हेल्थ रैंकिंग डैशबोर्ड में गोरखपुर का यूपी में दूसरा स्थान
गर्भवती जांच, एचआईवी जांच, नियमित टीकाकरण और गृह आधारित नवजात शिशु देखभाल में अच्छा प्रदर्शन
कबीर बस्ती न्यूजः
गोरखपुर: हेल्थ रैंकिंग डैशबोर्ड की माह फरवरी 2022 की रैंकिंग में गोरखपुर को पूरे यूपी में दूसरा स्थान मिला है। यह उपलब्धि गर्भवती की प्रसव पूर्व चार जांचों, एचआईवी जांच, नियमित टीकाकरण और गृह आधारित नवजात शिशु देखभाल में 100 स्कोर हासिल करने के कारण मिली है। जिले को 0.74 का कंपोजिट स्कोर मिला है। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आशुतोष कुमार दूबे ने दी। उन्होंने बताया कि जनवरी में प्रथम रैंकिंग थी और दिसम्बर में गोरखपुर की तीसरी रैंकिंग थी।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि जिले के खजनी, सरदारनगर और पाली ब्लॉक का इस उपलब्धि में अहम योगदान है और यह तीनों ब्लॉक टॉप परफार्मिंग ब्लॉक हैं। जिलाधिकारी विजय किरण आनंद द्वारा समय-समय पर प्रत्येक कार्यक्रम की समीक्षा और मार्गदर्शन के कारण यह रैकिंग प्राप्त हुई है। इसके लिए जिले के सभी स्वास्थ्यकर्मी बधाई के पात्र हैं, जिन्होंने कोविड की प्रतिकूल परिस्थिति में इस प्रकार का प्रदर्शन किया है। यह रैकिंग 20 जनवरी से 21 फरवरी तक के डेटा पर आधारित है।
डॉ. दूबे ने बताया कि अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी आरसीएच डॉ. नंद कुमार और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबंधक पंकज आनंद के सहयोगात्मक पर्यवेक्षण में टीम ने सितम्बर 2021 में अच्छा प्रदर्शन किया था और जिले को पहला स्थान मिला था । इससे पहले फरवरी 2021 में भी अच्छे संकेतकों के कारण गोरखपुर को पहला स्थान प्राप्त हुआ था। सभी संकेतकों में सुधार के लिए आशा कार्यकर्ताओं और एएनएम की अहम भूमिका है। चिकत्सा अधिकारियों के कुशल दिशा-निर्देशन में आशा कार्यकर्ता समुदाय से लाभार्थियों को प्रेरित कर चिकित्सा इकाइयों तक लाती हैं। गोरखपुर की यह रैकिंग अंग्रिम पंक्ति कार्यकर्ताओं का सम्मान है। उन्होंने सभी स्वास्थ्यकर्मियों से कहा कि मातृ स्वास्थ्य, बाल स्वास्थ्य, नवजात स्वास्थ्य और पोषण संबंधित गतिविधियों की गुणवत्ता बरकरार रखी जाए। नि:शुल्क स्वास्थ्य सुविधाओं से समुदाय को जोड़ा जाए।
इन संकेतकों पर होती है रैंकिंग
सीएमओ ने बताया कि गर्भवती पंजीकरण, गृह आधारित नवजात देखभाल, गर्भवती जांच, टीबी नोटिफिकेशन समेत 15 संकेतकों पर अच्छा कार्य करने के लिए यह रैकिंग की जाती है। रैकिंग में स्टिल बर्थ रेशियो, पेंटावैलेट व बीसीजी रेशियो, हिमोग्लोबिन जांच, आशा भुगतान, परिवार नियोजन जैसे घटक भी शामिल हैं। जिले के ब्लॉक पर तैनात ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजमेंट यूनिट का रैंकिंग में विशेष सहयोग होता है।