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अंधेर नगरी चौपट राजा: आला रख लिपिक का दायित्व संभाल रहे हैं कई डाक्टर

कबीर बस्ती न्यूज:

लखनऊ: अंधेर नगरी चौपट राजा स्वास्थ्य विभाग मे जैसा हाल है तबादलों के खेल के बीच चिकित्सा शिक्षा विभाग में संबद्धता का भी गजब खेल चल रहा है। जो पद डॉक्टर से भरा जाना चाहिए, उस पर आईएएस अफसर बैठाया गया है और जहां लिपिक संवर्ग से काम चलाना है उस पर डॉक्टर बैठाए गए हैं। मेडिकल कॉलेज के सर्जन महानिदेशालय में फाइलें पलट रहे हैं तो फिजियोलॉजिस्ट नजारत के प्रभारी हैं। यही हाल अन्य संकाय सदस्यों का भी है। डॉक्टर मरीजों की नब्ज टटोलने के बजाय फाइलें टटोल रहे हैं।

चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण महानिदेशालय में महानिदेशक, अपर निदेशक के दो पद के अलावा अन्य पद लिपिक संवर्ग के हैं। फिर भी इस संवर्ग के लिए कई मेडिकल कॉलेजों के प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर व असिस्टेंट प्रोफेसर को संबद्ध कर दिया गया है। वह भी तब जबकि मेडिकल कॉलेजों में संकाय सदस्यों के तमाम पद खाली पड़े हैं। इसके बावजूद महानिदेशालय में संबद्धता का खेल चल रहा है।

सूत्रों का कहना है कि संबद्ध रहने वाले संकाय सदस्यों में ज्यादातर लखनऊ रहने की ख्वाहिश रखते हैं। किसी की पत्नी यहां कार्य कर रही है तो किसी का बेटा। यहां उनके लिए कोई पद नहीं है, फिर भी जुगाड़ से बीच का रास्ता निकालते हैं। प्रशासनिक जरूरत दिखाकर उन्हें संबद्ध कर दिया जाता है।

महानिदेशालय में संबद्ध डॉक्टरों को ये जिम्मेदारी
डॉ. डीके निगम :
 महामाया राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कॉलेज अंबेडकरनगर के सर्जरी विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर हैं। महानिदेशालय में कोर्ट केस, जनप्रतिनिधियों के पत्र और प्रकरण के समन्वय, फायर और इलेक्ट्रिक सेफ्टी का काम देख रहे हैं।

डॉ. बीडी सिंह : महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के फिजियोलॉजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर हैं। नजारत, लोकसभा व विधानसभा से जुड़े कार्य के साथ नीट यूजी-पीजी व छात्रसेल से जुड़े कार्य देख रहे हैं।

डॉ. श्रीश सिंह : एमएलएन मेडिकल कॉलेज, प्रयागराज के फार्माकोलॉजी विभाग में प्रोफेसर हैं। महानिदेशालय में खरीद अनुभाग की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। प्रोक्योरमेंट और आउटसोर्स मैन पॉवर सहित उपकरण व अन्य खरीद से जुड़े काम भी इन्हीं के जिम्मे है।

डॉ. प्रभा वर्मा : जेएसवीएम कानपुर के बायोकेमिस्ट्री विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर हैं। यहां जन सूचना, आईजीआरएस मानव संपदा संबंधी कार्य और विशाखा कमेटी का कार्य देख रही हैं।

डॉ. दीपेश कुमार : एसएमएमएच मेडिकल कॉलेज सहारनपुर के फार्माकोलॉजी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। महानिदेशालय में सोलर एनर्जी, आयुष्मान योजना, फीस नियमन, औषधि की उपलब्धता सहित अन्य कार्य देख रहे हैं।

डॉ. अरविंद कुमार पाल : स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय फिरोजाबाद के एसोसिएट प्रोफेसर हैं। यहां यूपी मेडिकल सप्लाई कॉर्पोरेशन से जुड़े कार्य, स्वास्थ्य विभाग की बैठकों की तैयारी, परिवार कल्याण विभाग से समन्वय का कार्य देख रहे हैं।

डॉ. इंदू श्री : राजकीय मेडिकल कॉलेज कन्नौज के एनाटॉमी विभाग में कार्यरत हैं। उन्हें आशा ज्योति, महिला सशक्तीकरण, महिला सम्मान, एसिड अटैक योजना से जुड़े कार्य सौपे गए हैं।

महानिदेशक पद पर आईएएस की तैनाती
चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण महानिदेशालय में महानिदेशक का पद प्रधानाचार्य संवर्ग से भरने का नियम है, लेकिन इस पद पर आईएएस की तैनाती की गई है। अब तक कार्यवाहक महानिदेशक का कार्य देख रहे आगरा मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रधानाचार्य और बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. एनसी प्रजापति अभी भी यहां संबद्ध हैं। अपर निदेशक के दो पद हैं। एक पद मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर से और दूसरा पद प्रांतीय सिविल सेवा से भरने का नियम है, लेकिन यहां अभी तक अपर निदेशक प्रशासन के रूप में सचिवालय सेवा के अनिल कुमार की तैनाती की गई है।

जरूरत के मुताबिक संकाय सदस्यों को संबद्ध किया गया है। नए कॉलेजों को गति दिया जा रहा है। ऐसे में महानिदेशालय में कार्य अधिक हैं। कुछ को कोविड के दौरान संबद्ध किया गया था। जरूरत खत्म होते ही सभी को कॉलेज में भेजा जाएगा।
– आलोक कुमार, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा