Logo
ब्रेकिंग न्यूज़
स्वास्थ्य सेवाओं मे उत्कृष्ठ योगदान के लिए सम्मानित किये गये डा0 अजय कुमार चौधरी बिना पीएनडीटी के जी.सी.अल्ट्रासाउंड सेन्टर संचालक चला रहा है स्वास्थ्य विभाग के सीने पर हथौडा अहिल्याबाई होलकर के सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को जीवन्त कर रहे हैं मोदी, योगी-डॉ. रमापति राम त्रिपाठी योजनाओं एवं चिकित्सीय सुविधाओं के संबंध में गुणात्मक सुधार लायें  अधिकारी- मण्डलायुक्त शिकायतों पर आकृति डायग्नोस्टिक सेन्टर सील, संचालक को थमाया नोटिश, हडकम्प रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण शुरू होने पर प्रसन्नताः व्यापारियों ने बांटी मिठाई महिला उत्पीड़न से सम्बन्धित मामलों की आयोग की सदस्या ने की सुनवाई एंटी रैबीज सीरम लगाये जाने को लेकर मण्डलीय कार्यशाला सम्पन्न विश्व हिन्दू महासंघ ने सौंपा ज्ञापन, गोहत्यारों के विरूद्ध कार्रवाई की मांग एक देश एक चुनाव’ पर प्रबुद्ध समागम में चर्चा

लखनऊ: नौकरी के नाम पर ठगने वाले जौनपुर निवासी दिलीप राय बलवानी पहुंचा सलाखों के पीछे, किया था पीडितों से 1.18 करोड़ रुपये की ठगी

             आरोपित का भाई भी है ठग उसकी भी है पुलिस को तलाश 

आरोपी दिलीप राय बलवानी के विरूद्व विभिन्न थानों मे दर्ज है एक दर्जन मामले, जा चुका है जेल

कबीर बस्ती न्यूज:

लखनऊ: एसटीएफ की टीम ने शनिवार रात को सचिवालय, यूपी पुलिस और रेलवे में नौकरी के नाम पर ठगने वाले जौनपुर निवासी दिलीप राय बलवानी को गिरफ्तार किया है। ठग ने 10 लोगों से 1.18 करोड़ रुपये ऐंठे हैं। कुछ पीड़ितों को जाली नियुक्ति पत्र भी दिए थे। आरोपित के पास से सचिवालय के 11 फर्जी नियुक्ति पत्र, मोहर, पांच मोबाइल फोन और एक एसयूवी बरामद हुआ। एक पीड़ित ने विभूतिखंड थाने में शिकायत की थी। आरोपित का भाई भी ठग है, उसकी तलाश की जा रही है।

एसटीएफ के प्रभारी एसएसपी विशाल विक्रम सिंह के मुताबिक, हजरतगंज के नरही निवासी सुरेंद्र कुमार यादव ने जालसाजी की शिकायत की थी। सुरेंद्र के मुताबिक, मार्च 2021 में एक कार्यक्रम के दौरान उनकी मुलाकात दिलीप राय बलवानी से हुई थी। दिलीप ने बताया था कि उसका दफ्तर विभूतिखंड में है। उसने ऊंची पहुंच का हवाला देते हुए कहा था कि सचिवालय, रेलवे और यूपी पुलिस में नौकरी दिलवा सकता है। इसके बाद सुरेंद्र ने दस रिश्तेदारों को अलग-अलग सरकारी विभाग में नौकरी दिलाने की बात कही।
सुरेंद्र के अनुसार, सचिवालय में नौकरी के नाम पर 10 लाख, रेलवे में पांच लाख रुपये और यूपी पुलिस में दरोगा की नौकरी के नाम पर पांच लाख की डिमांड की। सुरेंद्र ने बताया कि कुल 1.18 करोड़ रुपये जालसाज दिलीप को दे दिए। इसके बाद आरोपित ने कुछ युवकों को फर्जी नियुक्ति पत्र थमा दिया। इसकी जानकारी होने पर सुरेंद्र ने रकम वापस मांगी। आरोपित के टालमटोल करने पर सुरेंद्र ने शनिवार को विभूतिखंड थाने में मुकदमा दर्ज कराया। तत्काल कार्रवाई करते हुए रात में यूपी एसटीएफ ने दिलीप को विभूतिखंड इलाके से गिरफ्तार कर लिया।

पूछताछ में आरोपित ने कुबूला कि वह अपने भाई मंजीत संग मिलकर सैकड़ों बेरोजगारों से करोड़ों रुपये ठग चुका है। मंजीत फर्जी नियुक्ति पत्र बनाता था। दिलीप पहले भी धोखाधड़ी के मामले में जेल जा चुका है। उसके खिलाफ लखनऊ और उरई जनपद में इस तरह के 10 मामले दर्ज हैं।