45 बच्चों को ऑपरेशन से मिला नया जीवन
करेक्टिव सर्जरी के तहत मिला है बच्चों को लाभ
दिल्ली के सर्जन डॉ. अरूण जैन ने किया ऑपरेशन
कबीर बस्ती न्यूज,बस्ती।उ0प्र0।
45 बच्चों को करेक्टिव सर्जरी से नया जीवन मिला है। यह वह बच्चे हैं, जिनका पोलियो व जन्मजात कारणों से पैर खराब था। वह सामान्य बच्चों की तरह जीवन नहीं जी पा रहे थे। दिव्यांगजन कल्याण विभाग के सहयोग से इन बच्चों का नि:शुल्क ऑपरेशन किया गया है। दिल्ली से आए सर्जन डॉ. अरूण जैन की टीम ने जिला अस्पताल में बच्चों का ऑपरेशन किया। बुधवार को सभी बच्चों को डिस्चार्ज कर दिया गया। परिजनों से कहा गया है कि वह फॉलोअप के लिए निर्धारित तिथि पर आकर जांच जरूर कराएं।
पोलियो करेक्टिव सर्जरी कार्यक्रम के तहत 29 व 30 नवंबर को जिला अस्पताल के मॉड्यूलर ओटी में विशेष कैम्प का आयोजन किया गया। दूर-दराज से टेढ़े-मेढ़े पैर की समस्या से जूझ रहे बच्चे अपने घर वालों के साथ पहुंचे। यहां पर डॉ. जैन की टीम ने ऑपरेशन लायक बच्चों को चिन्ह्ति किया और उनका ऑपरेशन किया। डॉ. जैन ने बताया कि उनकी टीम हर जिले में जाकर निर्धारित तिथि पर कैम्प का आयोजन कर ऑपरेशन करती है। यहां पर 45 बच्चों के घर वाले ऑपरेशन के लिए तैयार थे, जिनका ऑपरेशन किया गया। सभी बच्चे पूरी तरह स्वस्थ है तथा उन्हें छुट्टी दे दी गई है। फॉलोअप के बाद यह बच्चे कुछ समय बाद लगभग पूरी तरह ठीक हो सकते हैं। इन्हें चलने-फिरने में कोई समस्या नहीं होगी।
ऑपरेशन कराने कुशीनगर से पहुंचा किसान
कुशीनगर जिले के शाहपुर, ऊचकी पट्टी निवासी किसान जहूर अंसारी अपने बेटे मुजम्मिल को लेकर कैम्प में पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि बेटा इंटर विज्ञान वर्ग का छात्र है और उसके एक पैर की सर्जरी हो चुकी है। उसे बस्ती में कैम्प की सूचना मिली तो यहां आकर दूसरे पैर की सर्जरी कराई। उसे बच्चे को अब तक खुद विद्यालय पहुंचाना पड़ता था। ठीक होने के बाद बच्चा खुद से जा सकेगी। वह बहुत खुश है। विक्रमजोत ब्लॉक के नटऊवा निवासी टैक्सी चालक राम भवन के दो बेटों का ऑपरेशन हुआ है। एक बच्चा रोहित कक्षा चार व दूसर कक्षा नौ का छात्र है। दोनों पैर में समस्या के कारण दोनों भाई अपने पैर पर सीधे खड़े नहीं हो सकते थे। राम भवन का कहना है कि एक पैर की सर्जरी हो चुकी है। समय पर दूसरे पैर की भी सर्जरी करा देंगे। गौर ब्लॉक के साऊंडीह निवासी किसान फूलचंद अखबार में समाचार पढ़कर कैम्प में पहुंचे तथा कक्षा छह में पढ़ने वाली अपनी बेटी मीना देवी की सर्जरी कराई। पिता व पुत्री खुश हैं।