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गोरखपुर को सीएचसी श्रेणी में आठ कायाकल्प पुरस्कार

गगहा और पाली सीएचसी को पहली बार मिला पुरस्कार
सभी सीएचसी को मिलेंगे एक-एक लाख रुपये

कबीर बस्ती न्यूज:

गोरखपुर: सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) श्रेणी में वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान हुई प्रतिस्पर्धा में जिले को आठ कायाकल्प पुरस्कार प्राप्त हुए हैं । जिले की गगहा और पाली सीएचसी को पहली बार यह पुरस्कार हासिल हुआ है । इन सभी सीएचसी को पुरस्कार के तौर पर एक-एक लाख रुपये शासन से मिलेंगे। यह जानकारी देते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने सभी सीएचसी की टीम को बधाई दी है ।

सीएमओ ने बताया कि जिले में जंगल कौड़ियां सीएचसी सबसे ज्यादा 84.14 अंकों के साथ पहले स्थान पर है। पिपरौली, कैंपियरगंज, भटहट, पिपराईच और सहजनवां को भी यह पुरस्कार हासिल हुआ है। प्रदेश में कुल 265 सीएचसी ऐसी हैं जिन्होंने 70 फीसदी से अधिक अंक हासिल कर यह पुरस्कार प्राप्त किया है। जिलाधिकारी विजय किरण आनंद के कुशल दिशा-निर्देशन में चिकित्सा इकाइयों द्वारा टीम भावना से कार्य करने के कारण यह संभव हो सका है। अगर टीम भावना से कार्य किया जाए तो स्वास्थ्य इकाइयों एवं कार्यक्रमों को सुदृढ़ कर जनसमुदाय में विश्वास बनाया जा सकता है।

कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ नंद कुमार ने बताया कि मिशन निदेशक ने सभी जिलों को पत्र भेज कर पुरस्कार की सूचना दी है। पत्र में प्राप्त दिशा-निर्देशों के अनुसार पुरस्कार राशि का 75 फीसदी हिस्सा चिकित्सा इकाई के गैप क्लोजर, सुदृढ़ीकरण, रखरखाव व स्वच्छता व्यवस्था आदि पर खर्च करना है जबकि 25 फीसदी हिस्सा संबंधित ईकाई के अधिकारियों व कर्मचारियों के उत्साहवर्धन के लिए खर्च किया जाना है । शासन से प्राप्त विस्तृत दिशा-निर्देशों के अनुसार पुरस्कार की राशि खर्च की जाएगी।

डॉ. कुमार ने कहा कि संबंधित इकाई के अधीक्षक, वहां की टीम, जिला कार्यक्रम प्रबंधन इकाई और जिला क्वालिटी एश्योरेंस सेल के सम्मिलित प्रयासों से यह सफलता हासिल हुई है । जिलाधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी के दिशा-निर्देश पर टीम भावना से कार्य हुआ है और इसे आगे भी जारी रखा जाएगा ।

दस इकाइयों का हुआ था मूल्यांकन

जिला प्रशासनिक कार्यक्रम सहायक (क्वालिटी) विजय कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि वर्ष 2021-22 के लिए 16 सीएचसी का आंतरिक मूल्यांकन किया गया, जिनमें से 10 सीएचसी राज्य स्तर की स्पर्धा के लिए चयनित हुए थे। इन सभी का राज्यस्तरीय मूल्यांकन इसी साल फरवरी व मार्च में किया गया ।

इन आधारों पर होता है मूल्यांकन

• अस्पताल का रखरखाव
• स्वच्छता व साफ-सफाई
• बायोमेडिकल बेस्ट मैनेजमेंट
• इंफेक्शन कंट्रोल प्रैक्टिसेज
• हाईजीन प्रमोशन
* पेशेंट फीडबैक का मूल्यांकन