Logo
ब्रेकिंग न्यूज़
अमित हास्पिटल मे बीएएमएस डिग्री धारक करता है महिला रोगों तथा अन्य गंभीर रोगों का इलाज न डिग्री न रजिस्ट्रेशन फिर भी कथित वैध आर0 डी0 चौधरी करता है नाक कान गला रोग का इलाज जिले मे नाजायज अल्ट्रासाउंड सेन्टरों का भरमार यहां यमराज करते हैं मरीजों का अल्ट्रासाउंड श्रमजीवी पत्रकार यूनियन पदाधिकारियों को दिलाया शपथ, दायित्वों पर खरा उतरें पत्रकार-डा. वी.के. वर्मा निजी डायग्नोस्टिक सेन्टरों पर रजि0 चिकित्सकों के स्थान पर मुन्ना भाई करते हैं अल्ट्रासाउंड भाजपा की सरकार में उपेक्षित हैं विश्वकर्मा समाज के लोग-राम आसरे विश्वकर्मा 700 से अधिक वादकारियों ने सीएम को भेजा पत्र, त्वरित न्याय प्रदान करने के लिए प्रभावी कार्रवाई कराने ... जयन्ती पर याद किये गये पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. चौधरी अजित सिंह कुपोषण और एनीमिया से बचाव के लिए कृमि मुक्ति की दवा का सेवन अनिवार्य-सीएमओ पूजन अर्चन के साथ भगवान श्रीराममय हुआ कैली का डायलसिस यूनिट

स्वदेशी जागरण सप्ताह का समापन, विजयादशमी पर्व भी मनाया गया

जाति प्रथा, सामाजिक भेदभाव के खिलाफ थे महात्मा गांधी : विजय प्रताप पाठक

कबीर बस्ती न्यूजः
बस्ती। सरस्वती विद्या मंदिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय रामबाग में आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी एवं सादगी के प्रतीक लालबहादुर शास्त्री जी की जयंती पर विद्यालय के उप प्रधानाचार्य विजय प्रताप पाठक जी ने विद्यालय प्रांगण मे ध्वजारोहण करते हुए के चित्र पर पुष्प अर्पित किया। साथ ही विजयादशमी पर्व भी मनाया गया।

विद्यालय के वरिष्ठ आचार्य विनोद सिंह जी ने भी पुष्प अर्पित कर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी एवं लालबहादुर शास्त्री जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि देश की आजादी में महात्मा गांधी के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। देश ने उन्हें राष्ट्रपिता का दर्जा दिया है। उनका अतुलनीय योगदान अविस्मरणीय है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्म दो अक्टूबर 1869 को हुआ था। उनके कार्यों तथा विचारों ने देश की स्वतंत्रता और इसके बाद आजाद भारत को आकार देने में बड़ी भूमिका निभाई थी। अगर पूरी दुनिया में भारत का नाम सम्मान से लिया जाता है तो इसके लिए सबसे पहला श्रेय महात्मा गांधी को जाता है। महात्मा गांधी अपने जीवन में न सिर्फ अहिंसा की लड़ाई लड़े, बल्कि छुआछूत, जाति प्रथा व सामाजिक भेदभाव के खिलाफ भी उन्होंने संघर्ष किया। स्वराज को लेकर उनकी जो संकल्पना थी, उसमें उन्होंने जाति-धर्म से ऊपर उठने की बात कही थी। साथ ही उन्होने विजयादशमी के महत्त्व पर भी प्रकाश डाला।

विद्यालय के आचार्य लाल बहादुर यादव जी ने लाल बहादुर शास्त्री जी के बारे में भी बताया कि शास्त्री जी का जन्म उत्तर प्रदेश के मुगलसराय में 2 अक्टूबर 1904 को मुंशी लाल बहादुर शास्त्री के रूप में हुआ था। उनकी माता का नाम राम दुलारी था और पिता का नाम मुंशी प्रसाद श्रीवास्तव था। शास्त्री जी की पत्नी का नाम ललिता देवी था। शास्त्री जी एक कुशल नेतृत्व वाले गांधीवादी नेता थे और सादगी भरी जीवन व्यतीत करते थे। सादगीपूर्ण जीवन जीने वाले शास्त्री जी एक शांत चित्त व्यक्तित्व भी थे। लाल बहादुर शास्त्री ने 1921 के असहयोग आंदोलन से लेकर 1942 तक अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। विद्यालय के वरिष्ठ आचार्य विनोद सिंह ने विजयादशमी के महत्त्व पर प्रकाश डाला।