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लखनऊ: राजस्व परिषद से रिटायर्ड निजी सचिव विवेकानंद डोबरियाल पर जालसाजी, कूट रचना, अवैध वसूली सहित कई संगीन धाराओं में मुकदमा

विवेकानंद डोबरियाल के तलाश मे पुलिस, अधिकारियों व कर्मचारियों को जांच की धमकी देकर वसूली करता था विवेकानन्द

कबीर बस्ती न्यूज:

लखनऊ: राजस्व परिषद से रिटायर्ड निजी सचिव विवेकानंद डोबरियाल पर अधिकारियों व कर्मचारियों को जांच की धमकी देकर वसूली करने, जालसाजी का आरोप लगा लगा है। विभाग में तैनात अनु सचिव ने कैसरबाग थाने में तहरीर दी। जिसके आधार पर विवेकानंद के खिलाफ जालसाजी, कूट रचना, अवैध वसूली सहित कई संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पुलिस विवेकानंद की तलाश कर रही है।

प्रभारी निरीक्षक कैसरबाग अजय नारायण सिंह के मुताबिक, राजस्व परिषद में तैनात अनु सचिव घनश्याम चतुर्वेदी ने तहरीर दी। जिसके आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोप है कि विवेकानन्द डोबारियाल उत्तर प्रदेश राजस्व परिषद् में निजी सचिव के पद पर कार्यरत थे। वह 31 मार्च को सेवानिवृत्त हो चुका है। सेवारत रहते हुए विवेकानंद ने रिश्वत लेकर कार्य कराने तथा फर्जी शिकायत कराकर कार्मिकों को दंडित कराने की धमकी देकर धन उगाही की शिकायतें पूर्व में भी मिलती रही हैं। रिटायर होने के बाद भी वह लगातार राजस्व परिषद् में आते रहे हैं।आरोप है कि विवेकानंद डोबारियाल 8299714398 नंबर का मोबाइल प्रयोग करते हैं। जो बीए-59 सेक्टर बी गुप्तेश्वर मंदिर के पास रहने वाले प्रदीप गर्ग के नाम से पंजीकृत है। इस नंबर का उपयोग करते हुए राजस्व परिषद में  विवेकानंद डोबारियाल राजस्व विभाग के विभिन्न जनपदों में तैनात तहसीलदार, नायब तहसीलदार, कानूनगो एवं लेखपालों को कॉल करते थे। उनके स्थानान्तरण व जांचों में अपने पहुंच का हवाला देकर उनसे ठगी करते हुये वसूली करते थे।
आरोप है कि कार्य करने के लिए पूर्व नियुक्ति का अनुचित लाभ लेते हुये उसके द्वारा राजस्व परिषद में नियुक्त अधिकारियों व कर्मचारियों पर दबाव बनाया जाता था। दबाव में न आने पर उनके विरुद्ध भी फर्जी शिकायत कराने व जांच कराने की धमकी दी जाती है। विवेकानंद उक्त विभागीय जांचों को चेयर मैन राजस्व परिषद के सेवानिवृत्त होने से पूर्व ही समाप्त कराने का दबाव बनाता है। दबाव में न आने पर कहता है कि यह कार्य नहीं करोगे तो चेयरमैन साहब से प्रतिकूल कार्यवाही करा दूंगा। विवेकानन्द सेवानिवृत्त होने के बाद भी राजस्व परिषद कार्यालय अक्सर आता जाता रहता है।
राजस्व परिषद अधिकारियों एवं कर्मचारीयों से विभागीय जांचों के निस्तारण में उनसे मिलीभगत कर निस्तारण कराने के नाम पर बिचौलिए का काम करते हैं। आरोपी अधिकारी कर्मचारी से इसके नाम पर अवैध वसूली, तोहफा और आर्थिक लाभ लेता है। यह काम विवेकानंद अपनी तैनाती के दौरान भी करता था।

आरोप है कि अवैध रूप कमाई का प्रयोग विवेकानंद ने शेयर मार्केट एवं प्रापर्टी खरीदने में निवेश कर वैध बनाने का प्रयास किया जा रहा है। अवैध वसूली के रुपये से द्वारा विकासनगर में नया मकान भी बनाया गया है। इसके द्वारा यह कार्य कर भारी मात्रा में आर्थिक लाभ कमाया गया है। जिससे राजस्व परिषद की प्रतिष्ठा धूमिल हो रही है और भ्रष्टाचार को बढावा मिल रहा है। प्रभारी निरीक्षक के मुताबिक अनु सचिव की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। मामले की जांच की जा रही है।