बिलकिस बानो मामले में दोषियों की रिहाई रद करने और महिलाओं पर हो रहे अत्याचार को रोकने के लिये 3 सूत्रीय ज्ञापन
कबीर बस्ती न्यूजः
बस्ती। बिलकिस बानो मामले में दोषियों की रिहाई रद करने और महिलाओं पर हो रहे अत्याचार को रोकने के लिये ठोस व प्रभावी कदम उठाये जाने की मांग को लेकर इण्डिया अगेन्स्ट रेप मुहिम के वालेण्टियर्स ने राष्ट्रपति को सम्बोधित 3 सूत्रीय ज्ञापन एसडीएम न्यायिक गुलाब चन्द्रा को सौंपा। संयोजक अशोक श्रीवास्तव के आवाह्न पर कलेक्ट्रेट पर इकट्ठा हुये सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सामूहिक बलात्कार के दोषियों की रिहाई को कानून के माथे पर कलंक बताया और रिहाई रद करने की मांग की।
अशोक श्रीवास्तव ने कहा 21 साल की उम्र में बिलकिस बानो के साथ 11 लोगों द्वारा वीभत्स तरीके से बलात्कार किये जाने तथा उसके परिवार के 7 सदस्यों को बेरहमी से मौत के घाट उतार देने वाले मामले की चर्चा होने से रोंगटे खड़े हो जाते हैं। भारत जैसे देश में जिसकी वैश्विक पहचान यहां की संस्कृति और सनातन धर्म के दम पर है, 11 दरिंदों को माफी देकर जेल से रिहा करने और उनका महिमामंडन किये जाने से करोड़ों भारतीयों खासतौर से महिलाओं का सिर शर्म से झुक गया है।
सेवानिवृत्त शिक्षिका सलमा खातून ने कहा ऐसी दरिंदगी की सजा सिर्फ मौत होनी चाहिये। मानवता को कलंकित करने वाले इसी तरह क्षमादान पाते रहेंगे तो देश में महिलाओं का सिर उठाकर चलना मुश्किल हो जायेगा। हम हैरान भी हैं और चिंतित भी। हमारा मानना है कि कैदियों को स्वतंत्रता दिवस या अमृत महोत्सव के अवसर पर रिहा ही करना था तो दूसरे तमाम अपराध कारित कर लोग जेलों में बंद हैं। दरिंदों को ही माफी देना कहां तक उचित है। डा. सिम्मी भाटिया, संध्या दिक्षित, ज्योति पाण्डेय, अनुष्का ने कहा उपरोक्त मामला भावनाओं को आहत करने वाला और महिलाओं के सम्मान को प्रभावित करने वाला है। हम इसकी निंदा करते हैं।
आनंद राजपाल, रंजीत श्रीवास्तव, चंदन तिवारी आदि ने सामूहिक बलात्कार व नरसंहार के आरोपियों की रिहाई तत्काल रद करने की मांग किया। भेजे गये ज्ञापन में बिलकिस बानो मामले के दोषियों की रिहाई रद किये जाने, बलात्कार मामलों में दोषियों को मृत्यु दण्ड दिये जाने तथा बलात्कार मामलों का समयबद्ध निस्तारण करते हुये 1 महीने में इनवेस्टिगेशन तथा 3 महीने में सजा सुनाई किये जाने की मांग की गई है। सामाजिक कार्यकर्ताओं ने यह भी कहा कि शीघ्र ही इस मामले में निर्णायक कार्यवाही नही हुई तो हस्ताक्षर चलाकर जनमत जुटायेंगे और राष्ट्रपति को जनभावनाओं से अवगत करायेंगे।