झोलाछाप चुन्नू-मुन्नू सडक पर लिटा कर कर रहे हैं गंभीर रोगों का इलाज
झोलाछापों के हाथों मरीजों को मरने पर विवश कर रहा है स्वास्थ्य महकमा
झोलाछापों पर विभागीय सख्ती हुई हवा-हवाई
शहर से सटे मनौरी चौराहा से आगे गौरा पडाव का मामला
कडी कार्रवाई के लिए सीएमओ बस्ती को दिए गये हैं कडे निर्देश- एडी हेल्थ, डा. नीरज कुमार पाण्डेय
कबीर बस्ती न्यूज।
बस्ती। योगी सरकार मे झोलाछाप कथित डाक्टरों का वर्चस्व चौतरफा कायम है। इनके दबंगई से बडे बडों का रूह कांप जाता है। स्वास्थ्य महकमें के जिम्मेदार भी खाउ कमाउ नीति पर विष्वास करने लगे हैं। जिसका परिणाम यह है ग्रामीण क्षेत्रों मे मरीज झोलाछापों के हाथों मरने को विवष है। ऐसा ही दृष्य शहर से सटे मनौरी चौराहा से आगे गौरा पडाव की है। जहां अमित डेण्टल क्लीनिक वर्षों से संचालित है। इस क्लीनिक ने तो अब तक के सारे शासनादेशों को पलट कर रख दिया है। जिसके आगे सीएमओ भी असहाय हैं। आम जनता का जीवन गांजर मूली की तरह हो गया है। कितने मरीज तो बिना किसी कुसूर के निपट गये होंगे और मामले को दबा दिए गये होंगे। जिसका कोई खाका स्पष्ट नही है।
क्लीनिक का जायजा लेने पहंुची पत्रकारों की की टीम को सुखद नजारा देखने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। क्लीनिक है दांत का लेकिन यहां सडक के किनारे लाइन से तख्त बिछाकर गंभीर रोगों के इलाज करने का दावा किया जाता है। षहर से सटे मनौरी चौराहा से आगे गौरा पडाव परे चुन्नू-मुन्नू सहित आधा दर्जन लोग मरीजों का इलाल कर रहे थे। करीब 6 मरीज एक लाइन से बॉटल चढवाते दिखाई दिए। बोतल मे क्या चढाया जा रहा है चुन्नू-मुन्नू को भी नही पता। जिसका पूरा वीडियो पत्रकारों ने बना लिया। यह सच तो वास्तव मे स्वास्थ्य महकमे के मुंह पर तमाचा है। अधिकारियों की फौज यस सर जी सर मे मस्त है। फिर आम जनता की चिन्ता कौन करे।
प्रेस की टीम ने जब संचालक से क्लीनिक के संचालन की जानकारी चाही तो वह अशोभनीय शब्दों का प्रयोग करते हुए कहा कि हम ऐसे ही क्लीनिक चलायेंगे और इलाज करेंगे और दो शब्द के बाद माइंड योर लैंग्वेल शब्द का प्रयोग बार- बार कर रहा था। वह इतने आवेश मे था कि सीएमओ भी चुनौती दे डाला। सम्भवतः इनके शिक्षा दीक्षा मे कहीं समस्या रही होगी।
इस क्लीनिक के बारे यह भी बताया जाता है कि अनेक प्रकार के गंभीर आपरेशन सडक के किनारे किये जाते हैं। जिससे इन्फेक्शन पैदा होने का डर बराबर बना रहता है। क्लीनिक संचालक की दबंगई क्लीनिक का दृश्य देखकर ही अन्दाजा लगाया जा सकता है।
इस सम्बन्ध मे अपर निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य बस्ती मण्डल डा. नीरज कुमार पाण्डेय से पक्ष लिया गया तो उन्होेंने बताया कि यदि अवैध क्लीनिक संचालक द्वारा इस प्रकार से मरीजों को सडक पर भर्ती कर इलाज कर रहा है तो यह दण्डनीय अपराध है। प्रकरण की गंभीरता पूर्वक जांच और दोषी पाये जाने पर दण्डित करने हेतु सीएमओ बस्ती को निर्देशित कर दिया गया है।