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एंबुलेंस में तीन गर्भवती का हुआ सुरक्षित प्रसव, जच्चा-बच्चा स्वस्थ

स्थानीय नागरिक की सूचना पर घूमंतू परिवार की महिला का भी सुरक्षित प्रसव करवाया गया
108 नंबर एंबुलेंस ने दो अलग-अलग गर्भवतियों का कराया सुरक्षित प्रसव
कबीर बस्ती न्यूज:
गोरखपुर: जिले में एक सप्ताह के भीतर एंबुलेंस में तीन गर्भवती का सुरक्षित प्रसव कराया गया। तीनों जच्चा-बच्चा स्वस्थ हैं । इस दरम्यान स्थानीय नागरिक की सूचना पर एक घूमंतू परिवार की महिला को भी सुरक्षित प्रसव की सुविधा मिल सकी । एंबुलेंस सेवा की 102 नंबर की व्यस्तता होने पर 108 नंबर एंबुलेंस भेज कर दो अलग-अलग महिलाओं का सुरक्षित प्रसव हुआ है ।
एंबुलेंस सेवा का संचालन कर रही संस्था जीवीके ईएमआरआई के प्रोग्राम मैनेजर प्रवीण कुमार द्विवेद्वी ने बताया कि आपरेशन हेड निखिल रघुवंशी की देखरेख में एंबुलेंस सेवा की समयबद्धता व गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसी माह 108 नंबर एंबुलेंस में पहले भी एक महिला का सुरक्षित प्रसव करवाया जा चुका है । जिले में गर्भवती, प्रसूता, नवजात और नसबंदी सेवा के लाभार्थियों के लिए 102 नंबर की निःशुल्क एंबुलेंस सेवा संचालित की जा रही है, लेकिन आवश्यकता पड़ने पर 108 नंबर का इस्तेमाल भी इन सेवाओं के लिए किया जाता है ।
पिपरौली ब्लॉक के खपड़हवा गांव के निवासी पन्नेलाल यादव ने बताया कि उनकी बहन सुनीता (30) मायके में ही रह रही हैं। 27 अप्रैल को प्रसव पीड़ा होने पर आशा कार्यकर्ता लुखी देवी के माध्यम से एंबुलेंस को सूचना दी गयी । पायलट हीरालाल और ईएमटी विजय एंबुलेंस के साथ पहुंचे लेकिन तकलीफ ज्यादा बढ़ जाने के कारण एंबुलेंस में ही प्रसव कराया गया । जच्चा-बच्चा को एंबुलेंस से अस्पताल भी ले जाया गया जहां बाकी का उपचार हुआ। ईएमटी विजय ने बताया कि वह 102 नंबर एंबुलेंस लेकर पहुंचे थे लेकिन गर्भवती को एंबुलेंस में बिठाने के बाद मौका नहीं मिला और एंबुलेंस में ही आशा कार्यकर्ता और अटेंडेंट की मदद से प्रसव करवाना पड़ा । इस संबंध में उन्होंने पहले से प्रशिक्षण प्राप्त किया है ।
108 नंबर एंबुलेंस के ईएमटी प्रेमचंद्र को एंबुलेंस में करीब 80 सुरक्षित प्रसव कराने का अनुभव है। उन्होंने बताया कि 26 अप्रैल को सुबह छह बजे झरना टोला निवासी शमसा खातून (28) को उन्होंने एंबुलेंस पर बिठाया और नंदानगर रेलवे ढाले के पास पहुंचे थे। लेबर पेन बढ़ जाने के कारण एंबुलेंस में प्रसव करवाया गया । प्रेमचंद को 26 अप्रैल को ही रात में ग्यारह बजे के करीब सूचना मिली की झारखंडी के पास घूमंतू परिवार की महिला प्रसव पीड़ा से पीड़ित है। वह पायलट ओंकार सिंह के साथ एंबुलेंस लेकर मौके पर पहुंचे और हसीना नामक महिला को गाड़ी में बिठाया । लेबर पेन ज्यादा होने के कारण एंबुलेंस में प्रसव कराना पड़ा ।
एंबुलेंस सेवा निःशुल्क है
जिले में 102 नंबर की 50 और 108 नंबर की 46 एंबुलेंस का संचालन किया जा रहा है । दोनों एंबुलेंस सेवा पूरी तरह से निःशुल्क है । 102 नंबर एंबुलेंस जहां जच्चा-बच्चा और गर्भवती की सेवा के लिए है वहीं 108 नंबर एंबुलेंस आकस्मिक बीमारी, दुर्घटना या अन्य सभी आपद परिस्थितियों के लिए है। लोगों को चाहिए कि प्रसव के मामलों को गम्भीरता से लें। अस्पताल आखिरी समय में ही जाने की गलती न करें। आखिर में एम्बुलेंस की मदद न मांगकर थोड़ा पहले ही कॉल कर लें। ऐसा करने से अस्पताल में सुरक्षित प्रसव हो जाता है और जच्चा-बच्चा भी सुरक्षित रहते हैं।
डॉ आशुतोष कुमार दूबे, मुख्य चिकित्सा अधिकारी