Logo
ब्रेकिंग न्यूज़
स्वास्थ्य सेवाओं मे उत्कृष्ठ योगदान के लिए सम्मानित किये गये डा0 अजय कुमार चौधरी बिना पीएनडीटी के जी.सी.अल्ट्रासाउंड सेन्टर संचालक चला रहा है स्वास्थ्य विभाग के सीने पर हथौडा अहिल्याबाई होलकर के सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को जीवन्त कर रहे हैं मोदी, योगी-डॉ. रमापति राम त्रिपाठी योजनाओं एवं चिकित्सीय सुविधाओं के संबंध में गुणात्मक सुधार लायें  अधिकारी- मण्डलायुक्त शिकायतों पर आकृति डायग्नोस्टिक सेन्टर सील, संचालक को थमाया नोटिश, हडकम्प रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण शुरू होने पर प्रसन्नताः व्यापारियों ने बांटी मिठाई महिला उत्पीड़न से सम्बन्धित मामलों की आयोग की सदस्या ने की सुनवाई एंटी रैबीज सीरम लगाये जाने को लेकर मण्डलीय कार्यशाला सम्पन्न विश्व हिन्दू महासंघ ने सौंपा ज्ञापन, गोहत्यारों के विरूद्ध कार्रवाई की मांग एक देश एक चुनाव’ पर प्रबुद्ध समागम में चर्चा

संतुलित आहार के साथ नियमित दवाएं लेने पर ठीक हो जाती है टीबी

दवाओं के साथ लें सात बार आहार, मिलेगी टीबी से मुक्ति 
निक्षय पोषण योजना के लिए मिले धन का समुचित उपयोग करें क्षय रोगी
कबीर बस्ती न्यूज:
संतकबीरनगर। नियमित दवाओं के साथ संतुलित पोषण लेने से क्षय रोगियों को टीबी से मुक्ति मिल जाती है। इसके लिए क्षय रोगी को दिन में सात बार समय – समय पर आहार तालिका के अनुसार आहार लेने की जरुरत होती है। क्षय रोगी शीघ्र स्‍वस्‍थ होने के लिए निक्षय पोषण योजना के लिए मिले धन का समुचित उपयोग करें। उपचार के दौरान स्‍वस्‍थ आहार की जानकारी के लिए अपने चिकित्‍सक से सम्‍पर्क भी करते रहें। शीघ्र स्‍वास्‍थ्‍य लाभ में प्रोटीन, विटामिन, खनिज व अन्‍य पोषक तत्‍वों की जरुरत होती है जो रोग प्रतिरोधक शक्ति विकसित करने के साथ शरीर में ताकत बढ़ाते हैं।
यह कहना है जिला क्षय रोग चिकित्‍सालय में तैनात चिकित्‍सक डॉ विशाल यादव का । डॉ यादव बताते हैं कि शीघ्र स्‍वस्‍थ होने के लिए समय से दवा लेने के साथ ही पौष्टिक आहार भी लेने की आवश्‍यकता होती है। हरी व पत्‍तीदार सब्जियां आयरन, कैल्शियम, बिटामिन ए, सी और के का श्रोत होती हैं। वहीं मूंगफली से फाइबर, प्रोटीन, कैल्शियम और बिटामिन ई की प्राप्ति होती है। सोयाबीन व दाल से प्रोटीन की पूर्ति होती है तो फल एंटी आक्‍सीडेंट होने के साथ ही फौलिक एसिड, बिटामिन ए, बी और सी के श्रोत होते हैं। दूध से कैल्शियम, फास्‍फोरस, प्रोटीन , बिटामिन बी और डी की पूर्ति शरीर में होती है। चावल और गेहूं से फाइबर, कार्बोहाइड्रेट व प्रोटीन मिलता है।
डॉ विशाल बताते हैं कि अगर किसी प्रकार के नशीले पदार्थ का सेवन करते हों तो उसे बन्‍द कर दें, अन्‍यथा टीबी की दवाएं लाभकारी नहीं होंगी। उपचार के दौरान समय समय पर अपने चिकित्‍सक से परामर्श भी लेते रहें। खांसते और छींकते वक्‍त अपने मुंह और नाक को रुमाल से ढकें और अगर आपके परिवार के किसी सदस्‍य को खांसी , बुखार या रात में कंपकंपाहट हो रही हो तो अपने चिकित्‍सक को जरुर बताएं।
क्षय रोगी के लिए आहार तालिका

सुबह 7.30 से 8.30 बजे – दूध, इडली डोसा, पोहा पराठा या रोटी आमलेट में से एक
सुबह 11.00 से 11.30 बजे – फ्रूट सलाद, वेजीटेबल सलाद, मूंगफली अंकुरित चना व मूंग या वेज / चिकन सूप में से एक
दोपहर 12.30 से 1.30 बजे – चावल के साथ पकी हुई सब्‍जी दाल दही व रोटी, चावल के साथ अंकुरित आहर और दही, चावल के साथ सांबर दाल सब्‍जी का रायता दही या चावल और पकी सब्‍जी के साथ चिकन/मछली/ अंडा में से एक
शाम 4.30 से 5.00 बजे – दूध, मूंगफली, ताजेफल / सब्जियां या अंकुरित खाद्य के साथ भेलपुरी/ मिक्‍स सब्जियों की भेलपुरी या चना में से एक
शाम 6.30 से 7.00 बजे – पका हुआ अकुरित खाद्य, फ्रूट सलाद, सब्जियों का सलाद, आटे की ब्रेड का सैंडविच शाकाहारी / मांसाहारी में से एक
रात 8.00 से 9.00 बजे – चावल के साथ पकी हुई सब्‍जी दाल दही व रोटी, चावल के साथ दाल रायता व दही चावल के साथ अंकुरित खाद्य और दही या चावल के साथ पकी हुई सब्‍जी चिकन/ मछली/ अंडा में से एक

रात 10.00 बजे – दूध, फल या छाछ में से एक

पोषण में सहयोग दें समाजसेवी – डॉ ओझा

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ एस डी ओझा ने कहा है कि तमाम ऐसे क्षय रोगी हैं जो आर्थिक कारणों से पर्याप्त पोषक आहार नहीं ले पाते हैं, जिससे उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित होती है। ऐसे लोगों को पोषण देकर समाज को क्षय मुक्‍त करने के लिए क्षय रोगियों को गोद लेने का  व्‍यापक अभियान चलाया जा रहा है। स्‍वयंसेवी संस्‍थाओं से यह अनुरोध है कि वह क्षय रोगियों को गोद लें तथा उन्‍हें पोषक आहार देकर जिले को क्षय मुक्‍त करने में सहयोग प्रदान करें।