बोर्ड परीक्षा में पर्चा लीक का मामला: अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए डीएम बलिया ने निर्दोष पत्रकारों पर पर फोडा अपराध का ठीकरा
समूचे प्रकरण मे प्रदेश की योगी सरकार मूक दर्शक
कबीर बस्ती न्यूज:
लखनऊ: बोर्ड परीक्षा में नकल से पर्चा लीक जैसे कोढ़ के इलाज के बजाय उसे ढकने की प्रशासन की बदनीयती से पूर्वांचल के नकल माफिया के हौसले बुलंद हैं। बलिया में पर्चा लीक का मामला उजागर करने वाले पत्रकारों पर कार्रवाई से प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं। प्रशासन के पास अभी तक गिरफ्तार पत्रकारों के खिलाफ कोई सुबूत नहीं हैं। कहते है कि खिसियानी बिल्ली खम्भा नोचे जैसी कहावत जिला प्रशासन बलिया पर सटीक बैठ रहा है। क्योंकि डीएम ने अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए निर्दोष पत्रकारों को सूली पर चढा कर अपने भ्रष्टाचारी मानसिकता को उजागर कर दिया। नकल माफियाओं के बचाव मे उतरे बलिया के जिलाधिकारी ने अंग्रेजी हुकूमत की याद दिलाते हुए अपने अपराध का ठीकरा पत्रकारों के सिर पर फोड दिया। समूचे प्रकरण मे प्रदेश की योगी सरकार मूक दर्शक है।
प्रशासन की मदद अपराध कैसे?
प्रशासन ने अपनी गर्दन बचाने के लिए ऐसी कहानी गढ़ी कि नकल माफिया की करतूत उजागर करने वालों को ही कटघरे में खड़ा कर दिया। सवाल है, अगर पत्रकार नकल माफिया से मिले होते, तो प्रशासन को पर्चा लीक होने की सूचना क्यों देते? या प्रशासन को सूचना देना ही अपराध है?
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