महिला अस्पताल सहित 28 स्वास्थ्य इकाइयों पर हुई गर्भवती की जांच
– प्रत्येक माह की नौ तारीख को आयोजित होता है पीएम सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस कार्यक्रम
– गर्भवती की जांच के बाद चि्ह्तित की जाती हैं एचआरपी
कबीर बस्ती न्यूज:
बस्ती। जिला महिला अस्पताल सहित जिले की कुल 28 स्वास्थ्य इकाइयों पर प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस का आयोजन हुआ। कार्यक्रम में आने वाली गर्भवती की खून व अन्य जांच सरकारी सुविधाओं के तहत की गई। इनमें से हाईिरस्क प्रेग्नेंसी (एचआरपी) वाली महिलाओं को चि्ह्तित कर उनकी सूची तैयार की गई। सुरक्षित प्रसव के लिए उनकी काउंसिलिंग की गई। स्वास्थ्य कर्मी सभी पर नजर भी रखेंगे। भारत सरकार की ओर से शिशु एवं मातृ मृत्यु दर को न्यूनतम करने के लिए यह आयोजन हर माह की नौ तारीख को चिन्हि़त स्वास्थ्य इकाइयों पर कराया जा रहा है।
सीएमओ डॉ. आरपी मिश्र ने बताया कि इस आयोजन के अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं। गर्भावस्था में चार जांच कराई जाती है। समय-समय पर होने वाली जांच में जो शरीर में कमी होती है, उसकी जानकारी हो जाती है। मरीज को दवा उपलब्ध कराई जाती है तथा इसी के साथ उसे आवश्यक पोषाहार, स्वच्छता आदि के प्रति भी जागरूक किया जाता है।
जिला मातृ स्वास्थ्य सलाहकार राजकुमार ने बताया कि इस वर्ष 10425 गर्भवती को लाभांवित किया जा रहा है। जांच में कुल 1343 एचआरपी चि्ह्तित की जा चुकी है। इसमें खून की कमी सहित अन्य जोखिम वाली महिलाएं शामिल हैं। उनका प्रसव स्वास्थ्य इकाई पर ही कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस माह के आयोजन में हर्रैया सीएचसी में 87 महिलाओं की जांच हुई, जिसमें 21 एचआरी चि्ह्तित हुई। एमओआईसी डॉ. ब्रजेश शुक्ला और चिकित्सक डॉ. आकांक्षा गुप्ता ने जांच किया व शालिनी मिश्रा ने काउंसिलिंग की। एसीएमओ आरसीएच डॉ.एके गुप्ता ने पीएचसी बहादुरपुर पहुंचकर आयोजन का निरीक्षण किया। यूनिसेफ के मंडलीय पर्यवेक्षक सुरेंद्र शुक्ला सहित अन्य अधिकारियों ने विभिन्न स्वास्थ्य इकाईयों का भ्रमण किया।
इन बातों का जरूर रखें ख्याल
– गर्भवास्था में चार एएनसी जांच एमबीबीएस चिकित्सक से जरूर कराएं।
– प्रसव अस्पताल में ही प्रशिक्षित चिकित्सक से कराएं।
– प्रसव के बाद 48 घंटे अस्पताल में जरूर बिताएं।
– अस्पताल आने व जाने के लिए सरकारी एम्बुलेंस की सुविधा आवश्यकतानुसार लें।
– प्रसव के बाद नवजात की जांच प्रशिक्षित चिकित्सक से जरूर कराएं।
– प्रसव के बाद लगने वाले जीरो डोज टीके नवजात को जरूर लगवाएं।
– समय-समय पर बच्चे की जांच कराते रहें व नियत समय पर टीकाकरण कराएं।