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शिव भक्ति के लिए अहंकार त्यागना होगा- आचार्य महेश पाठक

7 दिवसीय शिवमहापुराण कथा

कबीर बस्ती न्यूज।

बस्ती। शिव महापुराण कथा श्रवण व शिव भक्ति के लिए पहले अहंकार दूर करना होगा। क्योकि जब तक अहंकार होता है तक भोलनाथ प्रसन्न नही होते है। जिस प्रकार आदि देव महादेव को भोलेनाथ कहा जाता है उसी उनको भक्त भी भोले पसंद है। जब तक अहंकार दूर नही होगा तब तक शिव की भक्ति प्राप्त होना कठिन है।  सनातन    धर्म चेतना चेरीटेबल ट्रस्ट की ओर से अमहट घाट स्थित शिवमंदिर परिसर में आयोजित 7 दिवसीय शिवमहापुराण कथा व सामूहिक रूद्राभिषेक के छठवें  दिन कथा व्यास  आचार्य महेश पाठक ने कहा कि शिव और पार्वती के दो पुत्र हुए एक का नाम कार्तिकेय और दूसरे का नाम गणेश है। कार्तिकेय पुरुषार्थ का प्रतीक माना गया है। पुराणों में श्री गणेश की अनेक कथाएं प्राप्त होती हैं। एक कल्प में साक्षात श्रीकृष्ण उनके पुत्र बनते हैं दूसरे कल्प में पार्वती के उद्घटन से उनकी उत्पत्ति होती है। एक कल्प में शनि की दृष्टि से सिर कटता है और दूसरे में स्वयं शिवजी सिर काटते हैं। माता के कोप से बचने के लिए हाथी का सिर जोड़ा जाता है। हाथी का सिर बड़ा होता है लेकिन आंखें छोटी होती हैं। यह सूक्ष्म दृष्टि का प्रतीक है। हमारी दृष्टि सूक्ष्म होनी चाहिए। कान सूप के जैसे मानो फालतू बात गणेश नहीं सुनते। एक दांत अर्थात जो बात कह दिया उसमें अटल रहते हैं और लम्बी नाक होना प्रतिष्ठा का प्रतीक है।
व्यास पीठ से  शिव पुराण की महिमा पर प्रकाश डालते हुये आचार्य महेश पाठक ने  कहा कि जहां पर सूक्ष्म दृष्टि होती है। वहां विघ्न नही होता है और जहां विघ्न    बाधा न हो तो वहीं ऋद्धि-सिद्धि और शुभ लाभ का सदैव आगमन होता है।
आयोजक राजेश कुमार मिश्र ने बताया कि महाशिव रात्रि पर्व पर कथा स्थल पर 9 बजे से सामूहिक रूद्राभिषेक एवं कथा विश्राम के बाद हवन के साथ अनुष्ठान पूर्ण होगा।
कथा श्रवण करने वालों में मुख्य रूप से संजय शास्त्री, सचिन शास्त्री, आचार्य गोपाल कृष्ण पाण्डेय, अपूर्व शुक्ल, अरूण भारती, सिद्धार्थ श्रीवास्तव,  सुरजीत पाण्डेय, रमेश तिवारी, लल्लू पाण्डेय, अपूर्व शुक्ला, सत्येन्द्र श्रीवास्तव, सिद्धार्थ श्रीवास्तव, रेखा चित्रगुप्त, संध्या दीक्षित, अर्चना श्रीवास्तव, संध्या मिश्रा, सोनी, ममता पाठक, अर्पणा मिश्रा, शिवेश, शिवेश शुक्ला, प्रमोद पाण्डेय, विशाल पाण्डेय, महेन्द्र सिंह, अनिल कुमार यादव, सूरज यादव, बलराम प्रजापति, राहुल मिश्रा, विशाल मिश्रा, सौरभ बोस, विजय कुमार, विजय कन्नाजिया, आशीष, लक्ष्मी, चन्द्रावती, प्रभावती, मंजू, अंजू, शशि, ज्योति, मुराती के साथ बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।