Logo
ब्रेकिंग न्यूज़
अमित हास्पिटल मे बीएएमएस डिग्री धारक करता है महिला रोगों तथा अन्य गंभीर रोगों का इलाज न डिग्री न रजिस्ट्रेशन फिर भी कथित वैध आर0 डी0 चौधरी करता है नाक कान गला रोग का इलाज जिले मे नाजायज अल्ट्रासाउंड सेन्टरों का भरमार यहां यमराज करते हैं मरीजों का अल्ट्रासाउंड श्रमजीवी पत्रकार यूनियन पदाधिकारियों को दिलाया शपथ, दायित्वों पर खरा उतरें पत्रकार-डा. वी.के. वर्मा निजी डायग्नोस्टिक सेन्टरों पर रजि0 चिकित्सकों के स्थान पर मुन्ना भाई करते हैं अल्ट्रासाउंड भाजपा की सरकार में उपेक्षित हैं विश्वकर्मा समाज के लोग-राम आसरे विश्वकर्मा 700 से अधिक वादकारियों ने सीएम को भेजा पत्र, त्वरित न्याय प्रदान करने के लिए प्रभावी कार्रवाई कराने ... जयन्ती पर याद किये गये पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. चौधरी अजित सिंह कुपोषण और एनीमिया से बचाव के लिए कृमि मुक्ति की दवा का सेवन अनिवार्य-सीएमओ पूजन अर्चन के साथ भगवान श्रीराममय हुआ कैली का डायलसिस यूनिट

कोरोना से बचाव में शामिल की जाय होम्योपैथिक औषधियां

बस्ती। केन्द्रीय होम्योपैथी परिषद के पूर्व सदस्य एवं प्रदेश के वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक डा. अनुरूद्ध वर्मा एवं जिला अस्पताल के आयुष चिकित्साधिकारी डा. वी के वर्मा ने सरकार से कोरोना की दूसरी लहर से उत्त्पन्न परस्थितियों से निपटने के लिए इंटीग्रेटेड अप्रोच अपनाने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा है कि इस बार कोरोना  संक्रमण पहले से ज्यादा संक्रामक और गंभीर है जिसका असर बुजुर्गों के साथ – साथ युवकों एवं बच्चों पर भी ज्यादा पड़ रहा है जिसके कारण लगभग सारे अस्पताल मरीजों से भर गये ऐसी स्थिति में इस गंभीर स्थिति से निपटने के लिए यदि होम क्वारेंटिंन रोगियों एवं अस्पतालों में भर्ती रोगियों को निर्धारित एलोपैथी प्रोटोकाल उपचार के साथ इंटीग्रेटेड अप्रोच जिसमें होम्योपैथी को शामिल किया जाए तो बेहतर परिणाम प्राप्त होगें और अस्पतालों पर निर्भरता कम होगी और रोगी जल्दी स्वस्थ होंगे। डाक्टरद्वय ने कहा कि सी सी आर एच ने होम्योपैथिक चिंकित्सकों के लिए कोरोना के उपचार के लिये गाइड लाइन जारी की है जिसमे रोगी के लक्षणों के आधार पर    औषधियों की जानकारी दी गई है उसके अनुसार उन्हें   उपचार की अनुमति दी जानी चाहिए। उन्होंने बताया कि इस बार का संक्रमण फेफडों को ज्यादा प्रभावित कर रहा है जिससे रोगियों में ऑक्सीजन की कमी हो जा रही है और उन्हें कृत्रिम ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है। उन्होंने कहा कि होम्योपैथी में ऐसी अनेक औषधियाँ उपलब्ध है जो ऑक्सीजन की कमी को दूर करने में सहयोग कर सकती हैं इससे   कृत्रिम ऑक्सीजन पर निर्भरता कम होगी। उन्होंने कहा कि कोरोना से वचाव एवँ उपचार में होम्योपैथी को शामिल करने से अस्पतालों पर दवाव कम होगा जिससे इलाज में आसानी होगी। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष आयुष मंत्रालय ने कोरोना काल मंे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्युनिटी) बढ़ाने के लिये आर्सेनिक एल्बम 30 औषधि लेने की सलाह दी थी जिसके सकारात्मक परिणाम प्राप्त हुये है उस व्यवस्था को पुनः लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस महामारी से निपटने के लिए सभी चिकित्सा पद्धातिओं का संयुक्त प्रयास आवश्यक है इससे इस पर प्रभावी रूप से नियंत्रण प्राप्त करने में सहयोग प्राप्त होगा।