Logo
ब्रेकिंग न्यूज़
स्वास्थ्य सेवाओं मे उत्कृष्ठ योगदान के लिए सम्मानित किये गये डा0 अजय कुमार चौधरी बिना पीएनडीटी के जी.सी.अल्ट्रासाउंड सेन्टर संचालक चला रहा है स्वास्थ्य विभाग के सीने पर हथौडा अहिल्याबाई होलकर के सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को जीवन्त कर रहे हैं मोदी, योगी-डॉ. रमापति राम त्रिपाठी योजनाओं एवं चिकित्सीय सुविधाओं के संबंध में गुणात्मक सुधार लायें  अधिकारी- मण्डलायुक्त शिकायतों पर आकृति डायग्नोस्टिक सेन्टर सील, संचालक को थमाया नोटिश, हडकम्प रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण शुरू होने पर प्रसन्नताः व्यापारियों ने बांटी मिठाई महिला उत्पीड़न से सम्बन्धित मामलों की आयोग की सदस्या ने की सुनवाई एंटी रैबीज सीरम लगाये जाने को लेकर मण्डलीय कार्यशाला सम्पन्न विश्व हिन्दू महासंघ ने सौंपा ज्ञापन, गोहत्यारों के विरूद्ध कार्रवाई की मांग एक देश एक चुनाव’ पर प्रबुद्ध समागम में चर्चा

लोक निर्माण विभाग के गाजीपुर प्रांतीय खंड में 21 करोड़ रुपये का घपला, सरकार ने दिए जांच के आदेश

शासन की बिना स्वीकृति 166 सड़कों पर इस राशि का दिखाया गया खर्च 

कबीर बस्ती न्यूज।

लखनऊ: लोक निर्माण विभाग के गाजीपुर प्रांतीय खंड में 21 करोड़ रुपये का घपला सामने आया है। शासन की बिना स्वीकृति 166 सड़कों पर इस राशि का खर्च दिखाया गया है। इस मनमानी के खिलाफ सरकार ने तत्कालीन अधिशासी अभियंता, 4 सहायक अभियंताओं व 15 अवर अभियंताओं और लेखाधिकारी के खिलाफ जांच के आदेश दे दिए हैं। दोषी पाए जाने पर बर्खास्तगी तक की कार्रवाई हो सकती है। यह घपला 2019-20 और 2020-21 में किया गया। इन दो वर्षों में 38 करोड़ रुपये का फंड डायवर्जन किया गया। इसमें 21 करोड़ ऐसे कामों पर खर्च दिखाए गए हैं, जो स्वीकृत ही नहीं थे। जबकि, शेष 17 करोड़ का डायवर्जन स्वीकृत सड़कों पर बताया जा रहा है।

वाराणसी के मुख्य अभियंता कार्यालय की प्रारंभिक रिपोर्ट में अनियमितता की पुष्टि हुई है और यह रिपोर्ट शासन को मिल चुकी है। सूत्रों के मुताबिक, गैर स्वीकृत सड़कों पर काम हुआ भी है या नहीं, पुख्ता तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता। यह आगे की जांच में पता चलेगा। प्रकरण में आगे की जांच के लिए आजमगढ़ के मुख्य अभियंता को जांच अधिकारी नामित किया गया है।
यहां बता दें कि इसी तरह की गंभीर वित्तीय अनियमितता बस्ती में 2018 में सामने आई थी। इसमें अब तक तत्कालीन एक्सईएन को बर्खास्त किया जा चुका है, जबकि दो सहायक अभियंताओं की बर्खास्तगी की संस्तुति उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग को भेजी जा चुकी है।