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 31 मई तक पूरे जिले में चलाया जाएगा गर्भवती के लिए विशेष अभियान

  • एक कदम सुरक्षित मातृत्‍व की ओर अभियान में 861 गर्भवती की जांच
  •   शिशु व मां को पोषक तत्‍वों की कमी से होने वाली जटिलता से बचाएंगे
कबीर बस्ती न्यूज:

संतकबीरनगर । गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को बेहतर पोषण व सूक्ष्म पोषक तत्वों से संतृप्त करने के लिए चलाए जा रहे एक कदम सुरक्षित मातृत्‍व अभियान के दौरान एक पखवाड़ा के दौरान 861 गर्भवती की जांच की गयी है। गौरतलब है शिशु व उसकी मां को पोषक तत्वों की कमी से होने वाली जटिलता से बचाने लिए यह अभियान चलाया जा रहा है।

यह जानकारी देते हुए अपर मुख्‍य चिकित्‍सा अधिकारी परिवार कल्‍याण डॉ मोहन झा ने बताया कि  अभियान के दौरान, सभी गर्भवती जो प्रथम त्रैमास में है उनको पहले त्रैमास के अन्‍त तक फोलिक एसिड का वितरण किया जाएगा। दूसरे व तीसरे त्रैमास की सभी गर्भवती को वितरित की गयी आयरन व कैल्शियम को गोलियों के सेवन के बारे में जानकारी ली जाएगी। दूसरे व तीसरे त्रैमास की सभी गर्भवती को गर्भावस्‍था के दौरान एक एलबेंडाजोल की गोली आशा कार्यकर्ता द्वारा अपने सामने खिलाई जाएगी। गर्भवती की वजन व लम्‍बाई को एमसीपी कार्ड में रिकार्ड किया जाएगा और उनके पेट की जांच होगी । हाई रिस्‍क प्रेगनेन्‍सी की पहचान करके उनको सम्‍बन्धित चिकित्‍सा इकाई पर रेफर किया जाएगा। जिनके बच्‍चे कम अन्‍तराल पर पैदा हुए हैं उनको परिवार नियोजन के स्‍थाई और अस्‍थायी साधनों के प्रति जागरुक किया जाएगा। इस अभियान में प्रभारी चिकित्‍सा अधिकारी के साथ ही एएनएम, आशा कार्यकर्ता व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अपनी भूमिका का निर्वहन करेंगी। सुपोषित गर्भवती से जच्चा-बच्चा की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है ।

अभियान के दौरान बांटी जा रही हैं पोषक दवाएं

सुरक्षित मातृत्‍व अभियान की जिला परामर्शदाता संगीता बताती हैं कि गर्भवती महिलाओं तथा उनसे पैदा होने वाले बच्‍चों को सुरक्षित करने के लिए गर्भवती की एएनएम स्‍तर पर जांच के साथ ही विशेषज्ञ महिला चिकित्‍सक से भी इनकी जांच कराई जा रही है। प्रधानमन्‍त्री सुरक्षित मातृत्‍व अभियान हर माह की 9 तारीख को तथा फर्स्‍ट रेफरल यूनिट ( एफआरयू ) पर सुरक्षित मातृत्‍व क्‍लीनिक का आयोजन किया जाता है। इसके अतिरिक्‍त हर स्‍वास्‍थ्‍य इकाई पर गर्भवती की निशुल्‍क जांच की जाती है तथा उनको निशुल्‍क दवा के साथ ही जांच के लिए एम्‍बुलेंस की सुविधा भी है। इन सुविधाओं का लाभ उठाते हुए महिलाएं अपनी जांच अवश्‍य कराएं तथा आाश कार्यकर्ता प्रोत्‍साहित करके उनको स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्रों पर भेजें ।

 विविध कार्यक्रमों से माताओं के स्‍वास्‍थ्‍य व पोषण में सुधार

सुरक्षित मातृत्‍व अभियान की जिला परामर्शदाता संगीता बताती हैं कि ( नेशनल फैमिली हेल्‍थ सर्वे ) एनएफएचएस – 5 (2020-21) में एनएफएचएस -4 (2015 -16 ) के सापेक्ष प्रदेश स्तर के संकेतकों में बेहतर सुधार आया है। प्रथम तिमाही में प्रसव पूर्व जांच 46 प्रतिशत से बढ़कर 63 प्रतिशत हुई है। प्रसव पूर्व देखभाल ( 4 एएनसी ) 26 प्रतिशत से बढ़कर 42 प्रतिशत हो गया है। 84 प्रतिशत माताओं को उनके गर्भकाल में आयरन फॉलिक एसिड की गोली दी गयी। गर्भवती जिन्‍होने गर्भावस्‍था के दौरान कम से कम 100 आयरन की गोलियों का सेवन किया यह प्रतिशत 13 से बढ़कर 22.3 प्रतिशत हो गया है। इसी प्रकार 180 गोलियों का उपयोग करने वाली महिलाओं की संख्‍या 3.9 प्रतिशत से बढ़कर 9.7 प्रतिशत हो गयी है।