शिशु और मातृ मृत्यु दर कम करने में सहायक बनें आशा कार्यकर्ता
– सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खलीलाबाद में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियानके तहत हुई गर्भवती की जांच
– जांच के लिए आईं महिलाओं को वितरित किया गया फल,चिन्हित हुईं एचआरपी
– जांच के लिए आईं महिलाओं को वितरित किया गया फल,चिन्हित हुईं एचआरपी
कबीर बस्ती न्यूजः
संतकबीरनगर। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (सीएचसी) खलीलाबाद के अधीक्षक डॉ राधेश्याम यादव ने कहा है कि प्रधानमन्त्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) दिवस से जच्चा – बच्चा को बड़ी बीमारी के खतरे से बचाने तथा मातृ व शिशु मृत्यु दर को कम करने रोकने में काफी मदद मिल रही है । आशा कार्यकर्ता अधिक से अधिक गर्भवती महिलाओं को जांच के लिए ले आएं और प्रत्येक हर त्रैमास में गर्भवती की जांच चिकित्सक के जरिए अवश्य करा दे।
यह बातें उन्होने केंद्र पर हुए आयोजन में गर्भवती के बीच फल वितरण के दौरान कहीं। इस अवसर पर उपस्थित महिला चिकित्सक डॉ संध्या यादव ने बताया कि गर्भावस्था के समय कई बीमारियों की आशंका रहती है । इस अभियान के जरिये गर्भवती के अंदर जागरूकता लाने का मकसद यह है कि वह गर्भावस्था के दौरान स्वास्थ्य के प्रति सजग रहें । इस दिवस पर प्रसव पूर्व जांच कर उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली महिलाएं चिन्हित की जाती हैं और उनका सुरक्षित प्रसव कराया जाता है । चिकित्सक डॉ नीतू सिंह ने कहा कि यह दिवस मातृ-शिशु मृत्यु दर को कम करने में सहायक है । जिले के प्रत्येक मातृ शिशु कल्याण केन्द्र पर आशा कार्यकर्ता के जरिए एएनएम उन्हें बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करवाती हैं, लेकिन उनकी एक बार विशेषज्ञ चिकित्सक से जांच अति आवश्यक है। केंद्र पर हुए आयोजन में डाइबिटीज, एनीमिया, सीवियर एनीमिया, हाई ब्लड प्रेशर की जांच के साथ ही हाई रिस्क प्रेग्नेन्सी (उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था) चिन्हित की गयीं।
इस मौके पर बीपीएम अभय त्रिपाठी, स्टॉफ नर्स सुनीता, जयन्त्री, अंजली, एएनएम जया उपाध्याय, प्रियंका, आशा कार्यकर्ता सुनीता, राधिका, अरविन्द सुधा के साथ ही साथ बड़ी संख्या में गर्भवती उपस्थित रहीं।
यह बातें उन्होने केंद्र पर हुए आयोजन में गर्भवती के बीच फल वितरण के दौरान कहीं। इस अवसर पर उपस्थित महिला चिकित्सक डॉ संध्या यादव ने बताया कि गर्भावस्था के समय कई बीमारियों की आशंका रहती है । इस अभियान के जरिये गर्भवती के अंदर जागरूकता लाने का मकसद यह है कि वह गर्भावस्था के दौरान स्वास्थ्य के प्रति सजग रहें । इस दिवस पर प्रसव पूर्व जांच कर उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली महिलाएं चिन्हित की जाती हैं और उनका सुरक्षित प्रसव कराया जाता है । चिकित्सक डॉ नीतू सिंह ने कहा कि यह दिवस मातृ-शिशु मृत्यु दर को कम करने में सहायक है । जिले के प्रत्येक मातृ शिशु कल्याण केन्द्र पर आशा कार्यकर्ता के जरिए एएनएम उन्हें बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करवाती हैं, लेकिन उनकी एक बार विशेषज्ञ चिकित्सक से जांच अति आवश्यक है। केंद्र पर हुए आयोजन में डाइबिटीज, एनीमिया, सीवियर एनीमिया, हाई ब्लड प्रेशर की जांच के साथ ही हाई रिस्क प्रेग्नेन्सी (उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था) चिन्हित की गयीं।
इस मौके पर बीपीएम अभय त्रिपाठी, स्टॉफ नर्स सुनीता, जयन्त्री, अंजली, एएनएम जया उपाध्याय, प्रियंका, आशा कार्यकर्ता सुनीता, राधिका, अरविन्द सुधा के साथ ही साथ बड़ी संख्या में गर्भवती उपस्थित रहीं।
चिकित्सक की सलाह का देंगे ध्यान
चिकित्सा इकाई पर जांच के लिए पहुंची बगहिया निवासी 30 वर्षीया जमुना को आपरेशन के जरिए दो बच्चे पैदा हो चुके हैं। वह दो माह की गर्भवती हैं। उन्हें एचआरपी चिन्हित किया गया तथा उन्हें नियमित जांच की सलाह दी गयी। जमुना बताती हैं कि वह निरन्तर चिकित्सकों से जांच कराती रहेंगी ताकि उनको प्रसव में कोई परेशानी न हो।
चिकित्सा इकाई पर जांच के लिए पहुंची बगहिया निवासी 30 वर्षीया जमुना को आपरेशन के जरिए दो बच्चे पैदा हो चुके हैं। वह दो माह की गर्भवती हैं। उन्हें एचआरपी चिन्हित किया गया तथा उन्हें नियमित जांच की सलाह दी गयी। जमुना बताती हैं कि वह निरन्तर चिकित्सकों से जांच कराती रहेंगी ताकि उनको प्रसव में कोई परेशानी न हो।
गर्भावस्था के दौरान विशेषज्ञ से जांच जरुरी
स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ शशि सिंह बताती कि गर्भवती की जांच आशा और एएनएम के जरिये उपकेन्द्रों पर होती रहती है, लेकिन पीएमएसएमए दिवस के पीछे मंशा यह है कि गर्भावस्था में कम से कम एक बार विशेषज्ञ के जरिए उनकी जांच कर ली जाए। इससे गर्भावस्था में चल रही महिला की हाईरिस्क प्रेगनेन्सी की अवस्था का पता चल जाता है। उसी हिसाब से उनका उपचार होता है।
स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ शशि सिंह बताती कि गर्भवती की जांच आशा और एएनएम के जरिये उपकेन्द्रों पर होती रहती है, लेकिन पीएमएसएमए दिवस के पीछे मंशा यह है कि गर्भावस्था में कम से कम एक बार विशेषज्ञ के जरिए उनकी जांच कर ली जाए। इससे गर्भावस्था में चल रही महिला की हाईरिस्क प्रेगनेन्सी की अवस्था का पता चल जाता है। उसी हिसाब से उनका उपचार होता है।
जिले में चिन्हित की गयी 255 एचआरपी
जिला मातृत्व स्वास्थ्य परामर्शदाता संगीता बताती हैं कि जनपद में कुल 13 स्वास्थ्य इकाइयों पर प्रधानमन्त्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस का आयोजन किया गया। इस दौरान 3 हजार से अधिक गर्भवती की जांच की गयी। इनमें 255 एचआरपी चिन्हित की गयी है।
जिला मातृत्व स्वास्थ्य परामर्शदाता संगीता बताती हैं कि जनपद में कुल 13 स्वास्थ्य इकाइयों पर प्रधानमन्त्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस का आयोजन किया गया। इस दौरान 3 हजार से अधिक गर्भवती की जांच की गयी। इनमें 255 एचआरपी चिन्हित की गयी है।