बिना ईश्वर के संसार अपूर्ण है
कबीर बस्ती न्यूज:
बस्ती। श्री बाबा झुंगीनाथ धाम में 7 दिवसीय सरस संगीतमयी श्रीमद्भागवत कथा एवं श्री हरिनाम महामंत्र यज्ञ और सन्त सम्मेलन में व्यासपीठ से कथा के तीसरे दिन कथा व्यास सन्तोष शरण शुक्ल ने कहा कि जो लोग माता पिता की बात नहीं मानते, समाज को कष्ट देते हैं ऐसे सभी लोग धुंधकारी है। कहा कि बिना ईश्वर के संसार अपूर्ण है। परमात्मा श्रीकृष्ण परिपूर्ण आनन्द स्वरूप है। भागवत शास्त्र का आदर्श दिव्य है। गोपियों ने घर नहीं छोड़ा, स्वधर्म का त्याग नहीं किया फिर भी वे श्रीभगवान को प्राप्त करने में सफल रहीं। महात्मा जी ने कहा कि दुःख में जो साथ दे वह ईश्वर और सुख में साथ देना वाला जीव है। श्रीकृष्ण की वन्दना से पाप जलते हैं।
दयानिधि गोस्वामी ने कहा कि सात दिन के भीतर परीक्षित को मुक्ति मिली। निश्चित था कि ठीक सातवे दिन उनका काल आने वाला है किन्तु हम काल को भूल जाते हैं। वक्ता शुकदेव जी जैसा अवधूत और श्रोता परीक्षित जैसा अधिकारी हो तो मुक्ति मिल जाती है। कथा महिमा का वर्णन करते हुये महात्मा जी ने कहा कि भागवत कथा का आनन्द ब्रम्हान्नद से भी श्रेष्ठ है। योगी तो केवल अपना उद्धार करता है किन्तु सतसंगी साथ में आये सभी का उद्धार करते हैं।
धार्मिक अनुष्ठान में आयोजक धु्रवचन्द्र पाठक, मुख्य यजमान माता बदल पाठक, शैलेष पाण्डेय, शीतल गोस्वामी, जय प्रकाश दास, रंजना पाठक, उर्मिला त्रिपाठी, मिलन, शुभम पाठक, विनोद कुमार गोस्वामी, देवी प्रसाद गोस्वामी, दयानिधि सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु श्रोता उपस्थित रहे।