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हीट स्ट्रोक के लक्षणों को न करें नजरअंदाज : सीएमओ

हर सीएचसी-पीएचसी पर उपलब्ध है निःशुल्क ओआरएस
दिक्कत बढ़ने पर सरकारी अस्पताल में चिकित्सक से करें संपर्क

कबीर बस्ती न्यूज:

गोरखपुर: गर्मी के इस मौसम में अगर लू लगने के लक्षण नजर आएं तो नजरअंदाज न करें बल्कि सतर्क हो जाएं। दिक्कत बढ़ने पर सरकारी अस्पताल में चिकित्सक से संपर्क करें। बदलते मौसम को देखते हुए जिले के प्रत्येक सीएचसी और पीएचसी पर निःशुल्क ओआरएस के पैकेट उपलब्ध हैं । यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे का। उन्होंने जनपदवासियों से हीट स्ट्रोक से सतर्क रहने की अपील की है । इस संबंध में जिलाधिकारी कार्यालय से जारी एडवाइजरी का हवाला देते हुए उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के संबंधित अधिकारियों को भी पूरी तैयारी रखने को कहा है ।

सीएमओ ने बताया कि एडवाइजरी के मुताबिक गर्म, लाल, शुष्क त्वचा का होना, पसीना न आना, तेज पल्स होना, उथले स्वास गति में तेजी, व्यवहार में परिवर्तन, भ्रम की स्थिति, सिरदर्द, मितली, थकान और कमजोरी होना, चक्कर आना, मूत्र न होना अथवा इसमें कमी हीट स्ट्रोक के लक्षण हो सकते हैं । ऐसे लक्षणों के कारण शरीर के आंतरिक अंगों खासतौर से मस्तिष्क को नुकसान पहुंचता है और उच्च रक्तचाप की स्थिति बनती है। मनुष्य के ह्रदय के कार्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। अगर कोई व्यक्ति लगातार एक या दो घंटे से अधिक समय तक 40.6 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान  या गर्म हवा में रहता है तो ऐसे व्यक्ति के मस्तिष्क में क्षति होने की पूरी आशंका होती है। शराब की लत, ह्रदय रोग, पुरानी बीमारी, मोटापा, पार्किंसन रोग,अधिक उम्र, अनियंत्रित मधुमेहऔर मानसिक रोग की कुछ औषधियां लेने वालों में हीट स्ट्रोक की आशंका ज्यादा होती है।

डॉ दूबे ने बताया कि जब शरीर के द्रव्य बाडी फ्लूयेड सूखने लगती है या शरीर से पानी व नमक की कमी होने लगती है तो हीट स्ट्रोक या लू लगने का खतरा बढ़ जाता है। जब तक वातावरण का तापमान 37 डिग्री सेल्सियस तक रहता है कोई दिक्कत नहीं होती है लेकिन जब यह इससे ऊपर बढ़ता है तो शरीर वातावरणीय गर्मी को शोषित करने लगता है और शरीर का तापमान प्रभावित होने लगता है। इसे ही हीट स्ट्रोक, सन स्ट्रोक या लू लगना कहते हैं। विश्व मौसम संघ के अनुसार यदि किसी स्थान का तापमान लगातार पांच दिनों तक सामान्य स्थानीय तापमान से पांच डिग्री सेल्सियस अधिक रहे अथवा लगातार दो दिन तक 45 डिग्री सेल्सियस से अधिक का तापमान बना रहे तो उसे हीट वेब या लू कहते हैं और ऐसे मौसम में ही हीट स्ट्रोक की आशंका बढ़ जाती है। हीट स्ट्रोक के मामलों में लापरवाही बरतने पर मौत भी हो सकती है।

सीएमओ ने कहा कि इस मौसम में ठेले पर खुले में बिकने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन न करें। दुकान के खोवे व पनीर आदि के सेवन से बचें। बाहर के टैंकर का पानी न पिएं। इंडिया मार्का हैंडपंप के शुद्ध जल का इस्तेमाल करें।

रखें सावधानी

• भरपूर मात्रा में पानी पिएं।
• पसीना शोषित करने वाले हल्के वस्त्र पहनें।
• धूप के चश्मे, छाता, टोपी, चप्पल का इस्तेमाल करें।
• खुले में कार्य करने वाले सिर, चेहरा, हाथ, पैरों को गीले कपड़ों से ढके रहें व छाते का प्रयोग करें।
• लू प्रभावित व्यक्ति को छाये में लिटा कर सूती गीले कपड़े से पोछें अथवा नहलायें व चिकित्सक से संपर्क करें।
• यात्रा करते समय पीने का पानी साथ रखें।
• ओआरएस, घर में बने पेय पदार्थ लस्सी, चावल का पानी (मांड), नींबू पानी, छाछ आदि का प्रयोग करें ताकि शरीर में पानी की कमी न हो।
• यदि हीट स्ट्रोक के लक्षण मिले तो तुरंत चिकित्सकीय सलाह लें।
• घर को ठंडा रखें। पर्दा व खिड़की का प्रयोग करें।
• पंखे व गीले कपड़ों का प्रयोग करें। बार-बार स्नान करें।
• कार्यस्थल पर पीने का ठंडा पानी रखें।
• कार्यस्थल पर सूर्य की रौशनी से बचने का प्रबंध करें।
• श्रमसाध्य कार्य ठंडे समय में करें व करवाएं।
• घर से बाहर हैं तो आराम करने की आवृत्ति बढ़ाएं।
• गर्भावस्थ महिला और रोगग्रस्त कर्मी का विशेष ध्यान रखें।

यह न करें

• जानवरों और बच्चों को कभी भी बंद व खड़ी गाड़ियों में अकेले न छोड़ें।
• दोपहर 12 से तीन बजेके बीच सूर्य की  रोशनी में न जाएं।
• गहरे रंग के भारी और तंग कपड़े न पहनें।
• तापमान अधिक हो तो बाहर श्रमसाध्य कार्य न करें।
• अधिक प्रोटीनयुक्त, बासी व संक्रमिक खाद्य एवं पेय पदार्थों का सेवन न करें ।
• अल्कोहल, चाय या काफी पीने से परहेज करें।