लोगों ने खाई फाइलेरिया की दवा, आज से मापअप राउण्ड
– छूटे हुए लोगों को खोजकर खिलाएं फाइलेरिया की दवा
कबीर बस्ती न्यूज:
संतकबीरनगर। फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत चलाए जा रहे सामूहिक दवा सेवन (एमडीए) अभियान के दौरान लोगों को फाइलेरिया रोधी दवा खिलाई जा चुकी है। एमडीए के दौरान जिले में लगाई गयी टीम ने हर दिन औसतन 77.1 प्रतिशत के लक्ष्य को पूरा किया। जिले में कुल 17 लाख लोगों को फाइलेरिया की दवा खिलानी है। छूटे हुए लोगों को फाइलेरिया की दवा खिलाने के लिए एक से छह जून तक मापअप राउण्ड चलाया जाएगा। शत प्रतिशत लोगों को फाइलेरिया रोधी दवा खिलाने का लक्ष्य है।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी वेक्टर बार्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम (वीबीडीसीपी) डॉ वी पी पाण्डेय ने बताया कि मुख्य चिकित्सा धिकारी डॉ इन्द्र विजय विश्वकर्मा के निर्देशन में जिले में एमडीए अभियान का शुभारंभ 12 मई को किया गया। 28 मई तक चले इस अभियान के दौरान कुल 17 लाख लोगों को दवा खिलानी थी।
1002 लोगों को किया दवा लेने को राजी
फाइलेरिया अभियान के दौरान कुछ ऐसे भी लोग थे जिन्होने दवा खाने से इनकार कर दिया था। ऐसे 1002 लोगों को जिला मलेरिया अधिकारी राम सिंह, पीसीआई के जिला समन्वयक मोहम्मद आसिफ के साथ ही साथ मलेरिया इंस्पेक्टर अतिन श्रीवास्तव, दीपक यादव, संजय के साथ ही अन्य लोगों की टीम ने बेहतर प्रयास कर दवा खिलवाया । प्रति दिन औसतन 44 लोगों को दवा खाने के लिए राजी किया गया। इनमें सबसे अधिक 22 मई को 100 लोगों को दवा खाने के लिए राजी किया गया।
लगातार पांच साल दवा खाकर ही बच सकते हैं फाइलेरिया से – डॉ पाण्डेय
एसीएमओ वीबीडीसीपी के निर्देशन में मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के सभागार में स्वास्थ्यकर्मियों को मापअप राउंड के संबंध में प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान एपीडेमियोजाजिस्ट डॉ मुबारक अली, पाथ संस्था के मण्डलीय प्रशिक्षक डॉ अनिकेत झा, जिला मलेरिया अधिकारी राम सिंह, के साथ ही सभी ब्लाकों के बीपीएम, बीसीपीएम, मलेरिया निरीक्षक तथा अन्य लोग उपस्थित रहे। इस दौरान डॉ पाण्डेय ने कहा कि छूटे हुए लोगों को फाइलेरिया की दवा खिलाने के लिए माइक्रोप्लान बना लिया गया है। इसी माइक्रोप्लान के आधार पर छूटे हुए लोगों को फाइलेरिया की दवा खिलाई जाएगी। हर उस व्यक्ति को दवा खिलानी है जो लोग अभियान के दौरान किसी कारणवश छूट गए हैं। फाइलेरिया जैसी बीमारी को दूर भगाने के लिए एमडीए की दवाएं ही एकमात्र हथियार है। लगातार 5 साल तक फाइलेरिया की दवा खाने से ही फाइलेरिया से बचा जा सकता है।