Logo
ब्रेकिंग न्यूज़
भाजपा की सरकार में उपेक्षित हैं विश्वकर्मा समाज के लोग-राम आसरे विश्वकर्मा 700 से अधिक वादकारियों ने सीएम को भेजा पत्र, त्वरित न्याय प्रदान करने के लिए प्रभावी कार्रवाई कराने ... जयन्ती पर याद किये गये पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. चौधरी अजित सिंह कुपोषण और एनीमिया से बचाव के लिए कृमि मुक्ति की दवा का सेवन अनिवार्य-सीएमओ पूजन अर्चन के साथ भगवान श्रीराममय हुआ कैली का डायलसिस यूनिट योगी सरकार के जीरो टेलरेंस नीति पर खौलता पानी डाल रही है बस्ती पुलिस सम्पूर्ण समाधान दिवस में 98 मामलें में 06 का निस्तारण जेण्डर रेसियों बढाने के लिए घर-घर सर्वे करके भरवायें मतदाता फार्म: मण्डलायुक्त डीएम एसपी से मिले अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य, संचालित योजनाओं पर चर्चा भाजपा नेता बलराम ने किया पब्लिक डायग्नोसिस सेन्टर के जांच की मांग

पात्र बच्चों को जरूर खिलवाएं कीड़े मारने की दवा

मॉप अप राउंड के दौरान दवा खाने का आखिरी मौका आज

कबीर बस्ती न्यूजः

बस्ती। एक साल से 19 साल तक के सभी बच्चों को पेट के कीड़े मारने की दवा जरूर खिलवाएं। 10 फरवरी को नेशनल डिवार्मिंग डे के अवसर पर विद्यालयों और आंगनबाड़ी केंद्रों पर दवा खिलाने के बाद छूटे हुए बच्चों को दवा खिलाने के लिए बुधवार को मॉप अप राउंड के दौरान आखिरी मौका है। साल में दो बार चलने वाले इस अभियान के दौरान दवा खाने के बाद पेट में पलने वाले कीड़े मर जाते हैं। दवा खाने से जहां एक ओर कई प्रकार की गम्भीर बीमारियों से बचा जा सकता है, वहीं बच्चे कुपोषण से भी बचाव होता है।

सीएमओ डॉ. आरपी मिश्र ने बताया कि कीड़े मारने की दवा विद्यालयों व आंगनबाड़ी केंद्रों में उपलब्ध है। जिन बच्चों ने दवा नहीं खाई है, अभिभावक जरूर ऐसे बच्चों को दवा खिलवाएं। जो बच्चे स्कूल नहीं जाते हैं, उन्हें आंगनबाड़ी केंद्र पर दवा खिलाई जा रही है।

डीसीपीएम दुर्गेश मल्ल ने बताया कि कुल 2133 विद्यालयों व 2655 आंगनबाड़ी केंद्रों पर दवा खिलाने की सुविधा उपलब्ध है। 11.99 लाख बच्चों को दवा खिलाने का लक्ष्य निर्धारित है। नेशनल डिवार्मिंग डे पर 65 प्रतिशत बच्चों को दवा खिलवाई जा चुकी थी। अब तक लगभग 78 प्रतिशत बच्चे दवा का सेवन कर चुके हैं। शेष बच्चों को बुधवार तक दवा खिलावाने का लक्ष्य है।

एसीएमओ आरसीएच डॉ. एके गुप्ता ने बताया कि पेट में कीड़े होने से शरीर में खून की कमी हो जाती है। बच्चे हमेंशा थकान महसूस करते हैं। शारिरिक व मानसिक विकास बाधित हो जाता है। इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कम हो जाती है, जिससे बच्चे जल्दी बीमार पड़ सकते हैं। साल में दो बार दवा खिलाने से इससे बचा जा सकता है। दवा खिलाने से पहले बच्चों को कुछ जरूर खिलवा दें, खाली पेट दवा न खिलवाएं।