विधान सभा चुनाव: गोरखपुर सीट से योगी को जबरदस्त टक्कर देंगी उपेंद्र दत्त शुक्ला की पत्नी सुभावती शुक्ला, भाजपा मे भूचाल
सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ उन्हीं के सबसे विश्वसनीय साथी रहे उपेंद्र दत्त शुक्ला
कबीर बस्ती न्यूज:
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा 2022 में गोरखपुर से चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ समाजवादी पार्टी ने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सीएम योगी के खिलाफ उन्हीं के उत्तराधिकारी रहे उपेंद्र दत्त शुक्ला की पत्नी सुभावती शुक्ला को चुनावी मैदान में उतार दिया है। सुभावती शुक्ला ने अपने दोनों बेटों के साथ गुरुवार को ही सपा जॉइन की थी और उनके पार्टी में शामिल होते ही यह बड़ा ऐलान कर दिया गया। उधर, भीम आर्मी के नेता चंद्रशेखर आजाद भी गोरखपुर सीट से सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके हैं। ऐसा माना जा रहा था कि अखिलेश यादव सीएम योगी के खिलाफ खड़े चंद्रशेखर को समर्थन देने का ऐलान कर सकते हैं, लेकिन उन्होंने सपा अध्यक्ष ने अपना प्रत्याशी उतारकर सबको चौंका दिया।
डेढ़ साल पहले ब्रेन हैमरेज से हो गया उपेंद्र दत्त शुक्ला का निधन
उपेंद्र दत्त शुक्ला का डेढ़ साल पहले ब्रेन हैमरेज से निधन हो गया था, वह गोरखपुर में बीजेपी संगठन पर मजबूत पकड़ रखते थे। सीएम योगी आदित्यनाथ का उन पर इतना भरोसा था कि उन्होंने इस्तीफे के बाद गोरखपुर से उपेंद्र दत्त शुक्ला को टिकट देकर उन्हें उत्तराधिकारी के तौर पर सम्मानित किया था और उन्हीं की पत्नी सपा के टिकट पर सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ मैदान में हैं।
सीएम योगी ने खुद फोन करके जताया था शोक
उपेंद्र दत्त शुक्ला गोरखपुर क्षेत्र में पार्टी का ब्राह्मण चेहरा थे। वह पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष और गोरखपुर के क्षेत्रीय अध्यक्ष जैसे महत्वूपर्ण पदों भी रहे। उपेंद्र दत्त शुक्ला का मई 2020 में ब्रेन हैमरेज से निधन हो गया था। उनके असमय निधन से योगी आदित्यनाथ इतने दुखी हुए थे कि उन्होंने खुद परिवार को फोन करके शोक प्रकट किया था। उपेंद्र दत्त शुक्ला कौड़राम विधानसभा सीट से तीन बार चुनाव लड़े थे, लेकिन वह तीनों बार हर गए थे। यूपी का सीएम बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर सांसद के पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद 2018 में यहां उपचुनाव कराए गए थे। इस उपचुनाव में उपेंद्र दत्त शुक्ला को सीएम योगी ने अपने उत्तराधिकारी के तौर पर चुना था, लेकिन उपेंद्र दत्त शुक्ला यहां से भी चुनाव हार गए थे। उन्हें प्रवीण निषाद ने हरा दिया था।