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बलिया में पत्रकारों को जेल भेजने पर बिफरे अधिवक्ता, डीएम पर कार्रवाई की मांग पर डटे

पत्रकारों को जेल भेजना, लोकतंत्र की हत्या : शैलेश सिंह

पत्रकारों पर दर्ज मुकदमा अविलंब वापस हो

कार्रवाई के विरोध में उतरे छात्र नेता

कबीर बस्ती न्यूज:
बलिया/वाराणसी: यूपी बोर्ड के इंटरमीडिएट अंग्रेजी प्रश्नपत्र लीक होने के मामले में पत्रकारों को गलत तरीके से फंसाने के विरोध में अधिवक्ताओं का एक प्रतिनिधिमंडल बलिया जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचा। डीएम से मुलाकात न होने पर राज्यपाल के नाम संबोधित ज्ञापन उनके प्रतिनिधि को सौंपा। जिला प्रशासन पर उदासीनता व घोर लापरवाही का आरोप लगाते हुए पूरे प्रकरण में जिलाधिकारी बलिया को दोषी ठहराया।

अधिवक्ताओं ने मांग की कि प्रथम दृष्टया मामले में गोपनीयता भंग करने के आरोप में जिलाधिकारी पर मुकदमा दर्ज कराया जाए। उनके खिलाफ सीबीआई जांच कराई जाए। प्रकरण में वायरल पेपर की सत्यता जांचे बिना पेपर निरस्त किए जाने को संदेह के घेरे में बताया।

डीएम ने घोर उदासीनता और लापरवाही का दिया परिचय 

जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे अधिवक्ताओं का नेतृत्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता मनोज राय हंस ने कहा कि माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश के इंटरमीडिएट परीक्षा 2022 बलिया सहित कुल 24 जनपदों में अंग्रेजी विषय की प्रश्न पुस्तिका कोड संख्या 316 ई डी 316 ईआई का परीक्षा शुरू होने से पूर्व सोशल मीडिया पर वायरल होने की सूचना प्रसारित हुई थी।

इसके बावजूद जिलाधिकारी बलिया द्वारा घोर उदासीनता व लापरवाही का परिचय दिया गया। इंटरमीडिएट की अंग्रेजी परीक्षा निरस्त करने की घोषणा लगभग दो घंटा पहले ही बिना वायरल पेपर से मिलान किए आखिर कैसे कर दी। इससे पूरी तरह स्पष्ट है कि जिलाधिकारी बलिया ने अंग्रेजी के पेपर को समयपूर्व ही सीलबंद लिफाफे को खोल कर देखा और इसकी गोपनीयता भंग की।

पत्रकारों पर दर्ज मुकदमा अविलंब वापस हो

अधिवक्ताओं ने मांग की कि पत्रकारों पर दर्ज मुकदमा अविलंब वापस लिया जाए। जिलाधिकारी बलिया को तत्काल प्रभाव से निलंबित और बर्खास्त करके उनके विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत करके तत्काल गिरफ्तार किया जाए। प्रश्न पुस्तिका लीक होने के मामले में केंद्रीय अन्वेषण एजेंसी (सीबीआई ) से जांच कराई जाए। अधिवक्ता वरुण पांडेय ने कहा कि जो प्रश्नपत्र बलिया में भेजा गया था। वही प्रश्नपत्र 24 जिलों में भेजा गया था तो दो घंटे पूर्व डीएम ने किस आधार पर प्रश्नपत्र देख लिया कि बलिया का कोड वाला पेपर ही वायरल हुआ। अगर डीएम ने खोलकर उसे मिलाया है तो वे खुद ही दोषी है। अधिवक्ता अखिलेन्द्र चौबे ने कहा कि हम कोर्ट में डीएम की कार्रवाई को गलत ठहराएंगे। इस प्रकरण में भ्रष्टाचार के खिलाफ हम हाईकोर्ट तक ले जाएंगे। इस मौके पर अधिवक्ता सत्येंद्र सिंह, रजनीश तिवारी, मनोज कुमार तिवारी, अशोक कुमार वर्मा, सोनू गुप्ता आदि मौजूद रहे। उधर, दूसरी ओर डीएम भी मीडिया के सवालों से बचते रहे।

पत्रकारों को जेल भेजना, लोकतंत्र की हत्या : शैलेश सिंह

अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति के जिलाध्यक्ष शैलेश सिंह ने जनपद प्रशासन द्वारा पेपर लीक की घटना में पत्रकारों को ही दोषी ठहरा कर जेल भेज देने को लोकतंत्र की हत्या बताया। उन्होंने विज्ञप्ति में कहा है कि जनपद में संचालित परीक्षाओं की पारदर्शिता किसी से छिपी नहीं है। भ्रष्ट व्यवस्था को अगर कोई समाज का प्रहरी उजागर करने की हिम्मत जुटा पाता है तो जिला प्रशासन प्रोत्साहित करने की बजाय उसे ही जेल में डाल दे यह सर्वथा निंदनीय है। जिलाध्यक्ष ने तत्काल पत्रकारों को रिहा करने की मांग करते हुए कहा कि अगर जिला प्रशासन इस विषय को लेकर सही मायने में गंभीर है तो किसी पूर्व न्यायाधीश के नेतृत्व में कमेटी गठित कर मानक के अनुसार परीक्षा केंद्र की स्थापना, उनकी व्यवस्था और नकल माफिया द्वारा हजारों फार्म भराने की जांच कराए। फिर दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।

छात्र नेता भी कार्रवाई के विरोध में उतरे

पेपर लीक मामले में पत्रकारों पर दर्ज फर्जी मुकदमा वापस लेने की मांग को लेकर छात्र नेताओं ने शनिवार को मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा। इस दौरान कलेक्ट्रेट परिसर में उपस्थित छात्रनेताओं को संबोधित करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता रिपुंजय रमण पाठक ने कहा कि पत्रकारिता लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना जाता है।

पत्रकारों का मुख्य कार्य है जनहित में खबरों को प्रकाशित करना। जिला प्रशासन ने बिना जांच किए ही पत्रकारों पर मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया है। पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष रोहित चौबे ने कहा कि जिला प्रशासन अपनी कमियों को छिपाने के लिए पत्रकारों पर आरोप लगा रहा है। सरकार की मंशा है कि पूरे प्रदेश में नकलविहीन परीक्षा कराई जाए, लेकिन जिला प्रशासन ने सरकार की मंशा पर पानी फेरने का काम किया है।

उन्होंने मुख्यमंत्री से पेपर लीक मामले की सीबीआई से जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई करने के साथ ही निर्दोष पत्रकारों पर दर्ज मुकदमे को वापस लेने की मांग की है। ज्ञापन सौंपने वालों में अंकित तिवारी, मनीष राय टिंकू, दुर्गेश पांडेय, तेजप्रताप सिंह, बबलू यादव, अविनाश पांडेय, कुलदीप ओझा, रंजीत कुमार, अभिषेक सिंह, मेराज आलम आदि मौजूद रहे।