Logo
ब्रेकिंग न्यूज़
स्वास्थ्य सेवाओं मे उत्कृष्ठ योगदान के लिए सम्मानित किये गये डा0 अजय कुमार चौधरी बिना पीएनडीटी के जी.सी.अल्ट्रासाउंड सेन्टर संचालक चला रहा है स्वास्थ्य विभाग के सीने पर हथौडा अहिल्याबाई होलकर के सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को जीवन्त कर रहे हैं मोदी, योगी-डॉ. रमापति राम त्रिपाठी योजनाओं एवं चिकित्सीय सुविधाओं के संबंध में गुणात्मक सुधार लायें  अधिकारी- मण्डलायुक्त शिकायतों पर आकृति डायग्नोस्टिक सेन्टर सील, संचालक को थमाया नोटिश, हडकम्प रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण शुरू होने पर प्रसन्नताः व्यापारियों ने बांटी मिठाई महिला उत्पीड़न से सम्बन्धित मामलों की आयोग की सदस्या ने की सुनवाई एंटी रैबीज सीरम लगाये जाने को लेकर मण्डलीय कार्यशाला सम्पन्न विश्व हिन्दू महासंघ ने सौंपा ज्ञापन, गोहत्यारों के विरूद्ध कार्रवाई की मांग एक देश एक चुनाव’ पर प्रबुद्ध समागम में चर्चा

नियमित टीकाकरण में लगाई जा रही पोलियो की बूस्टर डोज

नौ माह पर एमआर टीके के साथ लगेगा एफआईपीवी का टीका

कबीर बस्ती न्यूजः

बस्ती। नियमित टीकाकरण में पोलियो की फ्रैक्शनल इंजेक्टेबल पोलियो वैक्सीन (एफआईपीवी) की बूस्टर डोज बुधवार से लगनी शुरू हो गई। नौ माह पर लगने वाले एमआर टीके के प्रथम डोज के साथ पोलियो की यह बूस्टर डोज लगेगी। नए साल में अब नियमित टीके में इसे शामिल कर लिया गया है। इससे पहले एफआईपीवी की केवल दो डोज ही नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के तहत दी जा रही थी।

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. विनोद कुमार ने बताया कि देश से पोलियो का उन्मूलन हुए लगभग दो दशक से ज्यादा समय गुजर पड़ोसी देशों में अभी भी पोलियो के मरीज मिल रहे हैं, इसलिए खतरा अभी भी बरकरार है। ऐसे में देश में पोलियो का सुरक्षा कवच मजबूत बनाए रखना जरूरी है।

पीटू वॉयरस का खतरा है बरकरार

डीआईओ डॉ. कुमार ने बताया कि पोलियो वॉयरस तीन प्रकार के होते हैं। पी-वन, पी-टू व पी-थ्री। पड़ोसी देश में आज भी पी- टू वॉयरस के केस निकल रहे हैं। पोलियो की रोकथाम के लिए पोलियो की दो डोज कारगर है। सरकार की ओर से एहतियातन बूस्टर डोज देने का निर्णय लिया गया है। बूस्टर डोज के बाद पोलियो के किसी भी प्रकार के संक्रमण का खतरा नहीं रह जाएगा। वर्ष 2006 में जिले से पोलियो का केस समाप्त हो गया था।

जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी राजेश चौधरी ने बताया कि नियमित टीकाकरण के दौरान नौ माह पर जो बच्चा सत्र पर एमआर का टीका लगवाने के लिए लाया जा रहा है, उसे बूस्टर डोज भी लगाई जा रही है। पोलियो की दो डोज जिन बच्चों को लग चुकी है, उन्हें ही बूस्टर डोज लगाई जानी है। पहली व दूसरी डोज में दो माह का अंतर होना चाहिए। एमआर प्रथम डोज के समय बच्चे की बांयी बाह पर इंट्राडर्मल दी जानी है। जिले में 40 हजार से ज्यादा बच्चे ऐसे हैं, जिन्हें एफआईपीवी की दो डोज लग चुकी है। प्रथम चरण में इन्हें लाभांवित किया जाना है।

आकर्षिका को लगी पहली बूस्टर डोज

जिला महिला अस्पताल के टीकाकरण केंद्र में बुधवार को सदर ब्लॉक के पिपरा गौतम निवासी अभिमन्यु सिंह की 10 माह की बेटी आकर्षिका को एफआईपीवी की बूस्टर डोज सबसे पहले लगाई गई। वैक्सीनेटर वेदांती त्रिपाठी ने बताया कि अभिभावक को सबसे पहले बताया गया कि उनकी बेटी को पोलियो से अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करने के लिए बूस्टर डोज लगाई जानी है। परिवार इसके लिए सहर्ष तैयार हो गया।