कार्यशाला में माइक्रोप्लान, कम्युनिकेशन प्लान तथा वैक्सीन के रखरखाव के बारे में दी गयी जानकारी
नियमित टीकाकरण में सर्वे, सुपरविजन व माइक्रोप्लान की भूमिका महत्वपूर्ण – सीएमओ
विश्व स्वास्थ्य संगठन के सहयोग से नियमित टीकाकरण के माइक्रोप्लानिंग के लिए आयोजित हुई कार्यशाला
कबीर बस्ती न्यूज:
संतकबीरनगर। नियमित टीकाकरण में सर्वे, सुपरविजन व माइक्रोप्लान की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण होती है। अगर स्थानीय स्तर पर हेडकाउण्ट सर्वे गलत होगा तो पूरा माइक्रोप्लान ही बेकार हो जाएगा और सुपरविजन में कोई कमी आएगी तो नियमित टीकाकरण प्रभावित होगा। इसलिए माइक्रोप्लान बनाने के लिए बनाए गए सभी नियमों का अनुपालन करते हुए एक बेहतर माइक्रोप्लान तैयार करें ताकि नियमित टीकाकरण कार्यक्रम को सफल बनाया जा सके।
यह बातें मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ इन्द्र विजय विश्वकर्मा ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के सहयोग से नियमित टीकाकरण के माइक्रोप्लानिंग विषय पर सोमवार को आयोजित विशेष कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए बतौर मुख्य अतिथि कही। उन्होने यह भी कहा कि हमारा जिला जेई डिस्ट्रिक्ट है, इसलिए यहां पर बच्चों को 15 टीके लगाए जाते हैं वहीं महिलाओं को दो टीके लगाए जाते हैं। अपना माइक्रोप्लान इस तरह से बनाएं कि एक भी शिशु या गर्भवती महिला हेड काउण्ट सर्वे से छूटने न पाए।
इस मौके पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ मोहन झा ने कहा कि जो भी टीकाकरण हो उसे एचएमआईएस पोर्टल व ऐप में जरुर डाउनलोड करें। जिले में 68 उपकेन्द्र बढ़ाए गए हैं । इन उपकेन्द्रों को समाहित करते हुए उनकी एक सीमा निर्धारण की जाए तथा क्षेत्र को बांटा जाए, ताकि कोई भी क्षेत्र हेडकाउण्ट सर्वे से छूटने न पाए और जिले के लिए एक ठोस माइक्रोप्लान बने।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ एस रहमान ने माइक्रोप्लान की बारीकियों के बारे में बताया और कहा कि वैक्सीन समय से सत्र में पहुंचे तथा कम से कम वेस्टेज हो। यह सारी चीजे एक निश्चित टाइमलाइन के अन्दर होनी चाहिए ताकि साल भर बेहतर तरीके से बच्चों व महिलाओं को विविध टीकों से आच्छादित कर सकें। जिले के सम्पूर्ण गर्भवती व शिशुओं को जीवनरक्षक टीकों से आच्छादित करना ही लक्ष्य होना चाहिए।
कार्यशाला के दौरान प्रशिक्षण देते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन के एसएमओ डॉ स्नेहल परमार ने माइक्रोप्लान के विविध पहलुओं के साथ ही हेडकाउण्ट सर्वे की तकनीक, वैक्सीन वेस्टेज के फार्मूले के साथ ही साथ एक बेहतर माइक्रोप्लान बनाने की जानकारी प्रोजेक्टर के माध्यम से लोगों को दी। इस दौरान उन्होने प्रतिभागियों से माइक्रोप्लान भी बनवाया। यूपीटीएसयू ( उत्तर प्रदेश तकनीकी सहयोग इकाई ) के कम्यूनिटी हेल्थ एक्सपर्ट बशीर अहमद ने सभी लोगों को सामुदायिक सहभागिता के बारे में जानकारी दी।
यूनिसेफ के जिला समन्वयक रितेश सिंह ने कम्युनिकेशन प्लान के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि टीकाकरण के दौरान क्षेत्र के भौगोलिक व सामाजिक वातावरण को ध्यान में रखते हुए कम्युनिकेशन प्लान बनाना चाहिए। मदर मीटिंग, रैली, जनप्रतिनिधि की बैठक, धर्मगुरु की बैठक, रैली, दीवार लेखन, ग्राम प्रधानों के साथ संवाद आदि का आयोजन उसी आधार पर करना चाहिए। ऐसा करने से लोगों के अन्दर आपकी नीतियों की स्वीकार्यता बढ़ेगी।
इस दौरान जिले के समस्त चिकित्सा अधिकारी, बीपीएम, बीसीपीएम, डब्ल्यू एचओ के सुशील श्रीवास्तव, मनीष श्रीवास्तव, फहीम खान तथा अन्य लोग उपस्थित रहे।
प्रतिभागियों ने बताया अनुभव
इस दौरान प्रतिभागी बीपीएम खलीलाबाद अभय कुमार त्रिपाठी ने कहा कि इस प्रशिक्षण से बेहतर जानकारी प्राप्त हुई है जो हमें माइक्रोप्लान बनाने में सहायक होगी। हम चाहेंगे कि खलीलाबाद का माइक्रोप्लान ऐसा बने कि हम सभी बच्चों को टीके से आच्छादित कर सकें। प्रभारी चिकित्सा अधिकारी मेंहदावल डॉ इन्द्रदेव गौरव ने बताया कि हमें इस कार्यशाला से माइक्रोप्लान बनाने से हेड काउण्ट सर्वे तथा पर्यवेक्षण की भी जानकारी मिली हे। इस दौरान मिली जानकारियों का हम उपयोग करेंगे।
सेशन मिस हो तो शीघ्र पूरा करें
जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ आर पी मौर्या ने कहा कि किसी कारण यदि कहीं का कोई टीकाकरण सत्र बुधवार को नहीं हो पाता है तो उसे गुरुवार या शुक्रवार को जरुर पूरा कर लें। अगर शनिवार का सत्र नहीं हो पाता है तो उसे सोमवार तक जरुर पूरा कर लें। इसके साथ ही ड्यू लिस्ट भी चेक करते रहें तथा ड्यू लिस्ट के लोगों के घर जाकर उनको चेक भी करते रहें। सेशन के अनुपात में ही बच्चों व गर्भवती को चिन्हांकित करे।