संतुलित आहार के साथ नियमित दवाएं लेने पर ठीक हो जाती है टीबी
यह कहना है जिला क्षय रोग चिकित्सालय में तैनात चिकित्सक डॉ विशाल यादव का । डॉ यादव बताते हैं कि शीघ्र स्वस्थ होने के लिए समय से दवा लेने के साथ ही पौष्टिक आहार भी लेने की आवश्यकता होती है। हरी व पत्तीदार सब्जियां आयरन, कैल्शियम, बिटामिन ए, सी और के का श्रोत होती हैं। वहीं मूंगफली से फाइबर, प्रोटीन, कैल्शियम और बिटामिन ई की प्राप्ति होती है। सोयाबीन व दाल से प्रोटीन की पूर्ति होती है तो फल एंटी आक्सीडेंट होने के साथ ही फौलिक एसिड, बिटामिन ए, बी और सी के श्रोत होते हैं। दूध से कैल्शियम, फास्फोरस, प्रोटीन , बिटामिन बी और डी की पूर्ति शरीर में होती है। चावल और गेहूं से फाइबर, कार्बोहाइड्रेट व प्रोटीन मिलता है।
डॉ विशाल बताते हैं कि अगर किसी प्रकार के नशीले पदार्थ का सेवन करते हों तो उसे बन्द कर दें, अन्यथा टीबी की दवाएं लाभकारी नहीं होंगी। उपचार के दौरान समय समय पर अपने चिकित्सक से परामर्श भी लेते रहें। खांसते और छींकते वक्त अपने मुंह और नाक को रुमाल से ढकें और अगर आपके परिवार के किसी सदस्य को खांसी , बुखार या रात में कंपकंपाहट हो रही हो तो अपने चिकित्सक को जरुर बताएं।
सुबह 7.30 से 8.30 बजे – दूध, इडली डोसा, पोहा पराठा या रोटी आमलेट में से एक
सुबह 11.00 से 11.30 बजे – फ्रूट सलाद, वेजीटेबल सलाद, मूंगफली अंकुरित चना व मूंग या वेज / चिकन सूप में से एक
दोपहर 12.30 से 1.30 बजे – चावल के साथ पकी हुई सब्जी दाल दही व रोटी, चावल के साथ अंकुरित आहर और दही, चावल के साथ सांबर दाल सब्जी का रायता दही या चावल और पकी सब्जी के साथ चिकन/मछली/ अंडा में से एक
शाम 4.30 से 5.00 बजे – दूध, मूंगफली, ताजेफल / सब्जियां या अंकुरित खाद्य के साथ भेलपुरी/ मिक्स सब्जियों की भेलपुरी या चना में से एक
शाम 6.30 से 7.00 बजे – पका हुआ अकुरित खाद्य, फ्रूट सलाद, सब्जियों का सलाद, आटे की ब्रेड का सैंडविच शाकाहारी / मांसाहारी में से एक
रात 8.00 से 9.00 बजे – चावल के साथ पकी हुई सब्जी दाल दही व रोटी, चावल के साथ दाल रायता व दही चावल के साथ अंकुरित खाद्य और दही या चावल के साथ पकी हुई सब्जी चिकन/ मछली/ अंडा में से एक
पोषण में सहयोग दें समाजसेवी – डॉ ओझा