30 जनवरी से चलेगा कुष्ठ जागरुकता अभियान
− समय से इलाज न होने पर असाध्य हो जाता है कुष्ठ रोग
− रोगियों को खोजने के लिए चलाया जाएगा वृहद अभियान
कबीर बस्ती न्यूजः
संतकबीरनगर: कुष्ठ रोग को जड़ से समाप्त करने के लिए आगामी 30 जनवरी से वृहद जागरुकता अभियान के साथ ही कुष्ठ रोगी खोजने का अभियान चलाया जाएगा। इस दौरान विभिन्न प्रचार माध्यमों के जरिए लोगों को जागरुक किया जाएगा। कुष्ठ रोगी को इलाज के साथ ही साथ सामाजिक बल की भी जरुरत होती है। यह असाध्य बिल्कुल नहीं है तथा समय से इलाज करके इसे ठीक किया जा सकता है।
यह जानकारी देते हुए जिला कुष्ठ रोग अधिकारी डॉ. वी. पी. पाण्डेय ने बताया कि कुष्ठ रोग पूरी तरह से साध्य है। समय से इलाज करने पर इससे न सिर्फ मुक्ति मिल जाती है, बल्कि दिव्यांगता से भी बचा जा सकता है। समय से इलाज न होने पर कुष्ठ रोग के असाध्य हो जाने का खतरा है । कुष्ठ रोग के लिए सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर मुफ्त इलाज की सुविधा है। यह पूरी तरह से ठीक हो सकता है, इसलिए कुष्ठ रोगी से भेदभाव बिल्कुल न करें। कुष्ठ रोग के उन्मूलन के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
जिला कुष्ठ रोग अधिकारी डॉ पाण्डेय ने आगे बताया कि केंद्र सरकार की यह पहल है कि 2022 तक कुष्ठ रोग से मुक्त भारत का निर्माण किया जाए । कुष्ठ रोग माइक्रो वैक्टीरियम लेप्रे नामक जीवाणु से होता है। यह साथ खाने, उठने या बैठने से नहीं फैलता है। यह आनुवांशिक एवं छुआछूत का रोग नहीं है। समय से जांच और उपचार कराने से दिव्यांगता से भी बचा जा सकता है। उन्होंने कहा कुष्ठ रोग से डरने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने बताया कि सरकार की तरफ से कुष्ठ रोगियों को 2500 रुपया मासिक पेंशन दिया जाता है। साथ ही निःशुल्क दवाएं व अन्य सुविधाएं भी दी जाती हैं। कुष्ठ रोग के सम्बन्ध में चलाए जा रहे अभियान में कुल 1800 टीम लगाईं जाएंगी। हर टीम में एक महिला व एक पुरुष होगा। जनपद में प्रति हजार जनसंख्या में कुष्ठ प्रभावित लोगों को संख्या 0.20 प्रतिशत है। 1000 जनसंख्या का सर्वे करने पर टीम को 1000 रुपए दिए जाएंगे।
जनपद में हैं 40 कुष्ठ रोगी
जिला कुष्ठ रोग अधिकारी ने बताया कि जनपद में वर्तमान में 40 कुष्ठ रोगी उपचाराधीन हैं, जबकि 36 कुष्ठ रोगियों का इलाज पिछले माह में पूरा हो गया है। उनको समय-समय पर दवा देने के साथ ही साथ फालोअप भी किया जाता है।
यह है कुष्ठ रोग के लक्षण
डॉ वी पी पाण्डेय बताते हैं शरीर पर किसी प्रकार के दाग या धब्बे जो त्वचा के प्राकृतिक रंग से अलग हों, दाग या धब्बे का सुन्न होना, शरीर की नसों का मोटा होना, हाथ व पैर में सुन्न का अहसास होना, अंगुलियां टेढ़ी मेढ़ी होने के साथ ही शरीर का कोइ अंग ताप, ठण्ड के प्रति अत्यधिक संवेदनशील हो जाना कुष्ठ रोग के लक्षण हैं ।