृमि मुक्ति की दवा का सेवन अनिवार्य-सीएमओ पूजन अर्चन के साथ भगवान श्रीराममय हुआ कैली का डायलसिस यूनिट योगी सरकार के जीरो टेलरेंस नीति पर खौलता पानी डाल रही है बस्ती पुलिस सम्पूर्ण समाधान दिवस में 98 मामलें में 06 का निस्तारण जेण्डर रेसियों बढाने के लिए घर-घर सर्वे करके भरवायें मतदाता फार्म: मण्डलायुक्त डीएम एसपी से मिले अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य, संचालित योजनाओं पर चर्चा भाजपा नेता बलराम ने किया पब्लिक डायग्नोसिस सेन्टर के जांच की मांग

समाज में अपने बलबूते पर सम्मान, संस्कार को न छोड़ते हुए अग्रणी भूमिका निभाने वाली महिलाएं हुई सम्मानित

कबीर बस्ती न्यूजः
बस्ती ।  “उड़ जाने की चाह , आसान नही थी राह” ये पंक्तियां चरितार्थ होती है बस्ती जिले की उन महिलाओँ की जो समाज में अपने बलबूते पर अपने सम्मान, संस्कार को न छोड़ते हुए अपने और अपनों के लिए अग्रणी भूमिका निभाई। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर कल देर शाम सरिता शुक्ला के आवास रामेश्वरपुरी में साहित्य, कला और संगीत के प्रति समर्पित सामाजिक संस्था बस्ती विकास समिति महिला प्रकोष्ठ ने महिलाओं को सम्मानित किया।
सम्मान लेते हुए उन महिलाओं की आंखों की नमी और इनके रुँधे गले अपनी आपबीती बताते हुए वहाँ उपस्थित सभी जनों को भावुक कर गए ।
बात करते है सम्मानित हुई हमीदा खातून उर्फ बक्को की जो गांधीनगर में सब्जी बेचने का काम करती है जिनके पति ने छोटे -छोटे तीन बच्चों को छोड़ कर दूसरी शादी कर ली थी ।फिर शादी के अठारह साल बाद उनके पति का देहांत भी हो गया । जैसे तैसे हमीदा ने खुद को संभाला और सब्जी बेच बेच कर अपने बच्चो को पढ़ा लिखाकर उनकी शादियां तक की।
इसी क्रम में सम्मानित गुड़ियां  जिसके पति रोज़ शराब पी के घर में लड़ाई झगड़ा करते गुड़ियां को उसके पांच बच्चों के साथ कई कई दिन घर से बाहर रहना पड़ता । पति को अत्यंत शराब पीने की वजह से कैंसर जैसी बीमारी हो गयी । पैसे के अभाव में गुड़ियां ने परिस्थिति से समझौता ना करते हुए अपने पैरों पर खड़ा होना उचित समझा और स्कूल में दाई का काम करके अपने बच्चो और बीमार पति का पेट पालने लगी । गुड़िया के घर मे न तो बिजली पानी है और ना ही गैस चूल्हा आज भी वह मिट्टी के चूल्हे और स्टोव पर खाना बनाती हैं।
आगे बात करते है हमीदा खातून की जो दूसरों के घरों  के झूठे बर्तन धोने का काम करती है। हमीदा की बड़ी बहन जिसकी शादी हुई और  एक बच्चे की माँ बनी छोटे से बच्चे को छोड़ कर उसके पति इस दुनियां को अलविदा कह गए । उसके ससुराल वालों ने उसके पति के बाद उसे घर से निकाल दिया । हमीदा की बहन अपने मायके आ गयी लेकिन मायके में भाइयों ने भी कोई साथ न दिया। रोज़ कलह करते और घर से निकाल देते। चूँकि माँ बाप भी बूढ़े थे उनकी भी ना चलती ।तब हमीदा ने अपनी बहन से कहा आज से तीसरा भाई हू मैं तेरा मैं तेरे और तेरे बच्चे की और माँ बाप की परवरिश करूँगी और मैं जीवन भर शादी नहीं करूंगी।अपने घर को समर्पित ऐसी त्याग की देवीयों को बस्ती विकास समिति महिला प्रकोष्ठ भूरि भूरि प्रशंसा करता है और इनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करता है।
इस दौरान समिति के संस्थापक अध्यक्ष राहुल श्रीवास्तव राजाभइया, डा वीरेंद्र त्रिपाठी, महिला प्रकोष्ठअध्यक्ष डॉ शैलजा सतीश, सचिव डॉ सिम्मी भाटिया, कोषाध्यक्ष सरिता शुक्ला, संतोष सिंह, दुर्गेश उपाध्याय , रिशम भाटिया , सुकृती चंद्रा , रिदम, आरोही, वंदना मिश्रा सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।